नई दिल्ली: देश में मानसून की चाल पर इस बार बंगाल की खाड़ी का तूफानी दबाव भारी पड़ गया है। जहां एक ओर 24 मई को दक्षिण भारत में मानसून ने समय से पहले एंट्री लेकर उम्मीदें जगा दी थीं, वहीं अब इसके उत्तर भारत की ओर बढ़ने पर अचानक ब्रेक लग गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पूरे उत्तर भारत को अब कम से कम 14 दिन तक और मानसून का इंतजार करना पड़ेगा।
तूफान ने लगाया मानसून पर ब्रेक :
मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव (Deep Depression) अब उत्तर की बजाय पूर्व की ओर यानी बांग्लादेश की ओर बढ़ गया है। यह सिस्टम मानसून को ऊपर धकेलने की बजाय पूर्व की दिशा में खींच रहा है, जिससे इसका संतुलन गड़बड़ा गया है। आईएमडी के सीनियर वैज्ञानिक, डॉ. राजीव श्रीवास्तव के मुताबिक यह दबाव प्रणाली मानसून की प्राकृतिक रफ्तार को रोक रही है। असर अगले 2-3 दिन में स्पष्ट दिखेगा, और मानसून को अब 7 से 10 दिन का ब्रेक लग सकता है।
बारिश में रिकॉर्ड बढ़त लेकिन ठहराव से चिंता :
गौरतलब है कि देशभर में मानसून की अब तक की रफ्तार तेज़ रही है। महज़ 6 दिनों में औसत से 33% ज्यादा बारिश हो चुकी है, और मानसून अब तक 17 राज्यों में दस्तक दे चुका है। लेकिन इस चौंकाने वाली बढ़त के बाद अब मानसून ठहरने जा रहा है, जिससे किसानों और जल संकट से जूझते इलाकों की चिंता गहराने लगी है।
इन राज्यों में असर और अलर्ट :
केरल: लगातार भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात के मद्देनज़र कन्नूर, एर्नाकुलम, कासरगोड, कोट्टायम, त्रिशूर सहित 11 जिलों में शुक्रवार को सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, भागलपुर समेत सीमांचल के जिलों में 31 मई तक भारी बारिश का अलर्ट, निचले इलाकों में जलजमाव की आशंका।
महाराष्ट्र: अरब सागर में बना लो-प्रेशर सिस्टम कमजोर, लेकिन बंगाल की खाड़ी में उठे नए सिस्टम का असर अब तटीय जिलों पर पड़ेगा।
असम और उत्तर-पूर्व: डिप्रेशन के कारण अगले 24 घंटे असम में तबाही ला सकते हैं। खासकर कछार, हैलाकांडी, धुबरी, बोंगाईगांव, चिरांग जैसे जिलों में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
उत्तर भारत में खेती पर संकट की आहट :
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के किसान, जिनकी नजरें आसमान पर टिकी थीं, अब मायूस दिख रहे हैं। धान और गन्ने की फसलों की बुवाई पर असर पड़ सकता है, और यदि मानसून का यह ठहराव लंबा खिंचा तो खाद्यान्न उत्पादन में गिरावट तय मानी जा रही है।
IMD की चेतावनी क्या कहती है? :
IMD के मुताबिक मानसून अगले कुछ दिन सिर्फ पूर्वोत्तर में सक्रिय रहेगा। इसके बाद पश्चिम बंगाल, बिहार में धीरे-धीरे पहुंचेगा। वहीं उत्तर भारत में 10-14 दिन तक मानसून नहीं पहुंचेगा। मानसून देश के बाकी हिस्सों में भी धीमी गति से बढ़ेगा।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस साल मानसून 'सामान्य से थोड़ा ऊपर' रह सकता है, लेकिन मानसून की अनियमित चाल खेती और जल प्रबंधन के लिए चुनौती बन सकते हैं। ऐसे में मौसम विभाग का किसानों को सलाह है कि फिलहाल बुवाई में जल्दबाज़ी न करें। असम, बिहार और केरल में ट्रैवल अलर्ट का पालन करें।