लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अब दिल्ली-NCR की तर्ज पर नया रूप लेने जा रही है। इसे सिर्फ राजधानी नहीं बल्कि वैश्विक स्तर की स्मार्ट और ग्रीन सिटी बनाने की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) नाम से एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की गई है।
इन 6 जिलों को किया जाएगा शामिल :
आपको बता दें कि इस योजना के तहत लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, हरदोई और सीतापुर के कुछ हिस्सों को मिलाकर एक ऐसा रीजन विकसित होगा, जो आने वाले वक्त में उत्तर प्रदेश का सबसे आधुनिक और टिकाऊ शहरी मॉडल साबित हो सकता है।
380 पेज का मास्टरप्लान तैयार :
गौरतलब है कि 380 पन्नों की मास्टर प्लान रिपोर्ट बन चुकी है और अब LDA इसे सरकार के पास भेजने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही इस योजना का लोगो और सिनॉप्सिस (40 पन्नों का सारांश) लॉन्च करेंगे।
दिल्ली NCR और मुंबई MMR से प्रेरित :
आपको बता दें कि लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) का कहना है कि यह प्लान दिल्ली-NCR और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) से प्रेरित है। जहां आबादी, उद्योग और यातायात का संतुलित विकास हुआ है, उसी पैटर्न पर राजधानी और उसके आसपास के जिलों को विकसित करने की तैयारी है। रिहायशी इलाकों के साथ-साथ औद्योगिक ज़ोन, हरित क्षेत्र और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर बराबर जोर रहेगा।
जनता की भागीदारी होगी अहम :
विदित है कि इस प्लान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें जनता की राय को भी शामिल किया जाएगा। LDA ने ऑनलाइन पोर्टल और सुझाव पेटियां लगाने की तैयारी कर ली है, जहां आम लोग अपनी राय और सुझाव दे सकेंगे। यानी विकास सिर्फ सरकार और अफसरों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि हर नागरिक की भागीदारी होगी।
SCR से क्या बदलेगा लखनऊ का भविष्य?
आपको बता दें कि अगर यह योजना ज़मीन पर उतरती है तो लखनऊ और आसपास के जिले न सिर्फ कागज़ों में बल्कि हकीकत में भी एक आधुनिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर का शहरी रीजन बन जाएंगे। इससे निम्नलिखित बदलाव होगा।
हाईवे और रिंग रोड – कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
वॉटर मैनेजमेंट बढ़ेगा – गोमती और अन्य जलस्रोतों का संरक्षण होगा।
स्लम का होगा पुनर्विकास – अवैध निर्माण पर रोक लगेगी और नया विकास होगा।
मेट्रो का होगा विस्तार – लखनऊ से सटे जिलों तक भी मेट्रो पहुंचेगी।
किफायती आवासीय प्रोजेक्ट होगा लांच – हर वर्ग को मिलेगा सुरक्षित घर।
औद्योगिक ज़ोन और SEZ का होगा निर्माण – जिससे MSME और बड़े निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का होगा निर्माण – हाई स्पीड इंटरनेट और स्मार्ट सुविधाएं बढ़ेगी।
स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम बनेगा – इलेक्ट्रिक बस, BRTS और चार्जिंग स्टेशन का होगा निर्माण।
सौर ऊर्जा और हरित विकास – प्रदूषण कम, पर्यावरण सुरक्षित होगा।
स्किल डेवेलपमेंट और स्टार्टअप हब – इससे युवाओं को रोज़गार मिलेगा।
नए दौर की राजधानी :
विदित है कि लखनऊ को लोग अब तक सिर्फ नवाबी तहज़ीब और गोमती नगर जैसे हाई-टेक इलाकों तक पहचानते रहे हैं, लेकिन SCR लागू होने के बाद राजधानी एक “भविष्य का ग्लोबल सिटी मॉडल” बनेगी। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा, निवेश आएगा, रोजगार बढ़ेगा और जीवन की गुणवत्ता सुधरेगी।
कुल मिलाकर, लखनऊ बदलने वाला है। अब यह सिर्फ राजनीतिक राजधानी नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत का आर्थिक और शहरी हब बनने की दिशा में कदम रख चुका है।