कश्मीर से पूर्वी यूपी तक, बारिश से भारी तबाही!: सितंबर की शुरुआत से ही क्यों बरस रही आफत की बारिश...वही जानें अगले हफ्ते के मौसम का हाल?
कश्मीर से पूर्वी यूपी तक, बारिश से भारी तबाही!

नई दिल्ली/लखनऊ/श्रीनगर: सितंबर की शुरुआत ने उत्तर भारत को मानो बरसाती तूफान में झोंक दिया है। दिल्ली-एनसीआर से लेकर कश्मीर, हिमाचल, पंजाब, उत्तराखंड और यूपी तक आसमान से झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है। नतीजतन सड़कों पर जलभराव, नदियों का उफान, गांव-गांव में बाढ़ का खतरा और पहाड़ों में भूस्खलन। मौसम विभाग ने रेड, ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी कर साफ कर दिया है कि आने वाले दिन और मुश्किल हो सकते हैं।

कहां-कहां बरस रही आफत? :

दिल्ली-एनसीआर: लगातार दो दिन की बारिश ने राजधानी को थाम दिया। सड़कें तालाब बन गईं, यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात। गुरुग्राम में कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम तक घोषित कर दिया।

हरियाणा: वजीराबाद में 116 मिमी और गुरुग्राम में 85 मिमी बारिश ने प्रशासन को हिला दिया। फरीदाबाद में हाई अलर्ट।

पंजाब: 12 जिलों में बाढ़, 1000 से ज्यादा गांव जलमग्न, सेना और NDRF बचाव में जुटी।

हिमाचल प्रदेश: भूस्खलन का खतरा बढ़ा, कई सड़कें बंद, चंबा-किन्नौर और कुल्लू में भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर।

उत्तराखंड: 8 सितंबर तक लगातार भारी बारिश का अनुमान, टिहरी, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में आकस्मिक बाढ़ का खतरा।

जम्मू-कश्मीर: अनंतनाग, पुंछ, कठुआ समेत कई जिलों में मध्यम से उच्च बाढ़ की चेतावनी।

उत्तर प्रदेश: पूर्वी यूपी में 8 सितंबर तक भारी बारिश का अनुमान, पश्चिमी यूपी में भी हालात बिगड़ने की आशंका।

राजस्थान: 6 सितंबर तक पूर्वी हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट, पश्चिमी हिस्सों में भी अगले दिनों में जोरदार बरसात।

ओडिशा: लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, मछुआरों को 3 सितंबर तक समुद्र में न जाने की चेतावनी।

आखिर इतनी बारिश क्यों?

गौरतलब है कि मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बारिश की बाढ़ के पीछे एक नहीं बल्कि कई मौसमी सिस्टम जिम्मेदार हैं:

  1. मानसून की द्रोणिका (ट्रफ) सामान्य स्थिति में बनी हुई है, जो लगातार नमी ला रही है।

  2. बंगाल की खाड़ी पर निम्न दबाव क्षेत्र और म्यांमार तट पर चक्रवाती हवाएं, जो पूर्वी राज्यों से नमी खींच रही हैं।

  3. हरियाणा में ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण, जो दिल्ली-एनसीआर और आसपास बारिश बढ़ा रहा है।

  4. कश्मीर से मध्य प्रदेश तक मानसून ट्रफ लाइन, जिससे पूरे उत्तर भारत में बारिश हो रही है।

  5. पंजाब और पाकिस्तान सीमा पर पश्चिमी विक्षोभ, जिसने मानसूनी हवाओं से टकराकर बारिश को और तीव्र कर दिया।

यानी, इस बार मानसून और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की डबल मार ने उत्तर भारत को बारिश से डुबो दिया है।

आगे क्या होगा?

विदित है कि आईएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक, 8 सितंबर तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। अलग-अलग राज्यों में निम्नलिखित स्थितियां रहेंगीं

हिमाचल-उत्तराखंड : भूस्खलन और बादल फटने का खतरा, यात्रियों को अलर्ट।

दिल्ली-एनसीआर: सितंबर तक रुक-रुककर बारिश, यातायात और जलभराव से दिक्कत।

पंजाब-हरियाणा: गांव-गांव में बाढ़, और बारिश की मार जारी।

यूपी: पूर्वी जिलों में लगातार भारी बारिश, बाढ़ का खतरा बढ़ेगा।

राजस्थान: 6 सितंबर तक कई इलाकों में भारी वर्षा, निचले इलाकों में अलर्ट।

आम जनता के लिए अलर्ट :

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आम जनता के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि नदियों, नालों और पुलों के आसपास न जाएं। साथ ही जिन जिलों में बाढ़ अलर्ट है, वहां सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट हों। पहाड़ी राज्यों में यात्रा से बचें, भूस्खलन का खतरा है। साथ ही बच्चों और बुजुर्गों को जलभराव वाले इलाकों में बाहर निकलने से रोकें।

सितंबर की शुरुआत ने साफ कर दिया है कि मानसून अब भी पूरे जोर पर है। कश्मीर से यूपी और राजस्थान तक मौसम की मार ने प्रशासन और जनता दोनों को चुनौती दी है। सवाल अब सिर्फ यही है आसमान की इस आफत से राहत कब मिलेगी?

अन्य खबरे