दिल्ली से दहला देने वाला मामला:
समाज: दिल्ली के गांधी विहार इलाके में हुई यह वारदात किसी क्राइम थ्रिलर से कम नहीं है। UPSC की तैयारी कर रहे 32 वर्षीय रामकेश मीणा की बेरहमी से हत्या उसकी ही लिव-इन पार्टनर ने की और वह भी अपने पूर्व प्रेमी व दोस्त की मदद से। पहले इसे गैस सिलेंडर ब्लास्ट के रूप में हादसा करार लेकिन फॉरेंसिक जांच/सीसीटीवी फुटेज ने सारा सच उधेड़ दिया।
रिश्ते की शुरुआत से साजिश तक!:
पुलिस के मुताबिक, रामकेश और अमृता की मुलाकात कुछ साल पहले कोचिंग के दौरान हुई थी। दोनों में नज़दीकियां बढ़ीं और वे लिव-इन में रहने लगे। धीरे-धीरे रिश्ते में तनाव आने लगा- झगड़े, शक, और निजी वीडियो के विवाद ने मामला और बिगाड़ दिया। अमृता ने बताया कि रामकेश उसके कुछ आपत्तिजनक वीडियो रखे हुए था और बार-बार धमकाता था। इसी डर और गुस्से में उसने अपने पूर्व प्रेमी संदीप और दोस्त सुमित के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई।
6 अक्टूबर की रात- मौत की स्क्रिप्ट
घटना वाली रात तीनों ने मिलकर रामकेश को शराब के बहाने कमरे में बुलाया। जब वह नशे में था तो अमृता ने पहले उसका गला दबाया फिर संदीप ने रस्सी से कसकर उसकी सांसें रोक दीं। हत्या के बाद, शव पर घी और शराब डालकर उसे आग लगाई, ताकि पुलिस को लगे कि यह गैस सिलेंडर या एसी ब्लास्ट में मरा है। कमरे में पहले से सिलेंडर और गैस लीक की तैयारी की गई थी “मर्डर को हादसा दिखाने की प्लानिंग इतनी सोची-समझी थी कि पुलिस भी पहले भ्रमित हो गई।”
फॉरेंसिक ने खोला राज:
फॉरेंसिक टीम को मौके से शराब की बोतल, घी का डिब्बा और जले कपड़ों में अजीब गंध मिली। जब जांच हुई तो शव पर गला घोंटने के निशान मिले जो हादसे की थ्योरी को पूरी तरह गलत साबित कर गए। CCTV फुटेज में तीनों आरोपियों के कमरे में आने और कुछ देर बाद भागते हुए दृश्य मिले। मोबाइल लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड से भी पुष्टि हुई कि हत्या के वक्त तीनों वहीं थे।
तकनीकी सबूतों से खुली पोल:
जांच के दौरान पुलिस ने रामकेश का फोन डिक्रिप्ट कराया। उसमें अमृता और उसके बीच के झगड़ों के ऑडियो और चैट मिले। एक चैट में अमृता ने लिखा था “अगर तूने वीडियो शेयर किया तो तुझे जिंदा नहीं छोड़ूंगी।” ये शब्द अब सबूत बन गए।
कानूनी कार्रवाई और गिरफ्तारी:
दिल्ली पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर IPC की धारा 302 (हत्या), 120B (षड्यंत्र) और 201 (सबूत मिटाने की कोशिश) के तहत मामला दर्ज हुआ है। तीनों से पूछताछ जारी है और चार्जशीट जल्द दाखिल की जाएगी।
‘फॉरेंसिक छात्रा’ का क्रूर दिमाग
सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि अमृता खुद फॉरेंसिक साइंस की छात्रा थी। उसे अपराध और सबूतों को मिटाने की तकनीकें पता थीं फिर भी वह CCTV और डिजिटल डेटा जैसे अहम पहलुओं को भूल गई। पुलिस अधिकारी ने कहा “अमृता ने अपराध की योजना तो बनाई लेकिन यह भूल गई कि टेक्नोलॉजी हर झूठ को बेनकाब कर देती है।”
रामकेश की कहानी- अधूरा सपना
राजस्थान के अलवर के रहने वाले रामकेश मीणा गरीब परिवार से थे। परिवार ने उन्हें दिल्ली भेजा था ताकि वह IAS बन सके। हर दिन 12 घंटे पढ़ने वाला यह युवक अब सिर्फ एक केस नंबर बनकर रह गया। परिवार का कहना हैं कि “हमने उसे सपनों की राजधानी भेजा था, वहां से उसकी राख लौटी।”
लिव-इन रिलेशन पर समाज में बहस
यह घटना अब समाज में नई बहस छेड़ रही है- क्या लिव-इन रिलेशन वास्तव में सुरक्षित हैं? क्या भावनात्मक टूटन इतनी खतरनाक हो सकती है कि जान तक चली जाए? सोशल मीडिया पर #JusticeForRamkesh ट्रेंड कर रहा है जहाँ लोग “भरोसे और रिश्तों में सम्मान” की बात कर रहे हैं।
निष्कर्ष
दिल्ली का यह केस सिर्फ एक हत्या नहीं बल्कि एक चेतावनी है कि प्यार जब जुनून और बदले में बदल जाता है, तो इंसान शैतान बन जाता है। फॉरेंसिक, डिजिटल सबूत और टेक्नोलॉजी ने फिर साबित कर दिया कि “सच चाहे जितना भी जलाया जाए, राख में से भी निकल आता है।”