नई दिल्ली/पटना: बिहार की वोटर लिस्ट को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। राज्य में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान बड़ी संख्या में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के नागरिकों की मौजूदगी सामने आई है। चुनाव आयोग ने इस पर गंभीरता से कार्रवाई शुरू कर दी है और पूरे देश में नई वोटर लिस्ट तैयार करने की तैयारी भी तेज कर दी है।
लाखों की संख्या में विदेशी नागरिक
चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार में घर-घर जाकर मतदाता सूची अपडेट कर रहे बीएलओ (Booth Level Officer) को कई ऐसे लोग मिले हैं, जो भारतीय नागरिक नहीं हैं, बल्कि बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के मूल निवासी हैं। अधिकारियों ने माना है कि इनकी संख्या लाखों में हो सकती है।
1 अगस्त से शुरू होगी जांच :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चुनाव आयोग ने साफ किया है कि 1 अगस्त से विदेशी नागरिकों की व्यापक जांच की जाएगी। जिनके पास भारतीय नागरिकता के वैध दस्तावेज नहीं होंगे, उनके नाम 30 सितंबर को प्रकाशित होने वाली फाइनल वोटर लिस्ट से हटा दिए जाएंगे।
एनुमरेशन फॉर्म जमा लेकिन डॉक्युमेंट्स पर चुप्पी :
गौरतलब है कि बिहार में चुनाव आयोग को अब तक 80% से अधिक एनुमरेशन फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं, जिनका डेटा सॉफ़्टवेयर में अपलोड किया जा रहा है। हालांकि आयोग ने यह खुलासा नहीं किया कि कितने लोगों ने जन्म प्रमाणपत्र या अन्य वैध दस्तावेज दिए हैं।
दस्तावेजों में गांव आगे, शहर पीछे?
आपको बता दें कि आयोग के अधिकारी यह संकेत दे रहे हैं कि जब आंकड़े सार्वजनिक होंगे, तो हो सकता है कि ग्रामीण इलाकों में शहरी क्षेत्रों की तुलना में नागरिकता के प्रमाण अधिक मिलें। हालांकि यह जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।
देशभर में इंटेंसिव रिवीजन की तैयारी :
विदित है कि बिहार में वोटर लिस्ट को लेकर मचे हड़कंप के बाद अब चुनाव आयोग पूरे देश में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की तैयारी में है। कई राज्यों में मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने पिछली बार हुए SIR के डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना शुरू कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की नजर, अगस्त से देशव्यापी प्रक्रिया संभव :
गौरतलब है कि बिहार की वोटर लिस्ट से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच चुका है। 28 जून को सुनवाई के बाद यह तय हो सकता है कि क्या पूरे देश में नई वोटर लिस्ट बनाने का फैसला लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, आयोग अगस्त से देशभर में मतदाता सूचियों का SIR शुरू कर सकता है।
आने वाले चुनावों पर असर संभव :
आपको बता दें कि इस वक्त बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही है, वहीं 2026 में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। ऐसे में वोटर लिस्ट में विदेशी घुसपैठियों की मौजूदगी एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकती है।
यह खुलासा न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश के लिए गंभीर संकेत है। क्या विदेशी नागरिक भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं? और क्या अब तक की मतदाता सूचियों में खामियों के चलते चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हुई है? ये सवाल अब और ज़ोर से गूंजने लगे हैं। चुनाव आयोग एक्शन मोड में है, लेकिन क्या यह पर्याप्त होगा यह तो आने वाले दिनों में सामने आएगा