लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। डीजीपी राजीव कृष्ण ने बुधवार को साफ शब्दों में चेतावनी दी कि “स्कूल और कॉलेजों के बाहर घूमने वाले शोहदों पर अब सीधी कार्रवाई होगी, किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
अधिकारी खुद ज़मीन पर उतर कर करेंगे निगरानी!
आपको बता दें कि पुलिस मुख्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मिशन शक्ति अभियान की समीक्षा करते हुए डीजीपी ने सभी कमिश्नरेट और जिलों के अधिकारियों को आदेश दिया कि फील्ड में उतरकर खुद निगरानी करें और हर एक्शन की रिपोर्ट मुख्यालय भेजें।
मिशन शक्ति के तहत हुई तगड़ी कार्रवाई
गौरतलब है कि 22 और 23 सितंबर को पूरे प्रदेश में पुलिस ने धुआंधार चेकिंग अभियान चलाया। आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान 14,861 जगहों पर चेकिंग हुई। जिसमें 85 हजार से ज्यादा संदिग्धों से पूछताछ की गई। वहीं इसके साथ ही 135 मुकदमे दर्ज कर 177 गिरफ्तारियां हुईं। साथ ही 6,280 शोहदों के घरवालों को थाने बुलाकर सख्त चेतावनी दी गई।
अवैध अस्त्र औऱ शराब भी हुए बरामद :
विदित है कि कार्रवाई के दौरान 49 अवैध शस्त्र, 20 अवैध वाहन, 849 लीटर अवैध शराब बरामद हुई। इसके साथ ही 2,813 अवैध अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। यह साफ दिखाता है कि पुलिस का फोकस सिर्फ छेड़खानी या शोहदागीरी पर ही नहीं बल्कि कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने वाले हर तत्व पर है।
महिला सुरक्षा बनी सर्वोच्च प्राथमिकता :
आपको बता दें कि डीजीपी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद महिला सुरक्षा को लेकर बेहद सख्त हैं। ऐसे में किसी भी अपराध की जांच संवेदनशीलता के साथ की जाए और दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि - “शोहदों पर शिकंजा कसना सिर्फ कानून-व्यवस्था का हिस्सा नहीं बल्कि समाज को सुरक्षित बनाने का भी मिशन है। महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा देना हमारी पहली जिम्मेदारी है। हर हाल में महिला सुरक्षा ही पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।"
क्या होगा इसका असर?
विदित है कि प्रशासन कर इस कदम से स्कूल–कॉलेज जाने वाली छात्राओं को राहत मिलेगी। अभिभावकों का भरोसा पुलिस पर मजबूत होगा। साथ ही अपराधियों में खौफ का माहौल बनेगा। शहरों और कस्बों में मिशन शक्ति की सख्ती दिखाई देगी।
यूपी पुलिस का यह अभियान अब सीधा संदेश दे रहा है कि “अगर स्कूल–कॉलेजों के बाहर किसी ने शोहदागीरी की, तो थाने की सलाखों के पीछे जाना तय है।” साथ ही इससे महिलाएं अब प्रदेश में खुद को और ज्यादा सुरक्षित महसूस करेंगी।