बैंक अकाउंट ही नहीं अब डीमैट अकाउंट भी साइबर ठगो के निशाने पर!: नोएडा में 5 लाख के शेयर किए ट्रांसफर तो निवेशकों में मचा हड़कंप? घबराएं नहीं बरते ये सावधानियां
बैंक अकाउंट ही नहीं अब डीमैट अकाउंट भी साइबर ठगो के निशाने पर!

नोएडा: देश के करोड़ों निवेशकों के लिए खतरे की घंटी बज गई है! नोएडा में साइबर ठगों ने बैंक अकाउंट के बाद अब डीमैट अकाउंट पर भी कहर बरपा दिया है। सेक्टर-118 निवासी एक युवक के डीमैट खाते से ठगों ने 5 लाख रुपये के शेयर रातोंरात गायब कर दिए। यह मामला अब पूरे देश में सनसनी फैला रहा है, क्योंकि अब तक डीमैट अकाउंट को सुरक्षित माना जाता था।

आधी रात को हुआ हमला, सुबह जागे तो अकाउंट खाली!

22 अप्रैल की रात जब पूरा शहर सो रहा था, तब साइबर अपराधी एक निवेशक का सपना चुरा रहे थे। रोहित नवानी ने जब सुबह उठकर अपना डीमैट अकाउंट चेक किया, तो पाया कि उनके कई बड़ी कंपनियों के 500 शेयर रहस्यमय तरीके से किसी और खाते में ट्रांसफर हो चुके थे। यह हमला न सिर्फ आर्थिक नुकसान का मामला था, बल्कि हर उस शख्स के लिए खतरे की घंटी है, जो अपने निवेश को सुरक्षित मानकर बेफिक्र रहता है।

पहले भी भेजे थे खौफनाक संकेत, लेकिन कोई मदद नहीं मिली

पीड़ित रोहित ने 12 अप्रैल को ही खतरे की आहट महसूस कर ली थी। उनके ईमेल पर कई अजीब ओटीपी आने लगे थे। उन्होंने फौरन डीमैट कंपनी और CDSL को शिकायत भेजी थी, लेकिन अफसोस! कोई भी उनकी चेतावनी को गंभीरता से नहीं ले पाया। अगर समय रहते कार्रवाई होती तो शायद आज उनका पूरा निवेश बच सकता था। यह लापरवाही अब सभी डिपॉजिटरी और वॉलेट कंपनियों की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है।

पुलिस जांच में खुलासा: मोबाइल और ईमेल से सेंधमारी

डीसीपी साइबर प्रीति यादव ने बताया कि शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि ठगों ने पीड़ित के मोबाइल या गैजेट पर कब्जा कर लिया था। मोबाइल में घुसपैठ कर उन्होंने ओटीपी को भी हथिया लिया और एक सुनियोजित प्लान के तहत पूरी वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और उन खातों की तलाश शुरू कर दी है, जहां ट्रांसफर हुए शेयर भेजे गए थे। अब सवाल है कि क्या ये ठग देशभर में सक्रिय कोई संगठित गिरोह हैं?

खतरे के नए रास्ते: निवेशक अब सबसे बड़े निशाने पर

यह घटना साबित करती है कि अब साइबर ठग केवल बैंक खातों तक सीमित नहीं हैं। डीमैट अकाउंट जैसे निवेश प्लेटफॉर्म भी उनकी हिट लिस्ट पर हैं। शेयर ट्रांसफर करने के लिए आमतौर पर दो बार ओटीपी देना होता है, लेकिन अगर एक बार आपका मोबाइल और ईमेल नियंत्रण से बाहर हो गया, तो फिर आपकी पूरी मेहनत की कमाई कुछ मिनटों में गायब हो सकती है। एक्सपर्ट्स चेतावनी दे रहे हैं कि आने वाले समय में ऐसे हमले और भी तेज हो सकते हैं।

सावधानी ही बचाव: निवेशक कैसे कर सकते अकाउंट सुरक्षित?

साइबर एक्सपर्ट मोहिनी वर्मा ने सलाह दी कि:

●डीमैट अकाउंट के साथ रजिस्टर्ड ईमेल और मोबाइल को कभी भी अनजान लिंक या एप्स के जरिए खतरे में न डालें।

●मजबूत पासवर्ड बनाएं और हर महीने बदलें।

●2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को हमेशा ऑन रखें।

●किसी भी अनजान ओटीपी, लिंक या कॉल को हल्के में न लें।

●अकाउंट से संबंधित हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर नजर रखें।

●अगर कोई अजीब ओटीपी आता है या किसी अनजान लिंक पर क्लिक कर दिया है तो तुरंत डीमैट कंपनी, CDSL और साइबर सेल को शिकायत करें।

सवालों के घेरे में डिपॉजिटरी कंपनियां, बढ़ा गुस्सा

इस मामले ने सीधा डिपॉजिटरी कंपनियों, वॉलेट सेवाओं और साइबर सुरक्षा सिस्टम की पोल खोल दी है। निवेशक सवाल कर रहे हैं कि जब पहले ही खतरे के संकेत मिल रहे थे तो तत्काल सुरक्षा उपाय क्यों नहीं किए गए? क्यों पीड़ित की शिकायत को नजरअंदाज किया गया? आज सिर्फ एक निवेशक का पैसा नहीं गया, बल्कि पूरे सिस्टम की नाकामी उजागर हुई है। अब पीड़ितों की मांग है कि डीमैट खातों की सुरक्षा के लिए सख्त नए कानून बनाए जाएं।

अब हर निवेशक के लिए चेतावनी, रहें सावधान!

यह घटना हर निवेशक के लिए एक कड़वी सच्चाई की तरह है। अब डीमैट अकाउंट, बैंक अकाउंट, ई-वॉलेट — कोई भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। साइबर ठग हर वक्त नए रास्ते ढूंढ रहे हैं और अगर आप लापरवाह रहे तो अगला शिकार आप भी हो सकते हैं। इसलिए अपने मोबाइल, ईमेल, लॉगिन, ओटीपी और हर डिजिटल माध्यम की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे। समय रहते सावधानी अपनाएं, वरना पछताना पड़ सकता है।

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