India-Pak Conflict;: बढ़ते तनाव के बीच अगले 72 घण्टें बेहद अहम, जानें विशेषज्ञों ने ऐसा क्यों कहा और क्या है इसके मायने?
India-Pak Conflict;

 नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया और इसके तुरंत बाद भारत ने चुपचाप ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अंजाम दिया। यह कार्रवाई केवल एक जवाबी हमला नहीं, बल्कि पाकिस्तान को दी गई रणनीतिक चेतावनी थी। अब माहौल यह संकेत दे रहा है कि आने वाले 72 घंटे भारत-पाक संबंधों के इतिहास में निर्णायक बन सकते हैं। आइए जानते हैं इस पर रक्षा ले.जनरल निम्भोरकर का क्या कहना है, वे 2016 उड़ी अटैक में नायक थे।

चुपचाप आया हमला, लेकिन धमाका पाकिस्तान के होश उड़ा गया:

गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर को जिस तरह से गुप्त रखा गया, उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों और सैन्य तंत्र को पूरी तरह चौंका दिया। यह हमला रात के अंधेरे में अंजाम दिया गया, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस पूरे मिशन में भारतीय सेना ने फुल-स्पेक्ट्रम प्लानिंग की, जिसमें भटकाने वाली गतिविधियों के जरिए दुश्मन को भ्रम में रखा गया और फिर दूसरी दिशा से असली हमला किया गया। यह भारत की रणनीतिक क्षमता और खुफिया तैयारियों का सटीक उदाहरण था।

सीमा पर गोलियों की गूंज, आसमान में ड्रोन की भनभनाहट:

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने लगातार ड्रोन भेजकर भारत की जवाबी क्षमता को परखने की कोशिश की, लेकिन भारत ने न सिर्फ उन्हें मार गिराया, बल्कि सीमावर्ती चौकियों पर जोरदार गोलाबारी कर दुश्मन को चेतावनी दी। उड़ी, केरन और पुंछ जैसे संवेदनशील सेक्टरों में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी पोस्टों को तबाह किया। सीमा पर चल रही यह टकराव की स्थिति अब एक लंबे सैन्य संघर्ष की आहट बन चुकी है।

क्या भारत ने गिराया पाकिस्तान का एयरबोर्न रडार?

विदित है कि इस पूरे घटनाक्रम के बीच यह दावा भी चर्चा में है कि भारत ने पाकिस्तान का एक उच्च तकनीकी रडार सिस्टम – जिसे AWACS (Airborne Warning and Control System) कहा जाता है – को निशाना बनाकर गिरा दिया है। इस हमले में भारत ने या तो अत्याधुनिक लुटेरिंग म्यूनिशन या एंटी-रेडार मिसाइल का इस्तेमाल किया है। इस पर रक्षा विशेषज्ञ ले. जनरल निम्भोरकर ने कहा कि अगर यह पुष्टि हो जाती है तो पाकिस्तान की वायुसेना को गंभीर रणनीतिक झटका लगेगा। भारत की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सैन्य सूत्रों के अनुसार यह हमला “ब्लाइंडिंग स्ट्राइक” था – यानी दुश्मन की आंखों को बंद करना।

पहलगाम हमला सिर्फ सरहद पार की साजिश नहीं थी:

आपको बता दें कि जांच एजेंसियों का मानना है कि पहलगाम में हुए हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को स्थानीय सहयोग मिला था। जिस तरह से हमलावरों ने हमले के बाद जंगलों की ओर वापसी की और सुरक्षा बल करीब 45 मिनट तक घटनास्थल पर नहीं पहुंच सके, उसने इस आशंका को मजबूत किया है कि आतंकियों को इनसाइडर सपोर्ट मिला था। इसका मतलब है कि अब खतरा सिर्फ सीमा पार से नहीं, बल्कि सीमा के भीतर से भी पैदा हो रहा है।

भारत की रणनीति अब सिर्फ जवाब देने की नहीं रही:

गौरतलब है कि सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयरस्ट्राइक और अब ऑपरेशन सिंदूर इन तीनों अभियानों में भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसकी सैन्य नीति अब केवल रक्षा या प्रतिशोध तक सीमित नहीं है। अब भारत प्रोएक्टिव डिटेरेंस यानी सक्रिय रोकथाम की नीति पर काम कर रहा है। सेना को राजनीतिक स्वीकृति के बिना भी कार्रवाई की पूरी छूट है, और यही भारत की नई सैन्य नीति की रीढ़ बन चुकी है। सरकार की ओर से न तो इन ऑपरेशनों की पुष्टि की जाती है, न खंडन। यह रणनीतिक ‘साइलेंस’ ही दुश्मन को सबसे ज्यादा डराता है।

ले. जनरल निभरोंकर की चेतावनी: "अगले 72 घंटे बेहद ख़तरनाक"

एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. निभरोंकर ने ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद एक इंटरव्यू में साफ शब्दों में कहा कि भारत की यह कार्रवाई केवल ‘वार्म-अप’ थी। उनके अनुसार, "असली जवाब अब आने वाले 72 घंटों में सामने आएगा। भारत ने पाकिस्तान को आंखों में आंखें डालकर बता दिया है कि अब हम सिर्फ सहन नहीं करेंगे।" उन्होंने यह भी इशारा किया कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ हाई-टेक सर्जिकल स्ट्राइक को नया स्तर दिया है, और भविष्य की कार्रवाई ड्रोन-वारफेयर और रडार डिसेबलिंग तकनीक पर आधारित हो सकती है।

ले. जनरल निभरोंकर के शब्दों ने न केवल भारतीय रणनीतिक समुदाय को सतर्क कर दिया, बल्कि पाकिस्तान की खुफिया और रक्षा एजेंसियों में भी हलचल मचा दी है। उनका बयान अब भारत की बदली हुई सैन्य नीति का प्रतीक बन चुका है।

72 घंटे का युद्ध अलर्ट: कूटनीति या एक और हमला?

भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों ने इशारा किया है कि आने वाले 72 घंटे बेहद अहम होंगे। अगर पाकिस्तान ने कोई और उकसाने वाली हरकत की, तो भारत अगली बड़ी स्ट्राइक के लिए पूरी तरह तैयार है। चर्चा है कि अगला निशाना पाकिस्तान के रडार बेस, ड्रोन कमांड या आतंकी लॉजिस्टिक चैन हो सकते हैं। इसके साथ ही भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की दिशा में भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

भारत अब डराने के लिए नहीं, दबदबा जमाने के लिए तैयार है:

ऑपरेशन सिंदूर यह दिखाता है कि भारत अब सिर्फ आतंकवाद का जवाब देने वाला राष्ट्र नहीं रहा। वह अब अपनी शर्तों पर खेल रहा है। पाकिस्तान अगर सीमा पर खेल खेलने की सोचता है, तो भारत अब पूरा मैदान बदलने को तैयार बैठा है। यह एक नई सैन्य और कूटनीतिक मानसिकता है जो न केवल जवाब देती है, बल्कि दुश्मन की रणनीति को पहले ही ध्वस्त कर देती है।

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