10 हजार स्कूलों पर लगा ताला, अब वहीं खुलेंगे आंगनबाड़ी केंद्र!: यूपी में 'बाल-वाटिका' बनकर लौटेंगे बंद स्कूल, इतने दिन के अंदर होगा सर्वे?
10 हजार स्कूलों पर लगा ताला, अब वहीं खुलेंगे आंगनबाड़ी केंद्र!

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य के 10,827 सरकारी (परिषदीय) स्कूलों को कम नामांकन (कम बच्चों के दाखिले) की वजह से बंद (विलय/पेयरिंग) कर दिया गया है। अब इन बंद स्कूलों के खाली पड़े भवनों का इस्तेमाल आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए किया जाएगा। यानी अब वही स्कूल भवन, "बाल वाटिका" के रूप में छोटे बच्चों (3–6 साल के) की पहली पाठशाला बनेंगे।

क्या होता है स्कूल का पेयरिंग/विलय?

आपको बता दें कि जब किसी स्कूल में बच्चों की संख्या बहुत कम हो जाती है, तो सरकार उसे पास के दूसरे स्कूल में मिला देती है। इससे संसाधनों का सही उपयोग होता है। ऐसे स्कूलों को "पेयर किया गया स्कूल" कहा जाता है।

अब इन स्कूल भवनों में क्या होगा?

गौरतलब है कि इन स्कूलों को अब निम्नलिखित तरीकों से प्रयोग में लिया जाएगा।

 1. आंगनबाड़ी केंद्रों को शिफ्ट किया जाएगा।

 2. इन्हें "बाल वाटिका" का नाम दिया जाएगा, यानी नर्सरी जैसे छोटे बच्चों की कक्षाएं यहाँ चलेंगी।

 3. इन भवनों का बच्चों के लिए बेहतर ढंग से इस्तेमाल किया जाएगा।

इस बदलाव की वजह क्या है?

सरकार के अनुसार कई सरकारी स्कूलों में नामांकन बहुत कम हो गया है। दूसरी ओर, आंगनबाड़ी केंद्र पंचायत भवन या जर्जर जगहों पर चल रहे हैं। इन स्कूल भवनों को इस्तेमाल में लाकर सरकारी संसाधनों का सही उपयोग होगा। छोटे बच्चों को अच्छा वातावरण मिलेगा।

कैसे होगा ये काम?
 
आपको बता दें कि यह काम निम्नलिखित तरीके से होगा।

 1. हर जिले में एक कमेटी बनेगी (CDO, BSA, DPO, BEO, आदि अफसरों की)।

 2. कमेटी 15 दिन के अंदर सर्वे करेगी – कौन से स्कूल भवन आंगनबाड़ी के लिए उपयुक्त हैं।

 3. प्रधान, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और अभिभावकों की बैठक होगी।

 4. सहमति मिलने के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों को उन स्कूल भवनों में शिफ्ट किया जाएगा।

इसका क्या फायदा होगा?

विदित है कि सरकार के इस कदम से छोटे बच्चों को अच्छी बिल्डिंग और सुविधाएं मिलेंगी। वहीं अब आंगनबाड़ी केंद्र पक्के भवनों में होंगे, बारिश, गर्मी, ठंड का असर कम होगा। महिला कार्यकर्ताओं को बेहतर कार्यस्थल मिलेगा। गाँवों में बाल शिक्षा का स्तर सुधरेगा।

जानें क्या है चुनौतियाँ ?

आपको बता दें कि इस प्रक्रिया में कई चुनौतियां भी आने वाली है जैसे बंद स्कूलों के आसपास के बच्चों को अब दूसरी जगह जाना होगा। आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए सफाई, बिजली-पानी की व्यवस्था करनी होगी। हर जगह अभिभावकों और ग्राम प्रधान की सहमति जरूरी होगी।

यूपी सरकार का यह फैसला जितना बड़ा है, उतनी ही संवेदनशीलता से इसके क्रियान्वयन की जरूरत है। सरकार ने जो स्कूल बंद किए हैं, उन्हें खाली नहीं छोड़ा जा रहा, बल्कि बच्चों के भविष्य के लिए नए रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। "बाल वाटिका" एक ऐसा प्रयोग है जो अगर सफल होता है तो पूरे देश में मॉडल बन सकता है।

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