नई दिल्ली: इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025) आज रात लगने जा रहा है। ज्योतिष और खगोल विज्ञान दोनों की दृष्टि से यह घटना विशेष मानी जा रही है। हालांकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा लेकिन इसकी चर्चा हर जगह है। आइए जानते हैं आज के सूर्य ग्रहण से जुड़ी पूरी जानकारी..
कब लगेगा सूर्य ग्रहण?
आज रात 21 सितम्बर को ग्रहण रात 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा। ग्रहण का मध्य या चरम समय 22 सितम्बर की रात 1 बजकर 11 मिनट पर रहेगा। इसके बाद धीरे-धीरे यह घटना समाप्त होगी और सुबह 3 बजकर 23 मिनट पर ग्रहण खत्म हो जाएगा। कुल मिलाकर यह आंशिक सूर्य ग्रहण लगभग चार घंटे 24 मिनट तक चलेगा।
क्या भारत में दिखाई देगा ग्रहण?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि यह सूर्य ग्रहण भारत से दिखाई देगा या नहीं क्योंकि यह घटना देर रात घटेगी उस समय भारत में सूर्य अस्त हो चुका होगा। इसी वजह से भारत में यह ग्रहण बिल्कुल भी नजर नहीं आएगा।
यह ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध के हिस्सों से दिखाई देगा, जैसे न्यूजीलैंड, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर का कुछ क्षेत्र।
सूतक काल का प्रभाव..
सूर्य ग्रहण के समय परंपरा अनुसार सूतक काल माना जाता है। इसमें मंदिरों के द्वार बंद रहते हैं पूजा-पाठ रोक दिया जाता है और कई लोग खानपान तक त्याग देते हैं।
लेकिन चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा। यानी धार्मिक दृष्टि से यहां कोई विशेष नियम लागू नहीं होंगे।
ग्रहण के दौरान सावधानी..
• हालांकि भारत में यह दिखाई नहीं देगा लेकिन जिन देशों में ग्रहण दिखाई देगा वहां लोगों को विशेष सावधानी रखनी होगी।
• सूर्य ग्रहण को बिना सुरक्षा के देखना आंखों के लिए खतरनाक होता है।
• इस दौरान केवल सर्टिफाइड सोलर ग्लासेस (Eclipse Glasses) या विशेष टेलीस्कोपिक फिल्टर का इस्तेमाल करना चाहिए।
• नंगी आंखों से सूर्य की ओर देखने से बचना चाहिए वरना स्थायी नुकसान हो सकता है।
सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) क्या है?
सूर्य ग्रहण उस खगोलीय घटना को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है। इस स्थिति में चंद्रमा सूर्य की किरणों को कुछ समय के लिए रोक देता है और पृथ्वी पर उसका पूरा या आंशिक प्रकाश नहीं पहुँच पाता।
कैसे लगता है सूर्य ग्रहण?
सूर्य, चंद्रमा, पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं। चंद्रमा की छाया (Shadow) पृथ्वी पर पड़ती है। यही छाया पृथ्वी पर कहीं-कहीं से दिखाई देती है जिसे हम सूर्य ग्रहण के रूप में देखते हैं।
सूर्य ग्रहण के प्रकार:
पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse):
जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर बिल्कुल नहीं आता। उस समय कुछ पल के लिए दिन का उजाला अंधकार जैसा हो जाता है।
आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse):
जब चंद्रमा केवल सूर्य का कुछ हिस्सा ढकता है और बाकी हिस्सा दिखता रहता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse):
जब चंद्रमा सूर्य के बिल्कुल बीच में आता है लेकिन उसका आकार छोटा होने के कारण सूर्य का किनारा चारों ओर से चमकता हुआ अंगूठी जैसा दिखाई देता है। इसे Ring of Fire भी कहते हैं।
निष्कर्ष..
आज का सूर्य ग्रहण वैज्ञानिकों और खगोलविदों के लिए अध्ययन का एक अनोखा मौका है। भारत में भले ही यह दृश्य नहीं होगा लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह घटना उत्सुकता का विषय बनी हुई है। धार्मिक दृष्टिकोण से भी भारतवासियों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि यहां सूतक काल लागू नहीं होगा।