बांके बिहारी मंदिर तक पहुंची यमुना!: वृंदावन पानी पानी, मथुरा-शाहजहांपुर में 12वीं तक स्कूल बंद वही इन 25 जिलों में हाई अलर्ट?
बांके बिहारी मंदिर तक पहुंची यमुना!

मथुरा/वृंदावन : पवित्र नगरी वृंदावन इस समय यमुना की बाढ़ से जूझ रही है। बरसों बाद ऐसा मौका आया है जब यमुना का जलस्तर सीधे बांके बिहारी मंदिर तक पहुंच गया है। जहां हर दिन श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता था, वहां अब पानी की लहरें टकरा रही हैं। नतीजा यह है कि दर्शन व्यवस्था ठप हो गई है और स्थानीय लोग घरों से निकलकर सुरक्षित ठिकानों पर जा रहे हैं।

कैसे हैं वृंदावन के हालात :

आपको बता दें कि वृंदावन की मंदिरों की गलियां, बाजार और धर्मशालाएं पानी में डूबीं हैं। बांके बिहारी मंदिर और आसपास के कई छोटे मंदिरों तक पानी पहुंच चुका है। नावों के सहारे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को निकाला जा रहा है। प्रमुख घाट जैसे - केशव घाट, कंस घाट और कालियादह घाट पर पानी चढ़ चुका है। सैकड़ों घरों के अंदर घुटनों तक पानी भर गया है।

25 जिलों में बाढ़ अलर्ट

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने हालात को देखते हुए 25 जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया है। इनमें शामिल हैं - मथुरा, शाहजहांपुर, आगरा, अलीगढ़, हाथरस, इटावा, औरैया, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, कन्नौज, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फतेहपुर, बांदा, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट, प्रयागराज, मिर्जापुर, सोनभद्र, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, भदोही और कौशांबी शामिल है।
इन जिलों में नदी किनारे और निचले इलाकों में रह रहे लोगों को प्रशासन ने चेतावनी जारी की है और राहत शिविरों में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

क्या है बाढ़ की वजह :

विदित है कि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली में हुई भारी बारिश का सीधा असर यमुना के जलस्तर पर पड़ा। कई जगह नालों और नदियों में उफान आने से गांवों का संपर्क टूट गया है। ग्रामीण इलाकों में धान और सब्जियों की फसलें जलमग्न हो गई हैं।

कैसी है प्रशासन की तैयारी :

गौरतलब है कि मथुरा, शाहजहांपुर और आस-पास के जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत-बचाव में लगी हैं। बाढ़ग्रस्त इलाकों में 50 से ज्यादा राहत शिविर बनाए गए हैं। नाव और मोटरबोट की मदद से बुजुर्गों और बच्चों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने मोबाइल मेडिकल यूनिट तैनात की है ताकि बीमारियों पर काबू पाया जा सके।

मथुरा-शाहजहांपुर ने 12वीं तक स्कूल बंद :

विदित है कि बाढ़ के मद्देनजर रखते हुए मथुरा औऱ शाहजहांपुर में स्थानीय जिला प्रशासन ने 12वीं तक के स्कूल बंद करने का आदेश दिया है, जिससे स्कूली बच्चे सुरक्षित रहें।

आस्था और संकट का टकराव :

आपको बता दें कि वृंदावन और मथुरा, भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि माने जाते हैं। यहां बाढ़ का पानी न केवल स्थानीय लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर रहा है, बल्कि देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को भी परेशानी में डाल रहा है। तीर्थयात्री मंदिरों तक नहीं पहुंच पा रहे। वृंदावन का नाम लेते ही आस्था, भक्ति और कृष्ण प्रेम की छवि सामने आती है। लेकिन इस बार आस्था पर बाढ़ की मार पड़ी है। श्रद्धालु मंदिरों तक पहुंचने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं और प्रशासन पर दबाव है कि वो तुरंत राहत पहुंचाए। धर्मशालाओं में फंसे लोग राहत सामग्री का इंतजार कर रहे हैं।

साफ है कि यमुना की बाढ़ इस बार सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि आस्था, आजीविका और प्रशासनिक क्षमता तीनों की सबसे बड़ी परीक्षा बन गई है।

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