राजस्थान में 34 IPS अफसरों के तबादले से मचा हड़कंप!: सचिन मित्तल बने जयपुर के कमिश्नर तो वहीं SI भर्ती घोटाला की जाँच करने वाले अधिकारी...
राजस्थान में 34 IPS अफसरों के तबादले से मचा हड़कंप!

जयपुर/राजस्थान : राजस्थान सरकार ने बुधवार देर रात एक बड़े प्रशासनिक उलटफेर की घोषणा कर पुलिस महकमे में भूचाल ला दिया है। एक ही झटके में 34 आईपीएस अफसरों के तबादले कर दिए गए, जिसमें जयपुर पुलिस कमिश्नर की कुर्सी पर आईपीएस सचिन मित्तल की एंट्री सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

जयपुर के नए ‘कप्तान’ बने सचिन मित्तल :

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आधिकारिक आदेश के मुताबिक, 1996 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सचिन मित्तल को जयपुर का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। वे बिजू जॉर्ज जोसेफ की जगह लेंगे, जिन्हें अब एडीजी (कार्मिक) की जिम्मेदारी दी गई है। सचिन मित्तल इससे पहले पुलिस मुख्यालय में एडीजी (कार्मिक) के पद पर थे और अपने अनुशासित व परिणामोन्मुखी कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक, जयपुर में बढ़ते साइबर अपराध और ट्रैफिक कंट्रोल को लेकर सरकार ने मित्तल पर भरोसा जताया है।

खुफिया और कानून-व्यवस्था में ‘चेहरा बदलो’ नीति :

गौरतलब है कि फेरबदल की सबसे अहम कड़ी में 1992 बैच के संजय अग्रवाल को डीजी (खुफिया) से हटाकर डीजी (कानून-व्यवस्था) बनाया गया है। सूत्रों के अनुसार, राज्य में लगातार बढ़ रहे गैंगस्टर नेटवर्क और संवेदनशील इलाकों में कानून-व्यवस्था की चुनौती को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। वहीं विशाल बंसल, जो अब तक एडीजी (कानून-व्यवस्था) थे, उन्हें एडीजी (एसओजी) की जिम्मेदारी दी गई है। उनकी जगह वी.के. सिंह को एडीजी (कानून-व्यवस्था) नियुक्त किया गया है, वही वी.के. सिंह जिन्होंने एसआई भर्ती 2021 पेपर लीक जैसे बड़े घोटालों की जांच का नेतृत्व किया था।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और जेल विभाग में नई सर्जरी :

विदित है कि राज्य सरकार ने 1993 बैच के गोविंद गुप्ता को डीजी (एसीबी) बनाया है। गुप्ता इससे पहले डीजी (जेल) थे और उन्होंने जयपुर सेंट्रल जेल से कैदियों के फरार होने के बाद सुरक्षा व्यवस्था में कई बड़े सुधार किए थे। अब जेल विभाग की कमान अशोक राठौर के हाथों में दी गई है। वहीं, ‘एक्शन हीरो’ कहे जाने वाले दिनेश एमएन को जयपुर में एडीजी (एटीएस और एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स) की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह वही अधिकारी हैं जिन्होंने गैंगस्टर राज और माफिया नेटवर्क पर करारा प्रहार किया था।

प्रशिक्षण और विशेष इकाइयों को मिली नई दिशा :

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अनिल पालीवाल (1994 बैच) को डीजी (प्रशिक्षण व यातायात) नियुक्त किया गया है, जबकि उसी बैच के आनंद श्रीवास्तव को डीजी (एसओजी) का दायित्व सौंपा गया है। माना जा रहा है कि सरकार अपराध नियंत्रण और आधुनिक पुलिसिंग को नई धार देने के लिए यह रणनीतिक फेरबदल कर रही है।

जानकारों की राय - “संदेश साफ है, परफॉर्मेंस ही प्रमोशन की कुंजी” :

पूर्व डीजीपी स्तर के एक अधिकारी ने बताया कि इस फेरबदल से सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है “अब वही अधिकारी आगे बढ़ेंगे जो मैदान में नतीजे देंगे।” राजनीतिक गलियारों में भी यह तबादला राजस्थान पुलिस में नई कार्यसंस्कृति की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

राजस्थान में यह फेरबदल सिर्फ अफसरों की कुर्सी बदलने भर का नहीं, बल्कि पूरी पुलिस व्यवस्था को रीसेट करने की कोशिश माना जा रहा है। जयपुर, जो राज्य का ‘दिल’ है, वहां अब सचिन मित्तल की अगुवाई में नई सख्ती और स्मार्ट पुलिसिंग का दौर शुरू होने जा रहा है।

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