लखनऊ में जमीन और मकान खरीदना हुआ महंगा!: सर्किल रेट में जबरदस्त बढ़ोतरी,10 साल बाद बड़ा झटका...जानें कहाँ कितना हुआ नया सर्किल रेट
लखनऊ में जमीन और मकान खरीदना हुआ महंगा!

लखनऊ : राजधानी में अगर आप मकान, दुकान या ज़मीन खरीदने की सोच रहे हैं तो अब आपको जेब और मजबूत करनी होगी। दस साल बाद नया सर्किल रेट लागू कर दिया गया है, और इस बार रेट में जो बढ़ोतरी की गई है, वो आम खरीदार को सीधा झटका देने वाली है।

नए सर्किल रेट की तस्वीर: कौन-कौन हुआ कितना महंगा?

आपको बता दें कि कृषि भूमि 15% तक महंगी, व्यावसायिक ज़मीन में 25% तक की बढ़ोतरी के साथ बहुमंजिला इमारतों का मूल्य 20% तक बढ़ाया गया है।। इसके साथ ही दुकान, कार्यालय और गोदाम में औसतन 20% की वृद्धि की गई है कुछ इलाकों में विसंगति दूर करने के लिए 40% तक रेट बढ़ाए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, 2014 के बाद पहली बार सर्किल रेट में इतनी बड़ी समीक्षा की गई है।

गोमतीनगर की दो सड़कें सबसे महंगी –

विदित है कि गोमतीनगर के विराजखंड और विभूतिखंड में अब जमीन खरीदना सबसे महंगा सौदा बन गया है। वहां 77,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर सर्किल रेट तय किया गया है। वहां अब ये रेट लागू होगा। विराजखंड रोड (फ्लाईओवर के नीचे से मंत्री आवास होते हुए वन अवध मॉल तक), वहीं विभूतिखंड पुलिस चौकी से हयात होटल होते हुए पिकअप भवन चौराहे तक की सड़कें और आस-पास की कॉलोनियों पर भी रेट वृद्धि लागू होगी।

अगर पास में दुकान है, तो ज़मीन का रेट अपने आप बढ़ जाएगा!"

गौरतलब है कि अगर किसी अकृषक भूमि के पास कोई व्यावसायिक गतिविधि (दुकान, ऑफिस) हो रही है, तो जमीन का मूल्य 20% अधिक लगाया जाएगा। और अगर आप ऐसी ज़मीन बेचते हैं, तो उसका मूल्य 50% अधिक रेट से आंका जाएगा। यानी अब आसपास की गतिविधियां भी आपकी ज़मीन के दाम बढ़ा सकती हैं या आपको ज्यादा टैक्स देना पड़ सकता है।

दान में संपत्ति देने पर छूट – लेकिन शर्तों के साथ!

विदित है कि अगर कोई व्यक्ति अपने परिवार के सदस्य (जैसे बेटा-बेटी, पति-पत्नी, माता-पिता, बहू, दामाद, सगा भाई-बहन आदि) को संपत्ति दान करता है, तो स्टांप शुल्क सिर्फ 5,000 रुपये लगेगा यह छूट सिर्फ परिवार के करीबी सदस्यों के लिए मान्य है।

कागजी काम होगा और आसान – आए दो स्मार्ट क्यूआर कोड!

आपको बता दें कि एडीएम वित्त एवं राजस्व राकेश कुमार सिंह ने जानकारी दी कि दो QR कोड बनाए गए हैं –पहला कोड, स्टांप व निबंधन से जुड़ी सारी जानकारी देगा। कौन से दस्तावेज़ चाहिए, अफसरों के नंबर, रजिस्ट्री कैसे कराएं आदि वहीं दूसरा कोड ऑफिस का लोकेशन, मैप और पता बताएगा। लोग अब मोबाइल से ही सारी जानकारी घर बैठे पा सकते हैं।

कैसे तय हुए नए रेट? क्या लोगों ने विरोध किया?

आपकी जानकारी को बता दें कि प्रशासन ने 1 जुलाई को प्रस्तावित सर्किल रेट जारी किए थे। 49 आपत्तियां आईं, लेकिन इनमें कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया। डीएम और एडीएम ने सभी आपत्तियों की सुनवाई की और लगभग वही रेट फाइनल कर दिए गए। खासकर मोहनलालगंज और सरोजनीनगर जैसे इलाकों में रेट में एकरूपता लाई गई है।

10 साल बाद आए इस सर्किल रेट में उछाल से घर, दुकान, ऑफिस खरीदने की लागत बढ़ेगी साथ ही रजिस्ट्री कराने में ज्यादा स्टांप ड्यूटी देनी होगी वहीं आस-पास की गतिविधियों के चलते आपकी ज़मीन Pकी वैल्यू भी बदल सकती है। अगर आप प्रॉपर्टी लेने की सोच रहे हैं तो रेट चार्ट और सर्किल लोकेशन जरूर चेक करें।

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