नोएडा में लिफ्ट रजिस्ट्रेशन न करानें पर होगी कार्रवाई, डीएम ने बैठक में दिए निर्देश!: 80,000 लिफ्ट में मात्र इतनी रजिस्टर्ड...जानें क्या है रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और जुर्मानें की रकम?
नोएडा में लिफ्ट रजिस्ट्रेशन न करानें पर होगी कार्रवाई, डीएम ने बैठक में दिए निर्देश!

ग्रेटर नोएडा : नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हाईराइज सोसाइटीज़ में रहने वालों के लिए ये खबर चेतावनी है अगर आपकी लिफ्ट का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ तो करवा लीजिए नहीं तो कभी भी बंद किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 2024 से नया कानून लागू किया है – "उत्तर प्रदेश लिफ्ट एवं एस्केलेटर अधिनियम-2024", जिसके तहत हर लिफ्ट और एस्केलेटर का अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना जरूरी है। लेकिन हकीकत ये है कि जिले की 80,000 लिफ्टों में से सिर्फ लगभग 3,500 का ही अब तक पंजीकरण हो पाया है। मतलब, करीब 95% लिफ्टें अभी तक कानून के बाहर चल रही हैं!

डीएम की चेतावनी: “अब कोई बहाना नहीं चलेगा!” :

आपको बता दें कि जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बीते बुधवार को आरडब्ल्यूए और एओए प्रतिनिधियों के साथ कलेक्ट्रेट में बैठक कर स्पष्ट निर्देश दिए कि : "हर सोसाइटी, हर बिल्डिंग, हर टॉवर — जहां भी लिफ्ट है — उसका पंजीकरण 2024 अधिनियम के तहत तत्काल कराएं। नहीं तो सख्त जुर्माना और कानूनी कार्रवाई होगी!”

कानून तोड़ने पर क्या होगा? :

आपको बता दें कि डीएम ने विलंब शुल्क का चार्ट भी पेश किया है जिसमे देरी करने पर जुर्माने की राशि का वर्णन है। नीचे क्रमशः दिन और जुर्माने की राशि लिखी गयी है।

0–7 दिन -     ₹100 प्रतिदिन
8–15 दिन     - ₹200 प्रतिदिन
16–30 दिन -     ₹500 प्रतिदिन
30 दिन से अधिक -     ₹10,000 + लिफ्ट बंद

यह केवल फाइन नहीं, बल्कि “लिफ्ट को तुरंत सील करने” का आदेश भी है।

क्यों लाया गया ये नया कानून? :

उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक, हर साल लिफ्ट से जुड़ी दुर्घटनाओं में दर्जनों लोग घायल या मृत होते हैं।
इन घटनाओं में सबसे बड़ी वजह होती है बिना पंजीकरण चल रही लिफ्ट, रखरखाव की अनदेखी, ऑपरेटर की जिम्मेदारी तय न होना आदि है। अब ये नया कानून सुनिश्चित करेगा कि हर लिफ्ट की ऑडिट, रखरखाव, तकनीकी जांच और लाइसेंस समय से हो।

आपकी सोसाइटी में क्या हो रहा है? :

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब रेजिस्ट्रेशन बिना लिफ्ट चलाने पर एकदम सख्ती बरती जा रही है ऐसे में क्या आपने अपनी सोसाइटी के लिफ्ट में कभी देखा है :

●लिफ्ट का रजिस्ट्रेशन नंबर बाहर लिखा है? 

●लिफ्ट इमरजेंसी अलार्म काम करता है?

●इमरजेंसी में कोई नंबर मौजूद है?

●आखिरी मेंटेनेंस कब हुआ?

अगर इनमें से कोई जवाब “नहीं” है, तो आपकी बिल्डिंग भी खतरे में है।

एओए की भूमिका अब और बड़ी :

आपको बता दें कि डीएम ने कहा कि : "अब आरडब्ल्यूए और एओए को ज़िम्मेदारी लेनी होगी। वे सोसाइटी के निवासियों को नियमों की जानकारी दें, दस्तावेज तैयार करें और रजिस्ट्रेशन जल्द कराएं। कोई भी लापरवाही अब जन सुरक्षा से खिलवाड़ मानी जाएगी।”

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या है :

1. आवेदन पत्र भरना (विद्युत सुरक्षा निदेशालय की वेबसाइट से)

2. तकनीकी प्रमाण पत्र संलग्न करना

3. पिछले मेंटेनेंस रिकॉर्ड देना

4. फीस जमा कराना

5. निरीक्षण टीम की मंज़ूरी प्राप्त करना

6. लिफ्ट के बाहर रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित करना

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लिफ्ट का मतलब अब सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि कानूनी जिम्मेदारी है। अब कानून तोड़ना मतलब जुर्माना, मुकदमा और देरी पर लिफ्ट की सीलिंग भी की जा सकती है। अब नोएडा की हर ऊंची बिल्डिंग पर प्रशाषन की नजर है।

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