ग्रेटर नोएडा : उत्तर प्रदेश में रोजगार और निवेश की नई लहर शुरू होने वाली है। ग्रेटर नोएडा में एक बड़े औद्योगिक कदम के तहत 174 एकड़ में फैले मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (MMLP) का निर्माण अब अंतिम फैसले की दहलीज पर है। इस प्रोजेक्ट पर अनुमानित 1200 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है और इससे 5000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
लॉजिस्टिक पार्क का रोडमैप :
आपको बता दें कि प्राधिकरण की महत्वाकांक्षी योजना के तहत यह लॉजिस्टिक हब ग्रेटर नोएडा के सेक्टर कप्पा-2 में बनाया जाएगा। इसका मकसद औद्योगिक माल ढुलाई को तेज, सुलभ और व्यवस्थित बनाना है। योजना को 23 मई 2025 को लॉन्च किया गया था और आवेदन की अंतिम तिथि 23 जून 2025 रखी गई थी। अब इस परियोजना के लिए तीन दिग्गज कंपनियों ने मैदान में उतरकर आवेदन दाखिल किए हैं:
●सुपर हैंडलर्स प्राइवेट लिमिटेड
●अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड
●इंपेजर लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड
प्रस्तुतिकरण हुआ, अब फैसला करीब :
गौरतलब है कि गुरुवार को हुई अहम बैठक में यूपी के मुख्य सचिव और नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में तीनों कंपनियों ने अपना प्रस्तुतिकरण (Presentation) दिया। बैठक में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के CEO, जिलाधिकारी मनीष वर्मा समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। अब एक उच्चस्तरीय समिति द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि यह मेगा प्रोजेक्ट किस कंपनी को मिलेगा।
रोजगार और उद्योग को बूस्ट :
विदित है कि इस मेगाप्लान से 5000 युवाओं को सीधा रोजगार मिलेगा। साथ ही 1200 करोड़ से अधिक का निवेश क्षेत्र में आएगा। इससे माल ढुलाई में क्रांति होगी, उद्योगों को राहत मिलेगी। इससे ग्रेटर नोएडा लॉजिस्टिक हब का सेंटर बनेगा। यह लॉजिस्टिक पार्क ना सिर्फ नोएडा व ग्रेटर नोएडा बल्कि पूरे वेस्ट यूपी के व्यापार और उद्योग को नई उड़ान देगा।
क्या होगा MMLP में?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक-पार्क में ट्रक का टर्मिनल, कोल्डस्टोरेज की क्षमता का निर्माण करने के साथ माल लोडिंग और अनलोडिंग सिस्टम को बनाना, वेयरहाउसिंग, हाईटेक ट्रांसपोर्ट-इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ सतत और स्मार्ट-टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन भी शामिल रहेगा।
रोजगार और निवेश को मिलेगा बढ़ावा :
गौरतलब है कि मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बैठक के दौरान स्पष्ट किया कि इस प्रोजेक्ट को तेजी से शुरू करने की प्राथमिकता है। सरकार का फोकस है कि बेरोजगारी घटे, निवेश बढ़े और नोएडा-ग्रेटर नोएडा की पहचान केवल आवास नहीं, बल्कि इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक हब के रूप में हो।
नोएडा की ज़मीन पर अब सिर्फ इमारतें नहीं, नौकरियों की नींव भी रखी जा रही है। मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क सिर्फ एक परियोजना नहीं, बल्कि युवाओं के भविष्य की चाबी बन सकता है। अब अगली बैठक में तय होगा कि अडानी, सुपर हैंडलर्स या इंपेजर में किसे यह मेगा प्रोजेक्ट मिलेगा। अब बस फैसले का इंतजार है।