क्या परिसीमन के बाद बदलेंगे चुनावी समीकरण!: नगरीय सीमाओं के बढ़ने से यूपी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 में घट रहें हैं पद; जहां 1500 BDC समेत इतनी जिला पंचायत सीटें हो रही हैं कम...जानें पूरी खबर?
क्या परिसीमन के बाद बदलेंगे चुनावी समीकरण!

लखनऊ/ग्रेटर नोएडा : उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2026 से पहले परिसीमन ने इस बार बड़ा झटका दे दिया है। जिन सीटों पर नेता और भावी उम्मीदवार लोग अभियान की तैयारी कर रहे थे, उनमें से कई अब अस्तित्व में ही नहीं रहेंगी। आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में इस बार जिला पंचायत सदस्य के करीब 40 पद, बीडीसी (क्षेत्र पंचायत सदस्य) के लगभग 1500 वार्ड और ग्राम पंचायतों के 4608 वार्ड कम हो गए हैं। यानी हजारों उम्मीदवारों के चुनावी समीकरण सीधे-सीधे बदल जाएंगे।

क्यों घट गए इतने वार्ड?

आपको बता दें कि बीते पांच साल में नए नगर निकायों का गठन और पुरानी नगर सीमाओं के विस्तार ने पंचायत चुनाव पर सीधा असर डाला है। नगरीय सीमा के अंदर आने वाले गांव व इलाके अब पंचायत-व्यवस्था से बाहर हो गए हैं। इसके परिणामस्वरूप सीटें स्वतः कम हो गईं।

अब घटकर कितनी रह जायेगी सीटें :

गौरतलब है कि प्रदेश में पहले 3050 जिला पंचायत सीटें थीं, परिसीमन के बाद यह घटकर 3011 रह जाएंगी। वहीं बीडीसी वार्डों की संख्या 75845 से घटकर 74345 हो जाएगी। साथ ही ग्राम पंचायत वार्ड 732643 से घटकर 728035 रह जाएंगे। ग्राम पंचायतों की कुल संख्या भी 58,189 से घटकर 57,694 हो चुकी है।

अबकी बार समीकरण बदलेंगे :

विदित है कि पंचायतीराज निदेशक अमित सिंह ने साफ किया है कि वार्ड पुनर्गठन की रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है। अभी तक 47 जिलों ने रिपोर्ट भेजी है जबकि बाकी 28 जिलों से रिपोर्ट मांगी गई है। रायबरेली, सीतापुर, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर, कुशीनगर, गाजियाबाद, झांसी, आगरा जैसे बड़े जिलों की रिपोर्ट भी जल्द भेजी जाएगी।

ग्रेटर नोएडा का नया परिसीमित नक्शा :

आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्रशासन ने भी परिसीमन की अंतिम सूची जारी कर दी है। यहां जिला पंचायत के सभी 5 वार्ड बदले गए हैं। जिससे करीब 1.80 लाख की आबादी का क्षेत्र इधर-उधर किया गया है। साथ ही 82 ग्राम पंचायतों और 112 क्षेत्र पंचायत वार्डों में छोटे-छोटे बदलाव किए गए हैं। हालांकि, बड़े पैमाने पर ग्राम पंचायत और बीडीसी वार्डों को जस का तस रखा गया है।

यीडा के 11 गांव पंचायत व्यवस्था से बाहर :

गौरतलब है कि यीडा क्षेत्र के 11 गांवों को पंचायत व्यवस्था से हटा दिया गया है। इन्हें इस बार के पंचायत चुनाव के परिसीमन में शामिल ही नहीं किया गया।

आरक्षण पर भी नई तैयारी :

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पंचायत चुनाव में आरक्षण तय करने के लिए समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग गठित होगा। यह आयोग ‘ट्रिपल टेस्ट’ के जरिए तय करेगा कि किसे कितनी सीटें आरक्षित मिलेंगी।

चुनावी जमीन बदलने को तैयार :

विदित है कि अगले साल 26 मई 2026 को ग्राम प्रधानों, 19 जुलाई को क्षेत्र पंचायत प्रमुखों और 11 जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्षों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। यानी उससे पहले ही नया परिसीमन लागू हो जाएगा। इसका सीधा असर प्रत्याशियों और मतदाताओं पर पड़ेगा।

अब देखना यह होगा कि वार्ड घटने और सीमाएं बदलने के बाद किसके राजनीतिक सपने पूरे होंगे और किसके टूटेंगे।

अन्य खबरे