बरेली/गाजियाबाद: बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी के पुश्तैनी घर पर हुई फायरिंग का पर्दाफाश हो गया है। यूपी पुलिस ने वादा निभाते हुए महज 5 दिन के अंदर दोनों शूटरों को ढेर कर दिया। एनकाउंटर गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी इलाके में हुआ, जहां हरियाणा के रहने वाले बदमाश रविंद्र और अरुण पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। दोनों कुख्यात रोहित गोदारा-गोल्डी बरार गैंग के सक्रिय सदस्य थे।
12 सितंबर की रात बरेली में हुआ था वारदात :
आपको बता दें कि बरेली में रात के करीब 3:45 बजे मोटरसाइकिल पर दो युवक आते हैं। दिशा पाटनी के घर (सिविल लाइंस, विला नंबर 40) का चक्कर लगाते हैं। अचानक घर के पास आकर ताबड़तोड़ 10-15 राउंड फायरिंग करते हैं। गली में दहशत फैल जाती है और आरोपी फरार हो जाते हैं। गनीमत रही कि उस वक्त घर में मौजूद दिशा के पिता जगदीश सिंह पाटनी (रिटायर्ड DSP), मां और बहन खुशबू सुरक्षित रहे। पूरी वारदात CCTV में कैद हो गई।
योगी का वादा: "पाताल से भी ढूंढ निकालेंगे"
गौरतलब है कि फायरिंग के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिशा के पिता से फोन पर बात की और साफ कहा कि - "घबराने की जरूरत नहीं है, अपराधियों को पाताल से भी निकाल लाया जाएगा।" और ठीक 5 दिन बाद वही हुआ।
एनकाउंटर ऑपरेशन: कैसे मारे गए दोनों बदमाश?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि STF नोएडा, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और हरियाणा STF की संयुक्त टीम लगी। CCTV फुटेज और टेक्निकल सर्विलांस से आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की गई। उसके बाद गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी इलाके में घेराबंदी हुई। इसके बाद बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग की, जवाबी कार्रवाई में दोनों घायल हुए। अस्पताल ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई।
हथियार भी हाई-फाई :
विदित है कि मुठभेड़ के बाद मौके से पुलिस ने ऑस्ट्रियाई Glock पिस्टल, तुर्की की Zigana पिस्टल एवं कई कारतूस बरामद किए। ये वही हथियार हैं जिन्हें दुनियाभर की सेनाएं और पुलिस बल इस्तेमाल करते हैं।
बदमाशों की पहचान :
आपको बता दें कि बदमाशों की पहचान - रविंद्र पुत्र कल्लू, निवासी कहनी, रोहतक (हरियाणा) एवं अरुण पुत्र राजेंद्र, निवासी इंडियन कॉलोनी, गोहना रोड, सोनीपत (हरियाणा) के रूप में हुई है। दोनों पर पहले से कई संगीन वारदातों का आरोप था।
वारदात का क्या था मकसद :
गौरतलब है कि STF अधिकारियों के मुताबिक गैंग ने धार्मिक भावनाओं का मुद्दा बनाकर यह हमला कराया। दिशा की बहन खुशबू पाटनी के कथित बयान को बहाना बनाकर पाटनी परिवार को टारगेट किया गया। सोशल मीडिया पर गैंग ने इसकी जिम्मेदारी ली और प्रेमानंद महाराज व अनिरुद्धाचार्य महाराज के अपमान का हवाला दिया।
यह एनकाउंटर एक बार फिर दिखाता है कि योगी राज में अपराधियों का बचना नामुमकिन है। केवल 5 दिन बाद ही पाटनी परिवार को सुरक्षा और गैंगस्टर्स को सीधा जवाब दे दिया गया है।