दिल्ली में अप्रैल 2026 से लागू होगी नई EV पॉलिसी!: पेट्रोल-डीजल वाहनों पर सख्ती, तो ईवी खरीदने वालों को भारी सब्सिडी, वहीं 7000 ई-बसें...नई पॉलिसी से मिलेंगे ये फायदें?
दिल्ली में अप्रैल 2026 से लागू होगी नई EV पॉलिसी!

नई दिल्ली : शहर में जहरीली हवा से राहत और ट्रांसपोर्ट सिस्टम को हाई-टेक बनाने के लिए रेखा सरकार ने एक बड़ा कदम उठा लिया है। राजधानी में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी का ब्लूप्रिंट तैयार है, जिसे अप्रैल 2026 से लागू करने की तैयारी है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दिल्ली की हवा लगातार ‘खतरनाक’ स्तर को छू रही है और GRAP-4 जैसे आपातकालीन उपाय बार-बार लागू करने पड़े हैं।

ईवी पॉलिसी से बदल जाएगी दिल्ली की सड़कों की तस्वीर

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंत्री पंकज सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा कि "ईवी अपनाना अब विकल्प नहीं, जरूरत है।" नई पॉलिसी के तहत EV पर सब्सिडी जारी रहेगी, रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क पहले ही हटा दिया गया है, साथ ही पुराने पेट्रोल-डीजल वाहनों को स्क्रैप करने पर बोनस मिलेगा। सरकार का दावा है कि इससे PM 2.5, PM 10 और NOx जैसे जहरीले प्रदूषक तेजी से कम होंगे।

दिल्ली में हर जगह होंगे चार्जिंग स्टेशन; गली-नुक्कड़ तक विस्तार :

गौरतलब है कि यह पॉलिसी सिर्फ गाड़ियों पर ही नहीं, बल्कि पूरे इकोसिस्टम पर ध्यान देगी। आने वाले महीनों में सभी पब्लिक प्लेसेस के पास चार्जिंग स्टेशन, आवासीय सोसाइटी, कॉलोनियों और मार्केट के पास फास्ट चार्जर्स और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन के साथ पुरानी बैटरी का वैज्ञानिक निपटान चालू होगा। सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए EV चार्जिंग लगाने को बेहद आसान किया जाएगा।

EV vs Petrol-Diesel का फर्क कम करने के लिए सब्सिडी :

दिल्ली सरकार चाहती है कि आम आदमी को महंगी EV खरीदने में दिक्कत न हो। इसलिए कीमतों का अंतर कम करने के लिए सीधी आर्थिक सहायता दी जा रही है। EV खरीदने पर स्क्रैपिंग इंसेंटिव के साथ सब्सिडी भी दी जा रही। और सरकारी-अर्धसरकारी कार्यालयों को ईवी फ्लीट अपनाने का आदेश दिया गया है।

प्रदूषण फैलाने वालों पर सबसे कड़ी कार्रवाई

गौरतलब है कि GRAP-4 लागू होते ही सख्त कदम भी दिखे इसके तहत 34 फैक्ट्रियां सील की गई। आयरन वेल्डिंग और ई-वेस्ट यूनिट्स लगाए गए साथ ही 3 दिन में 1 लाख से ज्यादा PUC सर्टिफिकेट जारी किये गए। केवल 19 दिसंबर को 47,600 वाहन जांचे गए। निर्माण नियम तोड़ने पर 33.95 लाख के चालान ठोका गया। दिल्ली सरकार ने साफ कहा कि “प्रदूषण फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”

दिल्ली बन रही है ‘ई-बसेस का हब’

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डीटीसी में अब तक 3,518 ई-बसें चल रही हैं। मार्च 2026 तक 5,000 बसें चलाने का लक्ष्य है। ये लक्ष्य नवंबर तक 7,000 बसें तक का है। दिल्ली देश का पहला शहर बनने की तैयारी में है जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट लगभग पूरी तरह इलेक्ट्रिक होगा।

विशेषज्ञों, OEM और डिस्कॉम से चर्चा; पॉलिसी को बनाया जाएगा 'फुलप्रूफ'

विदित है कि दिल्ली इलेक्ट्रिक बैटरी रिसाइक्लिंग पर काम कर रहा है। वाहन निर्माता कंपनियों से कहा गया है कि सप्लाई बनाए रखें और कीमतें काबू में रहें। इसके लिए जनता से भी सुझाव लिए जाएंगे। ऊर्जा मंत्री आशीष सूद की अध्यक्षता में GOM (Group of Ministers) पॉलिसी को अंतिम रूप देगी।

दिल्ली का AQI लगातार 350 से 450 के बीच चल रहा है।
जिसमें डीजल वाहनों का सबसे बड़ा योगदान है। देशभर में सबसे ज्यादा EV बसें यहीं चल रही हैं। पेट्रोल-डीजल से दूर जाने का सबसे सही समय यही है। सरकार का दावा है कि इस कदम से अप्रैल 2026 के बाद दिल्ली की सड़कों का चेहरा बदल जाएगा।

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