रोज़ म्यूज़िक सुनें, दिमाग रहेगा जवान!: नई स्टडी में बड़ा खुलासा...मनपसंद संगीत सुनने से 39% तक घट सकता है डिमेंशिया का खतरा?
रोज़ म्यूज़िक सुनें, दिमाग रहेगा जवान!

स्वास्थ्य: आपकी पसंदीदा प्लेलिस्ट केवल आपका मूड नहीं बदलती, यह आपके दिमाग को भी उम्र से जुड़ी गंभीर बीमारियों से बचा सकती है।

नई स्टडी में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि अगर आप रोज़ संगीत सुनते हैं, तो डिमेंशिया (याददाश्त व दिमागी क्षमता में गिरावट) होने का खतरा 39% तक कम हो सकता है। Monash University (ऑस्ट्रेलिया) की इस रिसर्च में 70+ उम्र के 10,000 से अधिक लोगों को कई वर्षों तक फॉलो किया गया और पाया गया कि संगीत का दिमाग पर बेहद पॉज़िटिव असर पड़ता है।

स्टडी के बड़े खुलासे: रोज़ गाना सुनना क्यों है दिमाग के लिए फायदेमंद

1. रोज़ संगीत सुनने वालों में डिमेंशिया का खतरा 39% कम

स्टडी के अनुसार, जो लोग “लगभग हर दिन” म्यूज़िक सुनते हैं, उनमें डिमेंशिया का जोखिम उन लोगों की तुलना में 39% कम पाया गया जो कभी-कभी या बहुत कम संगीत सुनते हैं।

2. Cognitive Decline (सोच व याददाश्त में गिरावट) 17% तक घटा

रिसर्च में पाया गया कि रोज़ाना गाना सुनने वाले लोगों में दिमाग की कमजोरियां (जैसे भूलना, ध्यान की कमी, धीमी सोच) 17% कम दिखीं।

3. Singing या Instrument बजाने वालों पर सबसे बेहतर असर

जिन लोगों ने गाना गाया या कोई इंस्ट्रूमेंट बजाया, उनमें डिमेंशिया का खतरा लगभग 35% कम पाया गया।
संगीत सुनने + इंस्ट्रूमेंट बजाने वालों के लिए यह फायदा और बढ़कर 33% (डिमेंशिया) और 22% (कॉग्निटिव इम्पेयरमेंट) हो गया।

म्यूज़िक दिमाग के लिए इतना कारगर क्यों है? स्टडी में मिला साइंटिफिक लॉजिक

संगीत सुनने पर दिमाग के कई हिस्से एक साथ सक्रिय हो जाते हैं-

•Memory Center (Hippocampus)
•Emotional Center (Amygdala)
•Audio Processing Area
•Decision-Making Area (Prefrontal Cortex)
•जिससे दिमाग को “फ़ुल वर्कआउट” मिलता है।

वैज्ञानिक तौर पर म्यूज़िक से ये फायदे हुए साबित:

•Stress hormone Cortisol कम होता है
•Mood बेहतर होता है
•Brain में Blood Circulation बढ़ता है
•Neurons के बीच नई कनेक्शन बनते हैं
•नींद सुधरती है
•Attention और Focus बढ़ता है

म्यूज़िक दिमाग में Cognitive Reserve बढ़ाता है, मतलब दिमाग “मजबूत” होता है और बुढ़ापे में भी अच्छी तरह काम करता है।

न्यूरोलॉजिस्ट क्या कहते हैं?

डॉ. (Neurologist) के अनुसार “संगीत एक ऐसी एक्टिविटी है जो दिमाग के कई हिस्सों को एक साथ चलाती है। यह दिमाग को एक्टिव, अलर्ट और स्ट्रॉन्ग रखती है, इसी वजह से यह डिमेंशिया के खतरे को कम कर सकती है।”

कौन-सा संगीत सबसे ज्यादा फायदेमंद पाया गया

रिसर्च में इन प्रकार के संगीत को सबसे अच्छा बताया गया:

•सॉफ्ट इंस्ट्रूमेंटल म्यूज़िक
•क्लासिकल म्यूज़िक
•शांत, धीमी धुनें (Meditation / Relaxing Music)
•भजन व devotional म्यूज़िक
•पसंदीदा गाने (Personal Playlist)

स्टडी के अनुसार, जरूरी नहीं कि क्लासिकल ही हो, आपका पसंदीदा संगीत भी वही फायदा देता है।

किन लोगों में असर सबसे ज्यादा दिखा?

70 वर्ष से अधिक उम्र,
जिनकी दिनचर्या में स्ट्रेस ज़्यादा रहा
जो लोग रोज़ाना 20–30 मिनट संगीत सुनते थे,
जिनके जीवन में सामाजिक और मानसिक सक्रियता कम थी
जो लोग Depression या अकेलेपन से जूझ रहे थे,
इन लोगों पर संगीत का फायदा और तेज़ दिखा।

स्टडी की सीमाएँ: भरोसेमंद लेकिन यह भी समझें

•यह observational study है
•यह direct cause-effect साबित नहीं करती
•पर डेटा काफी बड़ा और भरोसेमंद है
•दुनिया भर के कई डॉक्टर इस नतीजे को ‘प्रॉमिसिंग’ बता रहे हैं
•इससे यह साफ है कि म्यूज़िक दिमाग के लिए एक बेहद असरदार आदत हो सकती है।

घर पर अपनाएं: एक आसान Music Therapy Routine

  1. रोज़ 20–30 मिनट अपनी पसंद के गाने सुनें

  2. सोने से 15 मिनट पहले Soft Music

  3. सुबह मेडिटेशन म्यूज़िक

  4. हफ्ते में 2–3 बार कोई इंस्ट्रूमेंट (हारमोनियम/बांसुरी/कीबोर्ड)

  5. अच्छे मूड वाले दिन गुनगुनाएँ- Singing भी ब्रेन हेल्थ बढ़ाता है

  6. Earphones कम, Speaker ज़्यादा

सोशल मीडिया पर वायरल होने लायक लाइन

“मतलब, सिर्फ गाना सुनकर भी दिमाग जवान रह सकता है!”
या
“पसंदीदा गाने- अब दिमाग की दवा भी!”

अन्य खबरे