जयपुर : राजस्थान की राजधानी जयपुर में रविवार देर रात सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में हुए भीषण अग्निकांड ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया। देर रात करीब 11:20 बजे न्यूरो ICU में लगी आग ने कुछ ही मिनटों में वार्ड को धुएं से भर दिया। मरीजों के बीच अफरा-तफरी मच गई और देखते ही देखते 8 मरीजों की मौत हो गई, जिनमें 3 महिलाएं भी शामिल हैं। चश्मदीदों के अनुसार, हादसे के वक्त वार्ड में मौजूद स्टाफ पहले तो घबराकर बाहर भाग गया, जबकि मरीजों के परिजन अपने दम पर लोगों को बाहर निकालने की कोशिश करते रहे। धुएं और टॉक्सिक गैसों के कारण ज्यादातर मरीजों का दम घुट गया।
“पहले धुआं निकला, फिर चीखें सुनाई दीं...” — चश्मदीदों की दर्दनाक दास्तान
आपको बता दें कि भरतपुर के रहने वाले शेरू, जिनका भाई ICU में भर्ती था, ने बताया “हमने आग लगने से 20 मिनट पहले ही स्टाफ को बताया कि कमरे से धुआं निकल रहा है। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। कुछ ही देर में प्लास्टिक की ट्यूब पिघलने लगी और पूरा वार्ड धुएं से भर गया। डॉक्टर और कंपाउंडर वहां से भाग गए। हमने खुद मरीजों को बाहर निकाला।”
इसी तरह मृतक पिंटू के परिजन ओमप्रकाश ने बताया कि “जब धुआं बढ़ा तो हमने मदद मांगी, पर कोई नहीं आया। डेढ़ घंटे बाद जब अंदर गए तो पिंटू का चेहरा पूरा काला पड़ चुका था। उसका शरीर नहीं जला था, लेकिन दम घुटने से मौत हो गई।”
पूरे वार्ड में काला धुआं, खिड़कियां तोड़कर किया गया रेस्क्यू :
विदित है कि फायर विभाग के कर्मचारी अवधेश पांडे ने बताया कि “अलार्म बजते ही हम मौके पर पहुंचे, लेकिन पूरा वार्ड धुएं से भरा था। अंदर घुसना नामुमकिन था। हमने बिल्डिंग के दूसरी ओर से खिड़की तोड़कर पानी की बौछार की। आग पर काबू पाने में डेढ़ घंटे से ज्यादा लगा।” दमकल की छह गाड़ियां और 30 से अधिक फायरकर्मी मौके पर जुटे रहे। सभी मरीजों को बेड समेत बाहर सड़क पर शिफ्ट किया गया।
हादसे की वजह — “शॉर्ट सर्किट की आशंका”
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ट्रॉमा सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि आग ICU के स्टोर रूम में लगी, जहां पेपर, ब्लड सैंपल ट्यूब और मेडिकल सप्लाई रखी गई थी। शॉर्ट सर्किट की संभावना है। ज्यादातर मरीज पहले से ही गंभीर थे, कुछ कोमा में थे। उन्हें तुरंत शिफ्ट करना मुश्किल था। धुएं से उनका दम घुट गया।
मौके पर पहुंचे CM भजनलाल शर्मा :
गौरतलब है कि घटना की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा रात में ही अस्पताल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों और अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली और घायलों का हाल जाना। CM ने कहा कि “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। सरकार घायलों के इलाज और पीड़ित परिवारों की सहायता में कोई कोताही नहीं बरतेगी। मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी।” सरकार ने तत्काल 6 सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। साथ ही अस्पतालों की फायर सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट फिर से तैयार करने के आदेश दिए गए हैं।
देशभर से जताया गया शोक :
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। PMO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि “राजस्थान के जयपुर स्थित अस्पताल में आग लगने से हुई जनहानि अत्यंत दुखद है। मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि “SMS अस्पताल के ICU में आग लगने से 7 लोगों की मौत बेहद दुखद है। राज्य सरकार को चाहिए कि इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच करवाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”
जांच में जुटी पुलिस और FSL टीम :
विदित है कि जयपुर पुलिस आयुक्त बिजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट की बात सामने आई है, लेकिन अंतिम रिपोर्ट FSL जांच के बाद ही आएगी।
अस्पताल प्रशासन ने मृतकों के शवों को मॉर्चरी में रखवाया है और पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
अस्पतालों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल :
जानकारी को बता दें कि इस हादसे के बाद SMS अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठने लगे हैं। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि अस्पताल का फायर अलार्म सिस्टम काम नहीं कर रहा था, और इमरजेंसी स्टाफ की ट्रेनिंग बेहद कमजोर थी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे 48 घंटे के अंदर फायर सेफ्टी उपकरणों की जांच रिपोर्ट सौंपें।
आग ने कर दिया सब खत्म :
गौरतलब है कि रात के अंधेरे में सायरन की आवाजें, डॉक्टरों की भागदौड़ और मरीजों की चीखें...
SMS अस्पताल का वह आईसीयू अब सिर्फ राख और टूटे कांचों में तब्दील हो चुका है। जहां कुछ घंटे पहले उम्मीद थी, वहां अब सिर्फ खामोशी और मातम है।
हर साल देश के किसी न किसी अस्पताल में आग से मौतें होती हैं कारण वही “शॉर्ट सर्किट”, लेकिन कार्रवाई सिर्फ बयानबाजी में सिमट जाती है। जयपुर का यह हादसा एक चेतावनी है कि लापरवाही की आग सबसे ज्यादा निर्दोषों को जलाती है।