यूपी में एक गांव ऐसा, जो इस बात को लेकर बना मिसाल!: 37 वर्षों से कोई FIR दर्ज नही, आपसी समझौते...
यूपी में एक गांव ऐसा, जो इस बात को लेकर बना मिसाल!

उत्तर प्रदेश: जहाँ एक ओर देशभर में आए दिन विवाद, झगड़े और अपराध की खबरें सामने आती हैं, वहीं शाहजहांपुर जिले का नियामतपुर गांव अपने आप में एक अनूठी मिसाल पेश कर रहा है। पिछले 37 वर्षों से इस गांव में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। यह सिर्फ कानून-व्यवस्था की मजबूती का संकेत नहीं बल्कि आपसी भाईचारे, सामाजिक समझ और आपसी समाधान की अद्भुत परंपरा का प्रतीक है।

विवाद सुलझाने का देसी तरीका:

गांव के लोग किसी भी विवाद को थाने-चौकी या अदालत तक ले जाने के बजाय ग्राम सभा और आपसी पंचायत के माध्यम से निपटाते हैं। यहां छोटे-मोटे झगड़े आपसी संवाद और बड़ों की मध्यस्थता से सुलझ जाते हैं। यही वजह है कि दशकों से पुलिस को इस गांव में हस्तक्षेप करने की जरूरत ही नहीं पड़ी।

सामाजिक समरसता का उदाहरण

गांव के बुजुर्गों का कहना है कि नियामतपुर की पहचान आपसी एकजुटता और भाईचारे से है। चाहे शादी-ब्याह का मामला हो, जमीन-जायदाद का विवाद या फिर किसी तरह का सामाजिक मतभेद — गांव के लोग बैठकर समाधान निकालते हैं। यही परंपरा उन्हें एक-दूसरे के और करीब लाती है।

नई पीढ़ी भी निभा रही परंपरा:

गांव के युवा भी अपने बुजुर्गों की इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। आधुनिक शिक्षा और तकनीक के दौर में भी वे आपसी भाईचारे की इस संस्कृति को अपनाए हुए हैं। उनका मानना है कि इससे न सिर्फ विवाद जल्दी सुलझ जाते हैं बल्कि परिवारों और समाज में तनाव भी नहीं पनपता।

देश के लिए प्रेरणा:

आज जब समाज में छोटी-छोटी बातों पर झगड़े बढ़ रहे हैं और अदालतों में लाखों मामले लंबित हैं, नियामतपुर गांव पूरे देश के लिए प्रेरणा बन सकता है। यह दिखाता है कि अगर समाज में आपसी विश्वास और संवाद की परंपरा मजबूत हो, तो किसी भी विवाद को बिना कानूनी प्रक्रिया के सुलझाया जा सकता है।

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