लखनऊ में फर्जी IAS का पर्दाफाश; ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे!: ढेरों लग्जरी गाड़ियाँ, फर्जी पास और करोड़ों की ठगी का साम्राज्य...जानें जांच में चौंकाने वाले खुलासे
लखनऊ में फर्जी IAS का पर्दाफाश; ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे!

लखनऊ : दरअसल लखनऊ पुलिस ने राजधानी के बीचोबीच एक ऐसे शातिर ठग को दबोचा है, जिसने फर्जी IAS बनकर न सिर्फ सिस्टम बल्कि पूरे प्रदेश को चकमा दिया। इस फर्जी आईएएस का नाम सौरभ त्रिपाठी है। असली IAS जैसी ठसक, महंगी गाड़ियों का काफिला, नकली सचिवालय पास, निजी बॉडीगार्ड और नेताओं-अधिकारियों संग तस्वीरें साथ ही सबकुछ इतना असली कि लोग आसानी से उसके झांसे में आ जाते थे।

कैसे खुला फर्जी IAS का खेल?

आपको बता दें कि बुधवार रात कारगिल शहीद पार्क के पास चेकिंग के दौरान पुलिस ने डिफेंडर गाड़ी रोकी। गाड़ी पर भारत सरकार, उत्तर प्रदेश शासन लिखा था। कागज जांचे गए तो सब फर्जी निकला। जब सख्ती से पूछताछ हुई तो राजफाश हुआ कि “IAS” साहब दरअसल एक बड़े ठग निकले।

IAS की तरह ठाठ-बाट :

गौरतलब है कि इस फर्जी IAS के पास 6 लग्जरी गाड़ियां यानी डिफेंडर, फॉर्च्यूनर, इनोवा, मर्सिडीज मिली साथ ही हर गाड़ी पर फर्जी पास पाए गए। साथ ही वह निजी बॉडीगार्ड भी रखता था जिसमें एक गार्ड तो पुलिस की वर्दी पहनकर घूमता था। वहीं वह अपनी सोशल मीडिया इमेज बनाये रखने के लिए कथावाचक प्रेमभूषण महाराज, मंत्रियों और अफसरों के साथ तस्वीरें डालकर लोगों को विश्वास दिलाता था कि वह असली IAS है। उसके पास फर्जी दस्तावेजों का जाल मिला है जिसमें नकली आईडी, विजिटिंग कार्ड, सचिवालय पास, NIC मेल आईडी और लेटरहेड शामिल है।

यूपी से लेकर दिल्ली तक फैला नेटवर्क :

विदित है कि सौरभ त्रिपाठी केवल यूपी में ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और दिल्ली तक “IAS” बनकर सरकारी सुविधाएं ऐंठता रहा। यूपी में खुद को प्रदेश सरकार का विशेष सचिव बताता। बाहर के राज्यों में केंद्र सरकार का सचिव बन जाता। कहीं ठगी करता, तो कहीं सरकारी अधिकारियों से “गिफ्ट” ले जाता।

आलीशान जिंदगी जीता :

गौरतलब है कि सौरभ लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार, शालीमार वन वर्ल्ड के फ्लैट में अफसरों जैसा रहन-सहन करता था। आस-पास के लोगों को कभी शक तक नहीं हुआ कि उनके बीच कोई फर्जी IAS रह रहा है। उसका दूसरा पता नोएडा सेक्टर-35 और तीसरा मऊ में मिला।

पुलिस की जांच में क्या-क्या मिला :

गौरतलब है कि पुलिस की जांच में अब तक 6 गाड़ियां और 11,000 रुपए कैश बरामद किये गए हैं। कई राज्यों में किए गए फर्जीवाड़े की पड़ताल जारी है। फर्जी बॉडीगार्ड और पुलिस वर्दी कहां से आई इस पर भी पूछताछ की जा रही है। जिन अफसरों और नेताओं के साथ उसने फोटो खिंचवाई, उनसे भी पुलिस डिटेल निकाल रही है।

कैसे ठगता था लोग?

आपको बता दें कि सौरभ अक्सर कहता - “जल्द यूपी कैडर में लौट रहा हूं, बड़ा विभाग मिलने वाला है”। लोगों के रुके हुए काम जल्दी कराने का वादा करता और रुपए वसूल लेता। फिर काम अटका कर रखता, लेकिन रौब और गाड़ियों की ठसक दिखाकर भरोसा बनाए रखता।

सिस्टम पर बड़े सवाल :

विदित है कि सोचने वाली बात यही है कि कैसे कोई ठग फर्जी IAS गवर्नमेंट मीटिंग्स तक पहुंच जाता था? जहां और लोगों को अंदर जाना तो दूर, सचिवा-लय के आस-पास बिना बात के खड़ा होना भी आसान नहीं है, वहां यह ठग इतनी आसानी से एंट्री ले लेता था।

पुलिस फिलहाल पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है। लेकिन इस मामले ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारे सरकारी सिस्टम में पहचान और सुरक्षा की जांच बस दिखावा है?

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