गाजियाबाद/नोएडा/हरियाणा : मॉनसून की बारिश ने यमुना नदी को उफान पर ला दिया है। हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक खतरे की घंटी बजा दी है। गाजियाबाद, नोएडा, बागपत, मथुरा और दिल्ली के यमुना किनारे बसे गांव अब बाढ़ के साये में हैं।
गांवों में अलर्ट, खतरे का निशान पार :
आपको बता दें कि सिंचाई विभाग ने साफ चेतावनी दी है कि जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, यमुना का पानी गांवों की ओर बढ़ चुका है। बागपत में तो सरकारी नलकूप तक पानी में समा गए हैं। खेत-खलिहान डूबने लगे हैं और कटान ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है।
हरियाणा में भीषण बाढ़ की आशंका :
विदित है कि हथिनीकुंड से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी का पहला असर हरियाणा के यमुना किनारे बसे गांवों में दिख रहा है। यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों में प्रशासन अलर्ट पर है। कई गांवों को खाली करने के निर्देश दिए गए हैं। खेतों में पानी भरने लगा है और पशुधन को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
गाजियाबाद-नोएडा में खाली कराए जा रहे डूब क्षेत्र :
गौरतलब है कि पिछले साल भारी तबाही झेल चुके गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर प्रशासन इस बार अलर्ट मोड में है। यमुना किनारे के इलाकों को खाली करने का आदेश दे दिया गया है। जिलाधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि नदी किनारे न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।
बागपत में 12 बाढ़ चौकियां एक्टिव :
विदित है कि बागपत डीएम अस्मिता लाल ने हालात की निगरानी खुद संभाल ली है। एसडीएम, लेखपाल और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को चौकन्ना कर दिया गया है। 12 बाढ़ चौकियों पर नावें, गोताखोर और राहत सामग्री तैनात की गई है। हर छोटे-बड़े गांव पर नज़र रखी जा रही है।
दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार तक पानी का असर :
विशेषज्ञों का अनुमान है कि छोड़ा गया यह पानी मंगलवार शाम तक दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में दस्तक देगा। यमुना के आसपास रहने वालों को सतर्क रहने की अपील की गई है।
स्थिति हुई गम्भीर :
विदित है कि यमुना का उफान अब सिर्फ नदी तक सीमित नहीं रहा। एनसीआर में लाखों लोगों की नींद उड़ चुकी है। प्रशासन ने राहत और बचाव की तैयारियां तेज कर दी हैं, लेकिन असली चुनौती तब सामने आएगी जब साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी राजधानी और गांवों की ओर बढ़ेगा।
बाढ़ कंट्रोल रूम नंबर भी जारी :
आपको बता दें कि बागपत प्रशासन ने कंट्रोल रूम का नंबर 01234-251131 और 9412752348 जारी किया है। किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
यमुना का उफान अब सिर्फ नदी तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे एनसीआर को संकट में डालने जा रहा है। प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है लेकिन असली चुनौती तब सामने आएगी जब लाखों क्यूसेक पानी राजधानी की ओर बढ़ेगा।