नई दिल्ली : दिवाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर की हवा ज़हर बन चुकी है। राजधानी के आसमान में धुंध की चादर, सांसों में घुलता धुआं और हर ओर जलन का अहसास... इन्हीं हालातों को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चरण-2 लागू कर दिया है। रविवार शाम को हुई आपात बैठक में यह फैसला लिया गया, जब दिल्ली का एक्यूआई 302 पहुंच गया यानी “बेहद खराब” श्रेणी में। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में हवा की स्थिति और बिगड़ सकती है।
क्यों लगा GRAP-2?
गौरतलब है कि आईएमडी और आईआईटीएम के ताज़ा पूर्वानुमान में साफ संकेत मिले हैं कि हवा का रुख कमजोर हो रहा है, तापमान गिरने से प्रदूषक ज़मीन के पास फंस रहे हैं, और इससे वायु गुणवत्ता में गिरावट तेज़ होगी। सीएक्यूएम ने चेतावनी दी है कि “अगर कदम अभी नहीं उठाए गए, तो दिवाली से पहले ही दिल्ली गैस चैंबर बन सकती है।”
क्या-क्या रहेगा अब प्रतिबंधित? (GRAP-2 की बड़ी पाबंदियां)
आपको बता दें कि अब से दिल्ली-एनसीआर में लागू होंगी ये सख्त सीमाएं -
डीजल जनरेटर पर रोक – केवल इमरजेंसी सेवाओं (अस्पताल, लिफ्ट, सुरक्षा सिस्टम) को ही छूट मिलेगी।
निर्माण कार्यों पर लगाम – ऐसी सभी गतिविधियां बंद रहेंगी जिनसे धूल उड़ती है।
पार्किंग शुल्क बढ़ाया जाएगा – ताकि लोग निजी वाहन छोड़कर मेट्रो और बसों का उपयोग करें।
सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ेगी – सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता।
खुले में कूड़ा या लकड़ी जलाने पर सख्त रोक।
वाहनों से उत्सर्जन पर निगरानी बढ़ाई जाएगी।
औद्योगिक क्षेत्रों में पुराने ईंधन के इस्तेमाल पर सख्त कार्रवाई।
नागरिकों से क्या अपील की गई?
विदित है कि CAQM ने नागरिकों से अपील की है कि वे “सहयोगी बनें, प्रदूषण के भागीदार नहीं”।
● वाहन का इस्तेमाल कम करें।
● मेट्रो, बस, ई-रिक्शा का इस्तेमाल करें
● सड़कों पर धूल उड़ाने या जलाने से बचें
● घरों और सोसायटियों में डीजल जेनरेटर चालू न करें
आंकड़े डराने वाले हैं
साल 2023 में दिवाली के दिन दिल्ली में 208 जगहों पर आग लगी थी, जिनमें से ज्यादातर पटाखों और धुएं की वजह से थीं। अब 2025 की दिवाली से पहले ही हवा की गुणवत्ता “बेहद खराब” श्रेणी में पहुंच चुकी है। अगर मौसम ने साथ नहीं दिया, तो कुछ दिनों में यह स्तर “गंभीर (Severe)” हो सकता है।
क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
गौरतलब है कि पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. सौरभ सिंह के मुताबिक “दिल्ली की हवा में PM2.5 और PM10 का स्तर इस समय सुरक्षित सीमा से तीन गुना तक बढ़ चुका है। यह बच्चों, बुजुर्गों और दिल या फेफड़े के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक स्थिति है।” वहीं फायर ऑफिसर रामराजा यादव कहते हैं कि “दिवाली पर अगर पटाखों पर लगाम नहीं लगी, तो हालात और खराब हो सकते हैं। अभी भी सावधानी बरती जाए, यही सबसे बड़ी सेफ्टी है।”
CAQM ने साफ कहा है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जाएगी।
अगर हवा और बिगड़ी, तो GRAP-3 (जिसमें डीजल ट्रकों की एंट्री बैन और स्कूलों के बंद होने तक के उपाय शामिल हैं) भी लागू किया जा सकता है। दिवाली की रौनक अब प्रदूषण के साए में है। सरकार ने ग्रेप-2 लागू कर “रेड अलर्ट” से पहले ही चेतावनी दे दी है कि अब जनता की जिम्मेदारी है कि वह सांसों की सेहत बचाने में सरकार का साथ दे।