नोएडा में यमुना पुश्ता के आसपास बाढ़: प्रशासन अलर्ट और एक्टिव मोड़ पर!: हजारों झुग्गियां जलमग्न वही 1.5 हजार से ज्यादा फार्महाउस डूबे...जानें कौन से इलाके सर्वाधिक प्रभावित
नोएडा में यमुना पुश्ता के आसपास बाढ़

नोएडा : यमुना का जलस्तर बढ़ते ही नोएडा के डूब क्षेत्र में हालात बेकाबू हो गए हैं।
पानी इतनी तेजी से घुसा कि लोगों को अपने घर और खेत छोड़कर भागना पड़ा। सेक्टर-133, 134, 135, 150 और 168 में करीब 1,500 फार्महाउस पानी में डूब चुके हैं। झुग्गियों से लेकर खेतों तक सब जलमग्न है और लोग ट्रैक्टर पर सामान लादकर सुरक्षित जगहों की ओर पलायन कर रहे हैं।

16 किमी तक झुग्गियां डूबीं, लोग पलायन पर मजबूर :
आपको बता दें कि यमुना पुश्ता रोड पर करीब 16 किलोमीटर तक बनी झुग्गियों में पानी भर गया है। इनमें ज्यादातर मजदूर रहते थे जो फार्महाउस और खेतों में काम करते हैं। प्रशासन ने तुरंत पुश्ता क्षेत्र खाली कराया और नगली वाजिदपुर समेत तीन जगहों पर राहत कैंप बनाए हैं। यहां सामुदायिक किचन तो चल रहा है लेकिन अभी भी कई परिवारों तक मदद नहीं पहुंची। शौचालय और डॉक्टर की कमी सबसे बड़ी परेशानी बनी हुई है।

5-10 फीट पानी, ट्रैक्टर से निकल रहा सामान :
गौरतलब है कि इलाकों में कई जगह 5 से 10 फीट तक पानी भरा है। लोग ट्रैक्टर की मदद से अंदर जाकर अपना सामान निकाल रहे हैं। बच्चे-बुजुर्ग सब असहाय हो चुकें हैं। खेतों की पूरी खड़ी-फसलें और नर्सरी के पौधे तक पूर्ण रूप से डूब चुके हैं।

2000 से ज्यादा पशु निकाले गए बाहर :
विदित है कि पुश्ता इलाके की एक बड़ी गौशाला से अब तक 2000 से ज्यादा मवेशियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। कई पशु अभी भी अंदर फंसे हैं जिन्हें निकालने का काम जारी है। उधर, राहत शिविरों में 600 से ज्यादा लोग शरण ले चुके हैं जबकि हजारों लोग अस्थायी झुग्गियों में रहने को मजबूर हैं।

हथनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी बना आफत :
आपको बता दें कि स्थिति तब और बिगड़ी जब हरियाणा के हथनीकुंड बैराज से 3.25 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। मंगलवार शाम करीब 4 बजे पानी नोएडा में पहुंचा और धीरे-धीरे यमुना का स्तर 200.60 मीटर से बढ़कर 207 मीटर तक पहुंचने की आशंका है। लगातार हो रही बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।

ये गांव सबसे ज्यादा प्रभावित
नोएडा के मंगरौली, छपरौली, गुलावली, मोहियापुर, झट्टा, याकूतपुर और नगली वाजिदपुर गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। पानी लगातार फैल रहा है और लोग पिछले साल की बाढ़ जैसे हालात की आशंका जता रहे हैं।

लोगों का कहना है कि हालात 2023 जैसी स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं जब हजारों लोगों को रेस्क्यू करना पड़ा था।
फिलहाल प्रशासन हाई अलर्ट है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों के सामने सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा, खाना और बीमारियों का खतरा है।

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