तेहरान/यरुशलम: पश्चिम एशिया में एक बार फिर जंग के बादल मंडराने लगे हैं। इस बार हालात पहले से कहीं ज़्यादा विस्फोटक, ज़हरीले और अनचाही तबाही के बेहद करीब पहुंच चुके हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 'तेहरान खाली करो' जैसी खुली चेतावनी और इस्राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की 'परमाणु कार्यक्रम खत्म या खात्मा' वाली धमकी ने ईरान की राजधानी को जंग में धकेल दिया है।
तेहरान की सड़कों पर अफरा-तफरी, बमबारी के बीच निकली लाइव न्यूज एंकर! :
आपको बता दें कि सोमवार को जैसे ही इस्राइल ने तेहरान के सरकारी टीवी चैनल की इमारत पर बमबारी की, लाइव प्रसारण कर रही महिला एंकर स्क्रीन से गायब हो गई। कैमरे में धमाका, चीखें और तबाही दर्ज हुई। इस घटना ने पूरी दुनिया को हिला दिया है कि युद्ध अब टीवी स्टूडियो तक पहुंच चुका है। साथ ही इजरायल ने ईरान के नए शीर्ष कमाण्डर को भी मार गिराया है।
ट्रंप बोले- तेहरान छोड़ दो, ईरान को परमाणु हथियार नहीं मिल सकता :
गौरतलब है कि कनाडा में G7 सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, “ईरान को समझौते पर हस्ताक्षर कर लेने चाहिए थे, लेकिन अब देर हो चुकी है। मैंने पहले ही कह दिया था कि ईरान परमाणु हथियार नहीं रख सकता। अब सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए।” इस चेतावनी के बाद तेहरान की सड़कों पर ट्रैफिक जाम का आलम ऐसा कि लोग अपने परिवार समेत कारों में ही रात गुजारने लगे। दहशत और भगदड़ हर गली-मोहल्ले में फैली हुई है।
नेतन्याहू की धमकी: या तो ईरान खुद खत्म करे मिसाइल कार्यक्रम, या फिर हम करेंगे! :
इस्राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने खुली प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान कर दिया, “ईरान का बैलिस्टिक और परमाणु कार्यक्रम खत्म होकर रहेगा – या तो वो खुद करेगा, या हम करेंगे। खामेनेई तक सुरक्षित नहीं हैं।”
ईरान के दो टॉप कमांडर मारे गए :
विदित है कि इजरायली मीडिया के मुताबिक, ईरान के टॉप जनरल गुलाम अली राशिद और अली शादमानी, दोनों पिछले एक हफ्ते में इस्राइली हमलों में मारे जा चुके हैं। यह वही कमांडर थे जो रणनीतिक रूप से ईरान की सैन्य आपात प्रतिक्रिया की योजना बना रहे थे। लगातार कमांडर की मौतों ने ईरानी सैन्य प्रतिष्ठान को झकझोर दिया है।
ईरानी सरकार गिरने की आशंका – नेतन्याहू ने दिया संकेत! :
आपको बता दें कि नेतन्याहू ने यह भी कहा कि “हम ईरानी सरकार को गिराने की कोशिश नहीं कर रहे, लेकिन अगर यह गिरती है तो कोई हैरानी नहीं।” इससे यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि इस्राइल अब केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है, वह ईरान के राजनीतिक नक्शे को बदलने की ओर बढ़ रहा है।
भारत ने भी उठाया कदम – दूतावास की एडवाइजरी जारी! :
ईरान में स्थित भारतीय दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों से तत्काल तेहरान छोड़ने की अपील की है। कहा गया है कि हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं, इसलिए भारतीय नागरिक भारतीय दूतावास के संपर्क में रहें और सुरक्षित क्षेत्र में जाएं।
क्या यह तीसरे विश्व युद्ध की आहट है? :
विदित है कि G7 देश इजरायल के समर्थन में उतर चुके हैं। सभी ने इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार को जायज बताया है। लेकिन सवाल ये है क्या आत्मरक्षा के नाम पर अब ईरान की राजधानी जला दी जाएगी? क्या एक सुलगता हुआ तेहरान पूरी दुनिया को अपनी आग में झोंक देगा?
विश्लेषक मानते हैं कि अगर यह टकराव अब भी नहीं रुका, तो यह सिर्फ ईरान-इस्राइल तक सीमित नहीं रहेगा। लेबनान, सीरिया, यमन, इराक से लेकर तुर्की और रूस तक इसमें खिंच सकते हैं। और तब इतिहास नहीं, तबाही खुद को दोहराएगी।