मास्को : रूस सरकार कम उम्र की लड़कियों को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए उन्हें करीब ₹1 लाख (रूसी मुद्रा में) की नकद मदद दी जा रही है। पहले ये योजना सिर्फ 18 साल से ऊपर की महिलाओं के लिए थी, लेकिन अब स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों को भी इसमें शामिल किया गया है। जानें क्यों कर रहा है रूस ऐसा?
घटती जनसंख्या बनी बड़ा कारण :
आपको बता दें कि रूस में औसतन हर महिला सिर्फ 1.41 बच्चे पैदा कर रही है, जबकि जनसंख्या स्थिर रखने के लिए 2.05 बच्चों की दर जरूरी मानी जाती है।
बूढ़ी होती आबादी :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रूस की आबादी में बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और युवा घटते जा रहे हैं।
युद्ध की वजह से युवाओं की कमी :
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में करीब 2.5 लाख सैनिक मारे जा चुके हैं और लाखों लोग देश छोड़कर जा चुके हैं। इसका असर यह हुआ कि देश में अब युवाओं की भारी कमी हो गई है।
सरकार क्या चाहती है?
आपको बता दें कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सरकार चाहती है कि लड़कियां जल्दी शादी करें, जल्दी मां बनें और बच्चों को पालें-पोसें, ताकि भविष्य में रूस के पास बड़ी जनसंख्या और बड़ी सेना हो।
क्या मिल रहा है इसके बदले में?
विदित है कि हर बार बच्चे के जन्म पर ₹1 लाख तक की सहायता तथा कुछ राज्यों में खास बोनस दिया जा रहा है। इसके साथ ही 'मदरहुड मेडल' भी है जो 10 से ज्यादा बच्चे पैदा करने वाली महिलाओं को दिया जाता है।
क्यों हो रही है आलोचना?
1. बच्चों को जल्द मां बनाने का दबाव : कम उम्र में मां बनने से लड़कियों की सेहत पर असर पड़ सकता है, उनकी पढ़ाई और भविष्य रुक सकता है।
2. महिलाओं की आज़ादी पर चोट : सरकार अब ऐसा कानून ला रही है जिससे कोई भी व्यक्ति या संस्था ये न कह सके कि "करियर पहले, बच्चे बाद में।"
3. गर्भपात पर रोक : सरकार ने गर्भपात (अबॉर्शन) पर भी सख्ती शुरू कर दी है, जिससे महिलाएं आसानी से बच्चा गिरा न सकें।
दूसरे देश क्या कर रहे हैं?
आपको बता दें कि अन्य देशों में स्पेन लैटिन अमेरिका के स्पेनिश बोलने वाले लोगों को आने की छूट दे रहा है। वहीं हंगरी 3 या ज्यादा बच्चे पैदा करने पर टैक्स छूट और सस्ते लोन दे रहा है। लेकिन शोध बताते हैं कि सिर्फ पैसे देने से लोग बच्चे नहीं पैदा करते इसके लिए बेहतर सुविधाएं, भरोसेमंद भविष्य और समाज में बदलाव ज़रूरी है।
रूस सरकार अपने देश की घटती आबादी और युद्ध में मर रहे सैनिकों की भरपाई के लिए लड़कियों को मां बनने के लिए उकसा रही है। पर यह योजना जितनी बाहरी रूप से आकर्षक दिखती है, अंदर से उतनी ही डरावनी और विवादित भी है।