तकनीकी/सुरक्षा: व्हाट्सएप ऐप भारत मे एक प्रमुख सोशल मीडिया के तौर पर प्रयोग किया जाता है। व्हाट्सऐप पर फॉरवर्ड किया हुआ मज़ाक, एक वायरल वीडियो या गुस्से में भेजा हुआ मैसेज आपके लिए महंगा पड़ सकता है। डिजिटल दुनिया में हर पोस्ट, हर फॉर्वर्ड और हर स्टेटस का कानूनी अर्थ हो सकता है और कई बार वह अर्थ जेल तक पहुंचा देता है। जानिए कौन-सी वे गलतियाँ हैं जो सीधे आपराधिक मामलों का कारण बन सकती हैं और साथ में जानते हैं उनसे बचने के सरल उपाय भी।
1) किसी धर्म/जाति/समुदाय पर नफ़रत फैलाना:
गौरतलब है कि किसी खास धर्म या समुदाय के खिलाफ अपमानजनक, भड़काऊ या झूठी खबरें फैलाना गंभीर अपराध माना जाता है। ऐसे संदेश से समाज में दंगा-फसाद हो सकता है और भेजने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई, रिमांड या जेल तक हो सकती है। ग्रुप में कुछ आपत्तिजनक शेयर करने से पहले सोचें क्या इससे किसी की धार्मिक भावनाएँ आहत होंगी?
2) धमकी या ब्लैकमेल करना:
आपको बता दें कि किसी को जान से मारने की धमकी, बदनाम करने की धमकी या पैसों के लिए दबाव बनाना (रैकेट/ब्लैकमेल) सीधे अपराध है। व्हाट्सऐप चैट्स, ऑडियो मैसेज और स्क्रीनशॉट सब सबूत बन सकते हैं।
नतीजा: पुलिस शिकायत, गिरफ़्तारी और कड़ी सज़ा संभव है।
3) बच्चों से जुड़ी अभद्र या यौन सामग्री फैलाना:
विदित है कि बच्चों से जुड़ी अश्लील तस्वीरें/वीडियो साझा करना बेहद गंभीर अपराध है। इससे POCSO जैसी धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई होती है। ऐसी सामग्री फैलाना न केवल मानसिक अपराध है, बल्कि कानून भी कठोर है। कभी भी बच्चों की ऐसी तस्वीरें न भेजें, न स्टोर करें और न शेयर करें।
4) फर्जी दस्तावेज़ या क्लोन-आईडी का इस्तेमाल/शेयर करना:
आपको बता दें कि किसी का आधार-कार्ड, पासपोर्ट, या सरकारी दस्तावेज़ की नकली कॉपी बनाकर भेजना या दिखाना फोर्ज़री में आता है। बैंक-कागज़ या सरकारी कागज़ों की नक़ली प्रतियाँ साइबर क्राइम का हिस्सा बन सकती हैं। कभी भी किसी की निजी डॉक्यूमेंट की फ़ोटोज़ व्हाट्सऐप पर शेयर न करें।
5) झूठ, अफवाह और मानहानि फैलाना:
किसी व्यक्ति की बुढ़ाई, चरित्र या व्यापार के बारे में झूठी सूचनाएँ फैलाना (मालिश करके) मानहानि के दायरे में आता है। मानहानि की शिकायत होने पर न सिर्फ जुर्माना बल्कि सिविल-क्रिमिनल दोनों तरह की कार्रवाई संभव है। अनप्रूव्ड बातें हमेशा चेक करें।
6) प्राइवेट सूचनाएँ (बैंक, OTP) शेयर करना:
विदित है कि किसी का बैंक-OTP, पासवर्ड, या पिन शेयर करना साइबर फ्रॉड में मदद करना माना जाएगा। फ्रॉड के कारण हुए नुकसान के लिए उस व्यक्ति से भी पूछताछ हो सकती है जिसने जानकारी साझा की। कभी भी OTP, नेट-बैंकिंग स्क्रीनशॉट या कार्ड-डिटेल किसी से न भेजें।
7) कोर्ट/जांच प्रक्रिया प्रभावित करना:
किसी चल रहे मामले की जाँच-रिपोर्ट, सबूत या गवाही को सार्वजनिक करना कोर्ट की कार्यवाही प्रभावित कर सकता है और इस पर भी कानून कार्रवाई कर सकता है। तो सावधान रहें, कानूनी मामलों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी बिल्कुल शेयर न करें।
क्या करें अगर गलती हो जाए?
आपकी जानकारी के लिए बता देब कि अगर गलती से ऐसे मैसेज चले जाएं तो जल्द से जल्द उस मैसेज/मीडिया को अपने और ग्रुप से डिलीट करें। साथ ही प्रासंगिक स्क्रीनशॉट और बातचीत सुरक्षित रखें, हो सकता है आपके बचाव में काम आए। कानूनी नोटिस या गिरफ़्तारी की स्थिति में तुरंत वकील से संपर्क करें, खुद बताने या समझौता करने से पहले सलाह लें। अगर किसी ने आपको ब्लैकमेल किया है तो पुलिस में ईमानदार शिकायत दर्ज कराएँ।
अपनाएं ये छोटी-छोटी सुरक्षा आदतें:
◦ किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
● बिना सोचे-समझे फॉरवर्ड बटन दबाना बंद करें, फैक्ट-चेक करें।
● निजी दस्तावेज़ और बच्चों की तस्वीरें अपने फोन में सुरक्षित रखें, साझा न करें।
● संवेदनशील बातचीत के स्क्रीनशॉट किसी तीसरे को न भेजें।
व्हाट्सऐप पर एक हल्का-फुल्का व्यवहार ही कई बार भारी पड़ जाता है। इसलिये सावधान रहें। डिजिटल लाइफ़, रीयल-वर्ल्ड से ज्यादा खतरनाक है। किसी भी आपत्तिजनक कंटेट पर अगर शक हो तो कहीं न भेजें और दिक्कत होने पर कानूनी सलाह अवश्य लें।