ग्रेटर नोएडा : उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को नौकरशाही में बड़ा उलटफेर करते हुए आईएएस राकेश कुमार सिंह को यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) का नया सीईओ नियुक्त किया है। इससे भी बड़ी बात यह है कि उन्हें नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) की भी कमान सौंप दी गई है। इस फैसले के बाद डॉ. अरुणवीर सिंह, जो बीते 7 बार सेवा विस्तार के साथ सीईओ पद पर जमे हुए थे, अब बाहर हो गए हैं। यह बदलाव एक ऐसे वक्त में हुआ है जब यमुना अथॉरिटी और जेवर एयरपोर्ट दोनों विकास के सबसे निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं।
राकेश कुमार सिंह रहें हैं योगी के भरोसेमंद :
आपको बता दें कि राकेश कुमार सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद नौकरशाहों में शुमार किया जाता है। उन्होंने बतौर CM सचिव कई नीतिगत निर्णयों में अहम भूमिका निभाई है और अब उन्हें CM ने यमुना और जेवर जैसे दो संवेदनशील और हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट्स सौंप दिए हैं।
क्या है उनकी पृष्ठभूमि :
गौरतलब है कि राकेश जी का जन्म 22 सितंबर 1965, बहराइच (अब अयोध्या ज़िले में) में हुआ था। उनकी शिक्षा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से BA (राजनीति, मध्यकालीन इतिहास, दर्शन) और MA (राजनीति) रही।उन्होनें MBA राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान, फरीदाबाद से किया। वे 2008 के IAS बैच से रहें हैं। उनकी पहली पोस्टिंग एडिशनल सीईओ, यमुना अथॉरिटी, गौतमबुद्ध नगर रहा था।
कैसा रहा प्रशासनिक अनुभव :
आपको बता दें कि राकेश जी हापुड़-पिलखुआ, मुरादाबाद, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के वाइस चेयरमैन रहे हैं साथ ही मुरादाबाद और गाजियाबाद के जिलाधिकारी के पद पर भी कार्य कर चुके हैं। वे नगर आयुक्त, एमडी गन्ना संस्थान पर भी काम कर चुके हैं। वे सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय (सबसे अहम और विश्वासपात्र पद) पर भी रह चुके है।
अब किन योजनाओं की कमान है राकेश सिंह के पास? :
1. नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर):
गौरतलब है कि भारत का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक हवाई अड्डा बनने जा रहा है। 2025 के अंत तक पहली उड़ान का टारगेट है। अब निर्माण, सुरक्षा और संचालन की ज़िम्मेदारी राकेश सिंह पर आ गयी है।
2. यमुना अथॉरिटी के मेगा प्रोजेक्ट्स:
आपको बता दें कि ₹10,000 करोड़ से अधिक की महत्वाकांक्षी परियोजना फ़िल्म सिटी बनाई जा रही है। डाटा सेंटर पार्क, मेडिकल डिवाइसेज़ हब, इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन का भी निर्माण बाकी है। NCR और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला भविष्य का ‘गोल्डन रूट’ यानी मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर का निर्माण भी चालू है।
क्या है चुनौतियाँ :
आपको बता दें कि चुनौतियों में लटके प्लॉट अलॉटमेंट, किसानों की समस्याएँ, बिल्डर विवाद शामिल है। निवेशकों और आम जनता का विश्वास बहाल करना पहली जिम्मेदारी है।
तो क्यों हटे डॉ. अरुणवीर सिंह? :
गौरतलब है कि अरुणवीर जून 2020 से लगातार 7 बार सेवा विस्तार दिया जा चुका है। उनका जेवर एयरपोर्ट और किसानों से डील करने में विशेष अनुभव रहा है। मगर इस बार सरकार ने नया विजन, नया नेतृत्व चुनने का फैसला लिया। सूत्रों के अनुसार, सरकार चाहती है कि फिल्म सिटी और एयरपोर्ट जैसे महाप्रोजेक्ट्स अब तेज और पारदर्शी तरीक़े से आगे बढ़ें
IAS ट्रांसफर लिस्ट में और भी बड़े नाम शामिल :
1. आलोक कुमार 3
2. डॉ. हीरा लाल
3. योगेश कुमार
4. अनामिका सिंह
5. भाविनी सिंह
6. सान्या छाबड़ा
7. ईशा प्रिया
सरकार का इशारा साफ है कि अब योजना और ज़मीन दोनों में रफ़्तार लाई जाएगी।
तबादलों से दिया गया स्पष्ट सन्देश :
विदित है कि ये सिर्फ एक तबादला नहीं, एक स्पष्ट संदेश है अब देरी नहीं, डिलीवरी चाहिए। यूपी का नया विकास चेहरा अब नौकरशाही में राकेश सिंह जैसा अफसर होगा, जो न सिर्फ सरकार का विश्वास रखता है, बल्कि जनता की भी उम्मीद बन सकता है।
यमुना प्राधिकरण का नया युग शुरू हो चुका है और उसकी अगुवाई IAS राकेश कुमार सिंह कर रहें हैं। “राकेश सिंह जैसे अफसर के आने से फिल्म सिटी और डाटा सेंटर जैसी योजनाएं अब सिर्फ फाइलों में नहीं, ज़मीन पर दिखेंगी।