बीजिंग/वॉशिंगटन/तेहरान : मध्य-पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच चल रही तनातनी अब वैश्विक टकराव की शक्ल लेने लगी है। जहां एक तरफ अमेरिका इजरायल के साथ खड़ा नजर आ रहा है, वहीं दूसरी तरफ चीन और रूस ने खुलकर ईरान का समर्थन कर दिया है और दोनों महाशक्तियों ने अमेरिका को खुलेआम 'युद्ध की धमकी' दे डाली है। अब सवाल उठ रहा है क्या तीसरे विश्व युद्ध की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है?
चीन का ऐलान – "अगर अमेरिका कूदा, तो हम भी उतरेंगे जंग में!" :
आपको बता दें कि बीजिंग से आई इस खबर ने वैश्विक राजनीति में खलबली मचा दी है। चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ने सीधा बयान देते हुए कहा कि : "अगर इजरायल को अमेरिका जैसे देशों का समर्थन मिलेगा, तो ईरान को भी समर्थन देने वाले देश मैदान में उतरेंगे!" चीन ने यह भी कहा कि "अमेरिका को मध्य-पूर्व की आग से खुद को दूर रखना चाहिए, वरना उसके लिए अंजाम विनाशकारी हो सकते हैं।"
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने सख्त शब्दों में कहा कि : "चीन किसी भी उस कार्रवाई के खिलाफ है जो किसी देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती हो।" राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी इजरायल की सैन्य गतिविधियों को लेकर चिंता जताई है और अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह इस संघर्ष से तत्काल बाहर निकले।
रूस ने भी दी धमकी :
गौरतलब है कि इधर रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने भी कहा कि : "अमेरिका अगर इजरायल के समर्थन में सेना भेजता है, तो पश्चिम एशिया में हालात खराब हो सकते हैं!" ज़खारोवा ने कहा कि इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमले कर पूरी दुनिया को रेडिएशन के मुहाने पर खड़ा कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि : "आज चुप रहने वाले पर्यावरणविद, मानवाधिकार संगठन और वैश्विक नेता आखिर किस भय से खामोश हैं? उन्हें लगता है कि वे इस तबाही से बच जाएंगे? कोई नहीं बचेगा!" रूस के डिप्टी विदेश मंत्री सर्गेई रयाबको ने भी अमेरिका को यह कह दिया कि – "ईरान-इजरायल युद्ध से दूर रहो, वरना परिणाम भयावह हो सकते हैं।"
कैसे बना ये युद्ध एक वैश्विक महायुद्ध का रूप? :
गौरतलब है कि इजरायल ने हाल ही में ईरान के परमाणु ठिकानों पर ड्रोन से हमला किया। ईरान ने प्रतिशोध की चेतावनी दी और अपनी मिसाइल रक्षा प्रणाली सक्रिय कर दी। इसके बाद अमेरिका ने अपने 2 एयरक्राफ्ट कैरियर मध्य-पूर्व क्षेत्र में तैनात किए। चीन ने अमेरिका को चेताया कि आगे आये तो हम भी युद्ध मे शामिल हो सकते हैं। रूस ने भी साफ किया कि युद्ध की एक चिंगारी से पूरा इलाका तबाह हो जाएगा।
क्या यह तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत है? :
आपको बता दें कि राजनयिक हलकों में चर्चा है कि अगर अमेरिका सीरिया या इराक की तरह इस संघर्ष में कूदता है, तो ईरान-चीन-रूस गठबंधन सक्रिय हो जाएगा। इसे लेकर ब्रिटेन के सैन्य विशेषज्ञ जोनाथन पावेल ने चेताया –"इस बार की जंग Conventional नहीं होगी, यह Cyber, Nuclear और Space तक फैलेगी। और तब मानवता के पास कुछ नहीं बचेगा।"
अमेरिका ने साधी चुप्पी :
आपको बता दें कि अभी तक अमेरिका की ओर से कोई आधिकारिक युद्ध घोषणा नहीं हुई है, लेकिन पेंटागन ने मध्य-पूर्व में अपने बेस अलर्ट कर दिए हैं। वहीं CIA और Mossad के बीच गुप्त बैठकों की खबरें भी सामने आई हैं। व्हाइट हाउस में बैठकों का दौर जारी है, लेकिन चुप्पी डराने वाली है।
अगर इजरायल और ईरान की यह जंग आगे बढ़ी और अमेरिका कूदा, तो चीन और रूस की एंट्री तय है। यानी तीसरे विश्व युद्ध की ज़मीन तैयार हो चुकी है। अब सवाल सिर्फ यह है क्या ये तबाही रोकी जा सकेगी।