गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट तक, इस रूट से दौड़ेंगीं रैपिड रेल!: एक ही ट्रैक पर मेट्रो और रैपिड-रेल...20 हजार करोड़ की मेगा परियोजना तैयार...जानें कहाँ कहाँ बनेंगे स्टेशन
गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट तक, इस रूट से दौड़ेंगीं रैपिड रेल!

गाजियाबाद/नोएडा : एनसीआर की तस्वीर बदलने वाला सपना अब हकीकत की ओर एक और कदम बढ़ा चुका है। गाजियाबाद से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) तक की रैपिड रेल कॉरिडोर की अंतिम एलाइन्मेंट तय हो चुकी है। इस कॉरिडोर की लंबाई 74.4 किलोमीटर होगी और इसमें 22 स्टेशन बनाए जाएंगे। सबसे बड़ी बात मेट्रो और रैपिड रेल दोनों एक ही ट्रैक पर दौड़ेंगी, यानी सफर भी तेज़ होगा और संपर्क भी व्यापक होगा।

कहां-कहां बनेंगे स्टेशन? – देखें पूरी लिस्ट :

आपको बता दें कि इस मेगापरियोजना में 22 प्रस्तावित स्टेशन इस प्रकार हैं

गाजियाबाद, सिद्धार्थ विहार, गाजियाबाद साउथ, ग्रेटर नोएडा सेक्टर-26C, इकोटेक-12, सेक्टर-2, 3, सेक्टर-10, नॉलेज पार्क-5, सूरजपुर पुलिस लाइन, मलकपुर, इकोटेक-2, नॉलेज पार्क-3, अल्फा-1, ओमेगा-2, इकोटेक-1ई, इकोटेक-6, दनकौर, यीडा नॉर्थ (सेक्टर-18), यीडा सेंट्रल (सेक्टर-21), और अंत में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर।

20,000 करोड़ रुपये का महापरियोजना – डीपीआर तैयार, शासन को भेजने की तैयारी :

गौरतलब है कि एनसीआरटीसी (NCRTC) द्वारा डीपीआर यानी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। केंद्रीय शहरी मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद, शासन को यह रिपोर्ट भेजी जाएगी। परियोजना की कुल लागत 20,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके लिए ग्रेटर नोएडा में लगभग 60 हेक्टेयर ज़मीन की आवश्यकता होगी।

एक ही ट्रैक, दो रफ्तारें – मेट्रो और रैपिड दोनों साथ :

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस कॉरिडोर की सबसे अनोखी बात यह है कि इसमें रैपिड रेल के ट्रैक पर मेट्रो भी चल सकेगी। यानी जिन क्षेत्रों में रैपिड रेल रुकती नहीं, वहां मेट्रो की फ्रीक्वेंसी से यात्री सफर कर सकेंगे।इससे ग्रेटर नोएडा वेस्ट, ईस्ट और यमुना अथॉरिटी क्षेत्र की 1.1 करोड़ से अधिक आबादी को जेवर एयरपोर्ट से सीधा कनेक्शन मिलेगा।

6 कोच वाली रैपिड रेल, हर 4 मिनट पर सेवा :

आपको बता दें कि रैपिड रेल 6 कोच वाली होगी और शुरुआती चरण में हर 9 मिनट में एक ट्रेन चलेगी। बाद में फ्रीक्वेंसी 4 से 5 मिनट कर दी जाएगी। यात्रा तेज़, सुगम और टिकाऊ होगी साथ ही एयरपोर्ट जाने वालों के लिए सबसे भरोसेमंद साधन के रूप में यह परियोजना बनकर उभरेगा।

सड़क पर नहीं, अब रेल से पहुंचेगा एयरपोर्ट – 6 साल में पूरा होगा सपना :

बता दें कि अधिकारी मानते हैं कि करीब 5-6 साल में यह परियोजना पूरी हो जाएगी। जमीन अधिग्रहण का कार्य जारी है। यह प्रोजेक्ट ना केवल जेवर एयरपोर्ट को जोड़ता है, बल्कि पूरे वेस्टर्न यूपी के विकास का गेटवे बन जाएगा।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ? :

गौरतलब है कि गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट तक सीधी कनेक्टिविटी से NCR का नक्शा बदलेगा। यह रूट वाणिज्यिक, औद्योगिक और आवासीय विकास को बूस्ट देगा। मेट्रो और रैपिड रेल के कॉम्बो से भविष्य में ट्रैफिक का भार घटेगा, एयरपोर्ट तक पहुंच आसान होगी, और निवेशकों के लिए नया रास्ता खुलेगा।

74 किलोमीटर की रफ्तारभरी क्रांति अब दस्तक दे चुकी है। रैपिड रेल और मेट्रो के कॉम्बो नेशनल कैपिटल रीजन की यातायात व्यवस्था, रियल एस्टेट, और एयरपोर्ट इकोनॉमी सबको एक साथ आगे बढ़ाने वाला है।

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