उत्तराखंड : प्रदेश में पहाड़ी इलाकों के लिए एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। दरअसल प्रदेश में पर्यटन, तीर्थाटन और स्थानीय विकास को नई रफ्तार देने के लिए सरकार ने करीब 50 रोप-वे परियोजनाओं की योजना बनाई है। इनमें से 6 अहम रोप-वे प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता पर चुन लिया गया है, जिन पर सबसे पहले काम शुरू होगा। शुक्रवार को सचिवालय में हुई रोप-वे विकास संचालन समिति की अहम बैठक में यह बड़ा फैसला लिया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने की।
अब पहाड़ों में सफर होगा आसान :
आपको बता दें कि मुख्य सचिव ने साफ कहा कि प्रदेश में बनने वाले हर रोप-वे प्रोजेक्ट को एक ही समिति से मंजूरी लेनी होगी इसके साथ ही अलग-अलग एजेंसियों के कारण डुप्लीकेसी नहीं होने दी जाएगी। अगले 5 से 10 वर्षों का विकास रोडमैप अभी से तैयार किया जाएगा
रोप-वे के साथ और भी लक्ष्य बड़े :
गौरतलब है कि सरकार का मकसद सिर्फ रोप-वे बनाना नहीं, बल्कि उसके आसपास
●पर्यटन स्थलों का विकास
●सड़कों का विस्तार करना
●स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देना और
●आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है
इन 6 रोप-वे प्रोजेक्ट्स पर सबसे पहले काम :
1. सोनप्रयाग - केदारनाथ रोप-वे
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह चारधाम यात्रा में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला प्रोजेक्ट साबित होगा। इस रोपवे के बन जाने से यात्रा समय तो घटेगा ही इसके साथ ही बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं को भी बड़ी राहत होगी।
2. गोविंदघाट - हेमकुंड साहिब रोप-वे
गौरतलब है कि इस रोपवे से सिख श्रद्धालुओं के लिए ऐतिहासिक सुविधा प्रदान की जा रही है। इस रोपवे से खड़ी चढ़ाई से राहत औऱ मौसम पर निर्भरता कम होगी।
3. काठगोदाम - हनुमानगढ़ी (नैनीताल)
आपको बता दें कि यह रोपवे फिलहाल अनुमोदन के चरण में है। इससे पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। इसमें कैंचीधाम भी शामिल होगा। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि कैंचीधाम में बढ़ती श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए वहां भी रोप-वे की संभावनाएं तलाशी जाएं।
4. कनकचौरी - कार्तिक स्वामी रोपवे
विदित है कि इस रोपवे के लिए डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार की जा रही है। इससे यात्रा सुगम बनेगी।
5. रैथल-बारसू - बरनाला (उत्तरकाशी) रोपवे
गौरतलब है कि इसके लिए डीपीआर के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी हो गयी है।। जल्द ही इसके निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।
6. जोशीमठ - औली - गौरसों रोपवे
गौरतलब है कि इस रोपवे से पर्यटन और विंटर स्पोर्ट्स को नया बूस्ट मिलेगा। लोगों की राह भी आसान होगी।
चुनौतियां भी कम नहीं :
आपको बता दें कि सरकार ने माना कि भारी मशीनरी को पहाड़ों तक पहुंचाना बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए सड़कों का टर्निंग रेडियस बढ़ाया जाएगा साथ ही पुलों को मजबूत किया जाएगा। वहीं वन और वन्यजीव स्वीकृतियों में तेजी लाई जाएगी।
इस महीने होगी बड़ी बैठक
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि रोप-वे विकास समिति की पहली बोर्ड बैठक इसी महीने हर हाल में हो। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड को एक सप्ताह के भीतर SPV का CEO नियुक्त करना होगा ताकि दिसंबर के अंत तक निर्णय प्रक्रिया पूरी तरह पटरी पर आ सके।
क्यों है यह फैसला ऐतिहासिक?
आपको बता दें कि इस फैसले के ऐतिहासिक होने के पीछे कई कारण हैं।
पहाड़ी क्षेत्रों में सफर होगा सुरक्षित और तेज
तीर्थयात्रा आसान
पर्यटन बढ़ेगा
स्थानीय युवाओं को रोजगार
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को नई ताकत
उत्तराखंड सरकार का यह कदम सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि पहाड़ों के भविष्य का ब्लूप्रिंट है। अगर ये 6 प्रोजेक्ट्स सफल रहे, तो आने वाले समय में 50 रोप-वे उत्तराखंड की पहचान बदल सकते हैं।