लखनऊ : उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में एक क्रांतिकारी परिवर्तन होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिषदीय स्कूलों को पूरी तरह बदल देने वाली एक ऐतिहासिक योजना को हरी झंडी दे दी है। अब राज्य के वे सरकारी स्कूल, जिनमें 500 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं, "आदर्श विद्यालय" में तब्दील किए जाएंगे और इसके लिए सरकार ने ₹2000 करोड़ की भारी-भरकम रकम स्वीकृत कर दी है।
यूपी के इतिहास की सबसे बड़ी शिक्षा योजना :
आपको बता दें कि यह योजना न सिर्फ यूपी के शिक्षा इतिहास में सबसे बड़ी निवेश योजना मानी जा रही है, बल्कि इसे "बेसिक शिक्षा क्रांति" के रूप में देखा जा रहा है। अब सरकारी स्कूलों में सिर्फ ब्लैकबोर्ड और चॉक नहीं होंगे, बल्कि वहां स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, आधुनिक पुस्तकालय, एमडीएम शेड, क्लब रूम और डिजिटल एजुकेशन के पूरे साजो-सामान भी होंगे।
क्या बदलेगा स्कूलों में?
गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने खुद ऐलान किया कि यह महज “इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार” नहीं, बल्कि एक “शिक्षा संस्कार” है। उन्होंने कहा कि "हम सिर्फ स्कूल उपस्थिति नहीं, गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और समग्र विकास की बात कर रहे हैं।” अब जो विद्यालय ‘आदर्श स्कूल’ की श्रेणी में आएंगे, उन्हें जो सुविधाएं दी जाएंगी, उनमें स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर और ICT लैब, मल्टीपर्पज हॉल, ‘लर्निंग बाय डुइंग’ स्पेस, एमडीएम किचन शेड, शुद्ध पेयजल, रैंप, टॉयलेट, चारदीवारी, लाइब्रेरी रूम और क्लब रूम इत्यादि शामिल है।
क्यों हुआ यह फैसला?
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि संदीप सिंह ने कहा कि कम बच्चों वाले स्कूलों में संसाधन होते हैं लेकिन परिणाम नहीं; जबकि ज़्यादा बच्चों वाले स्कूल सीमित संसाधनों में भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं। इसलिए सरकार ने तय किया कि 500+ छात्र संख्या वाले स्कूलों को पहले अपग्रेड किया जाएगा। इससे संसाधनों का सही उपयोग, सामूहिक सहभागिता और शैक्षिक अनुभवों में ज़बरदस्त सुधार होगा।
टीचर और स्टूडेंट्स दोनों के लिए फायदेमंद :
गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने बताया कि इस योजना से छात्र संख्या में बढ़ोतरी होगी, ‘पियर लर्निंग’ यानी साथी से सीखने की प्रक्रिया को प्रोत्साहन मिलेगा एवं शिक्षक कक्षा में समयबद्ध ढंग से पढ़ा सकेंगे साथ ही सह-शिक्षण और काम का सही विभाजन आसान होगा।
बच्चों को मिलेगा अनुभवात्मक शिक्षा :
आपको बता दें कि सरकार ने साफ किया है कि यह योजना सिर्फ दीवारें खड़ी करने के लिए नहीं, शिक्षा की गुणवत्ता को नया आकार देने के लिए है। अब बच्चों को अनुभवात्मक शिक्षा (Experiential Learning) के ज़रिए सीखने का मौका मिलेगा जो उनके सोचने, करने और समझने की क्षमता को निखारेगा।
2025-26 से होगा नया अध्याय शुरू :
गौरतलब है कि यह संपूर्ण कायाकल्प वित्तीय वर्ष 2025-26 से धरातल पर उतरेगा। स्कूलों की पहचान, निर्माण कार्य और उपकरणों की आपूर्ति की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जाएगी।
योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश की शिक्षा में मील का पत्थर साबित हो सकती है। 'आदर्श विद्यालय' योजना न केवल बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाएगी, बल्कि बच्चों को सीखने के लिए वह माहौल देगी, जिसकी कल्पना आज तक केवल निजी स्कूलों में होती थी। यह योजना हर बच्चे के भविष्य को स्मार्ट, डिजिटल और उज्ज्वल बनाने की नींव है