लखनऊ : यूपी की विधानभवन में गुरुवार का दिन इतिहास में दर्ज हो गया। योगी सरकार ने 9 साल बाद विधायकों, मंत्रियों और विधान परिषद सदस्यों की सैलरी और भत्तों में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी का ऐलान किया। उत्तर प्रदेश विधानमंडल सदस्य एवं मंत्रीगण सुख-सुविधा (संशोधन) विधेयक, 2025 मानसून सत्र के अंतिम दिन सर्वसम्मति से पास हो गया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने जानकारी दी – “पिछली बार अगस्त 2016 में वेतन और भत्ते बढ़ाए गए थे। इस बार सभी दलों की सहमति से यह फैसला हुआ है।"
जानें क्या-क्या बढ़ा? – एक नज़र में
आपको बता दें कि 9 साल बाद विधायकों के वेतन और अन्य सुविधाओं में बंपर उछाल देखने को मिला है। आइये एक नजर डालते हैं कितनी बढ़ी सैलेरी।
विधायक वेतन: ₹25,000 से ₹35,000
मंत्री वेतन: ₹40,000 से ₹50,000
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता: ₹50,000 से ₹75,000
दैनिक सत्र भत्ता: ₹2,000 से ₹2,500
जनसेवा दैनिक भत्ता: ₹1,500 से ₹2,000
चिकित्सीय भत्ता: ₹30,000 से ₹45,000
टेलीफोन भत्ता: ₹6,000 से ₹9,000
यात्राओं में भी लग्ज़री अपग्रेड :
गौरतलब है कि पूर्व विधायकों के रेलवे कूपन और वाहन भत्ता ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹1.5 लाख कर दिया गया है ।इसमें से ₹50,000 रेल और हवाई यात्रा के लिए, और ₹1 लाख पेट्रोल-डीज़ल के लिए रहेगा। बचा हुआ पैसा कैश में कन्वर्ट करने की सुविधा भी दी गयी है।
पेंशन भी हुई बम्पर वृद्धि :
आपको बता दें कि पूर्व विधायक पेंशन ₹25,000 से बढ़ाकर ₹35,000 कर दिया गया है। इसके साथ ही पारिवारिक पेंशन ₹25,000 से बढ़ाकर ₹30,000 और 6 साल सेवा पूरी करने पर ₹2,000 प्रतिमाह अतिरिक्त पेंशन मिलेगा जो कि, प्रत्येक साल 2 हजार रुपये और बढ़ते रहेंगे। इसके साथ ही 6 माह से ज्यादा के कार्यकाल को पूरा 1 साल माना जाएगा।
1 अप्रैल से लागू, 5 साल में फिर बढ़ेगा :
विदित है कि यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी और हर 5 साल बाद आयकर अधिनियम, 1961 के तहत महंगाई सूचकांक के आधार पर अपने-आप बढ़ेगी।
सत्ता और विपक्ष, एक ही रंग में :
आपको बता दें कि यह दुर्लभ नज़ारा था जब सत्ता पक्ष और विपक्ष बिना किसी बहस के एकमत दिखे। मार्च 2025 में बनी समिति (जिसमें सुरेश खन्ना, माता प्रसाद पांडेय, आशीष पटेल, राजपाल बालियान, संजय निषाद, ओम प्रकाश राजभर, अराधना मिश्रा ‘मोना’ और रघुराज सिंह शामिल थे) ने सिफारिश दी थी – जिसे सभी ने फटाफट मंज़ूर कर लिया।
जनता का सवाल – हमारे लिए कब?
गौरतलब है कि गली-कूचों और सोशल मीडिया पर अब एक ही चर्चा चल रही कि “क्या जनता के वेतन-भत्ते भी कभी ऐसे बढ़ेंगे?” आम आदमी के लिए बिजली, पानी, गैस और पेट्रोल के दाम बढ़ते हैं – लेकिन वेतन? वही पुराना। उधर, माननीयों का वेतन और भत्ता अब कई सरकारी अफसरों से भी ज्यादा। और ये भी ध्यान रहे, ये रकम टैक्सपेयर्स की जेब से निकल रही है।
कुल मिलाकर सरकारी खजाने पर असर :
विदित है कि इस वेतन वृद्धि से सरकार पर सालाना बोझ ₹105 करोड़ 63 लाख बढ़ जाएगा। और हर विधायक को फायदा लगभग ₹67,750 प्रतिमाह होगा। वही हर मंत्री को ₹77,750 प्रतिमाह का फायदा होगा। वहीं पेंशनधारकों को सीधा फायदा ₹5,000 से ₹10,000 प्रतिमाह हो जाएगा।