लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार में बड़ा प्रशासनिक बदलाव हुआ है। आईएएस शशि प्रकाश गोयल (एसपी गोयल) को राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है, जबकि पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को केंद्र सरकार ने सेवा विस्तार नहीं दिया। मनोज सिंह 37 साल की सेवा के बाद गुरुवार को रिटायर हो गए। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र की सरकार में कुछ प्रभावशाली मंत्रियों और नेताओं ने मनोज सिंह के कार्यकाल के विस्तार का विरोध व्यक्त किया था, जिसके बाद इस फैसले को सुनिश्चित लिया गया।
क्यों नहीं मिला मनोज सिंह को सेवा विस्तार?
आपको बता दें कि औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' ने उनके खिलाफ शिकायत की थी। आरोप थे कि मनोज सिंह बड़े बिल्डर्स और उद्योगपतियों को अनुचित लाभ पहुंचा रहे थे। वहीं कुछ मंत्रियों ने दावा किया कि वे सीधे सीएम से फाइलें पास कराते थे, मंत्रियों को बाईपास करते थे। डिप्टी सीएम समेत कई नेताओं ने दिल्ली में उनके खिलाफ मोर्चा खोला था।
कौन हैं नए मुख्य सचिव एसपी गोयल?
गौरतलब है कि गोयल 1989 बैच के आईएएस, यूपी कैडर के टॉपर रहें हैं। उनके पास पीएमओ और राष्ट्रपति सचिवालय में कार्य अनुभव है। योगी सरकार के करीबी रहें हैं, पिछले लगभग आठ सालों से CM ऑफिस में जरूरी भूमिका निभाई है। वे जेवर एयरपोर्ट समेत कई बड़ी परियोजनाओं को अंजाम दिए है। वे 31 जनवरी 2027 तक सेवा में रहेंगे, संभावना है कि विधानसभा चुनाव (2027) तक उनका कार्यकाल बढ़ सकता है।
गोयल की चुनौतियां: पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव -
विदित है कि गोयल पर 2025 में पंचायत चुनाव और 2027 में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की जिम्मेदारी है। यूपी के विकास प्रोजेक्ट्स को गति देना, विशेषकर इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक निवेश को, इनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। इनका प्रमुख लक्ष्य सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है।
जानें क्या कहा गोयल ने?
विदित है कि कार्यभार सम्भालने के बाद गोयल ने कहा कि :
"मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार कि उन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी दी। मेरी प्राथमिकताएं सीएम की प्राथमिकताएं हैं। जीरो टॉलरेंस, जीरो करप्शन और औद्योगिक विकास पर फोकस रहेगा।"
क्यों खास है यह नियुक्ति?
आपको बता दें कि गोयल को योगी सरकार का सबसे 'ताकतवर मुख्य सचिव' माना जा रहा है। उन्हें केंद्र सरकार के साथ बेहतर तालमेल का अनुभव है, जिससे उत्तर प्रदेश को परियोजनाओं के पैसे और मंजूरियां मिलने में आसानी होगी। पंचम-तल (CM आफिस) पर उनकी पकड़ अच्छी है, जिससे नौकरशाही पर नियंत्रण रहेगा।
मनोज सिंह के बजाय एसपी गोयल की नियुक्ति से साफ है कि योगी सरकार अब अपने विश्वसनीय अफसरों पर भरोसा कर रही है। गोयल का कार्यकाल यूपी के आगामी चुनावों और विकास योजनाओं के लिए अहम साबित होगा। अब देखना है कि क्या वह प्रशासनिक अड़चनों को दूर कर यूपी को नई गति दे पाते हैं।