900 करोड़ रुपये के FNG एक्सप्रेस वे योजना को 13 साल बाद मिली हरी झंडी!: 56 किमी होगी लम्बाई, उद्योगों को मिलेगा बूस्ट, जानें क्या है FNG और क्यूँ लटक गया था प्रोजेक्ट?
900 करोड़ रुपये के FNG एक्सप्रेस वे योजना को 13 साल बाद मिली हरी झंडी!

 नोएडा/गाजियाबाद/फरीदाबाद : NCR के लाखों वाहन चालकों के लिए बड़ी खबर आई है। 13 साल से ठंडे बस्ते में पड़ी FNG (फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद) एक्सप्रेसवे योजना को अब आखिरकार हरी झंडी मिल गई है। नोएडा प्राधिकरण और हरियाणा PWD के बीच हुई ताज़ा बैठक में तय हुआ कि इस इंटर-स्टेट हाईवे पर जल्द काम शुरू होगा। 900 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला 56 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे NCR के तीन बड़े शहरों को सीधे जोड़ेगा। इससे दिल्ली के जाम से निजात मिलेगी और नोएडा के औद्योगिक सेक्टरों को नई रफ्तार मिलेगी।

कहां-कहां से गुजरेगा FNG? :

गौरतलब है कि इस हाईवे का 23 किमी नोएडा में रहेगा वहीं शेष हिस्सा गाजियाबाद और फरीदाबाद में बनेगा। इस योजना के दौरान यमुना पर 600 मीटर लंबा पुल बनेगा, जो नोएडा को फरीदाबाद से जोड़ेगा। इस पुल की लागत 200 करोड़ रुपये होगी और इसका खर्च दोनों राज्य 50-50 प्रतिशत उठाएंगे।

क्यों अटक गया था प्रोजेक्ट? :

आपको बता दें कि 2011 में FNG एक्सप्रेसवे की योजना तैयार हुई थी। लेकिन प्रशासनिक उलझनें, राज्यों के बीच समन्वय की कमी, फंडिंग विवाद और चुनावी झंझटों के चलते प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया। इस बीच NCR में ट्रैफिक का बोझ बढ़ता गया  लेकिन FNG सिर्फ एक सपना बना रहा। लेकिन हाल ही में इस प्रोजेक्ट को प्राधिकरण ने हरी झंडी दिखा दी है जिससे आस पास के नागरिकों को जाम से मुक्ति मिल जाएगी। अब नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम का साफ कहना है : "अब हर पहलू की जांच करके काम शुरू होगा। फिजिबिलिटी से लेकर DPR तक सभी रिपोर्ट अपडेट हो चुकी हैं।"

कैसा होगा नया इन्फ्रास्ट्रक्चर? :

आपको बता दें कि इस परियोजना में एक एलिवेटेड रोड (650 मीटर लंबी) रहेगा जिसमें 633 करोड़ रुपये का बजट लगेगा। इस दौरान दो बड़े अंडरपास बनेंगे जिसमें एक बनकर तैयार है और दूसरा 150 करोड़ की लागत से बनेगा। इसके साथ ही सेक्टर 168-167A के बीच यमुना ब्रिज बनेगा।

औद्योगिक सेक्टरों को मिलेगा बूस्ट :

जानकारी के अनुसार FNG नोएडा के 17 औद्योगिक सेक्टरों से होकर गुजरेगा, जिनमें 1000+ इंडस्ट्रियल यूनिट्स हैं। इससे माल ढुलाई और कर्मचारियों की आवाजाही आसान होगी। इस परियोजना से कालिंदी कुंज, DND फ्लाईवे, नोएडा मास्टर प्लान रोड का ट्रैफिक घटेगा।

किसे मिलेगा सबसे बड़ा फायदा? :

गौरतलब है कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद से गाजियाबाद से फरीदाबाद के बीच सफर में अब दिल्ली से होकर नहीं जाना पड़ेगा। इस दौरान नोएडा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर फरीदाबाद के निवासियों को नया वैकल्पिक रूट मिलेगा। इससे औद्योगिक कारोबार को बूस्ट मिलेगा।

जानें क्या रहेगी चुनौती? :

आपको बता दें कि इस परियोजना के दौरान यमुना ब्रिज सबसे अहम कड़ी साबित होगी। क्योंकि ये 2 राज्यों के बीच फंडिंग बँटवारे से बनेगा। DPR को अंतिम मंजूरी मिलने के बाद टेंडरिंग शुरू होगी। विदित है कि नोएडा-हरियाणा के बीच फंड का बंटवारा तय हो चुका है।इसके ट्रैफिक प्लानिंग और सिक्योरिटी को भी हाई प्रायोरिटी दी जाएगी। अधिकारियों का दावा है कि
"इस बार FNG को हर हाल में पूरा किया जाएगा। NCR के ट्रैफिक पर इसका असर वैसा ही होगा, जैसा दिल्ली मेट्रो के शुरू होने पर पड़ा था। एक नया ट्रैफिक नेटवर्क तैयार होगा।

FNG कब तक पूरी होगी? :

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम के अनुसार : "हर पहलू पर बारीकी से काम हो रहा है। कोशिश है कि 2025 के अंत तक काम शुरू हो जाए और 2026 तक पहला फेज चालू हो।"

NCR के लोगों की 13 साल पुरानी उम्मीदें अब हकीकत बनने के करीब हैं। FNG एक्सप्रेसवे से जहां दिल्ली के जाम से राहत मिलेगी, वहीं उद्योग जगत को नई उड़ान मिलेगी। FNG आम लोगों के लिए भी नई लाइफलाइन बनने जा रहा है।

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