लाइफस्टाइल: दुनियाभर में दिल से जुड़ी बीमारियां विशेषज्ञों के लिए एक गंभीर चुनौती बनती जा रही हैं। पिछले कुछ सालों में कार्डियक रोगों की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखा गया है। अब यह समस्या सिर्फ वृद्ध लोगों तक सीमित नहीं रह गई है। हाल में कई ऐसे केस सामने आए हैं जहां 20 साल से भी कम उम्र के युवाओं की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई।
उदाहरण के तौर पर अप्रैल महीने में ही मध्य प्रदेश के इंदौर में दो 18 वर्षीय किशोरों की अचानक हार्ट अटैक से जान चली गई। वहीं इससे पहले गुजरात में छठी कक्षा के एक छात्र की आकस्मिक दिल की धड़कन रुक जाने से मौत हो गई थी।अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर कम उम्र के बच्चों, युवाओं और व्यस्कों में इस जानलेवा बीमारी की वृद्धि के पीछे कारण क्या हैं? और क्या कोई ऐसा उपाय है जिससे हृदय रोग के जोखिम को घटाया जा सकता है?
दिल की बीमारी का बढ़ता खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि डेली रूटीन और खानपान में असंतुलन ने दिल की सेहत को बुरी तरह प्रभावित किया है। यही कारण है कि हार्ट अटैक की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसीलिए अब जरूरी हो गया है कि हम अपने दिल के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क हो जाएं।जिन व्यक्तियों के घर-परिवार में पहले किसी को दिल की बीमारी रही हो या जो फिजिकली एक्टिव नहीं रहते यानी जो लोग दिन का अधिकतर वक्त बैठकर बिताते हैं और उनका खान-पान भी असंतुलित है उनको विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
बच्चों को भी नहीं छोड़ रही दिल की बीमारी
अपोलो हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी एक्सपर्ट डॉ. निरंजन हीरेमथ का कहना है कि वक्त के साथ दिल की बीमारियां हर उम्र वर्ग में देखने को मिल रही हैं यहां तक कि बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं। हालांकि बड़ों की तुलना में बच्चों में यह जोखिम कम होता है और अधिकतर मामलों में यह जन्मजात होता है।माता-पिता और अभिभावकों को ध्यान देना चाहिए कि अगर बच्चों को बार-बार सीने में हल्का दर्द होता है चक्कर आते हैं या सांस लेने में परेशानी होती है तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
कैसे जानें कि आप दिल के मरीज हैं या नहीं?
हेल्थ एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराते रहना बहुत आवश्यक है जैसे कि ब्लड टेस्ट, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की जांच। यदि इनका स्तर सामान्य से अधिक हो तो जल्दी इलाज कराना बेहद जरूरी है जिससे हार्ट से जुड़ी बड़ी समस्याएं होने से रोकी जा सके।
ऐसे पता लगाए कि भविष्य में आपको दिल के दौरे का खतरा तो नहीं
इसके अलावा लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (LSHTM) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ब्लड टेस्ट के बारे में जानकारी दी है जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि भविष्य में आपको दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की कितनी संभावना है।इस टेस्ट में खून में मौजूद "ट्रोपोनिन" नामक प्रोटीन की जांच की जाती है। इसकी मदद से हृदय पर खतरे की भविष्यवाणी की जा सकती है। खास बात यह है कि इस टेस्ट की कीमत सिर्फ £5 यानी लगभग 565 रुपये है जो कि किफायती भी है।
दिल को मजबूत रखने के लिए याद रखें ‘5S’ का ये फॉर्मूला
दिल्ली के PSRI हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रवि प्रकाश का मानना है कि अगर हम अपनी डेली रूटीन में 5S फार्मूला अपनाएं तो दिल की सेहत काफी हद तक सुधारी जा सकती है। चलिए जानते है क्या है ये फॉर्मूला:
1. Smoking (धूम्रपान): अगर आप स्मोक करते हैं तो हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसे छोड़ना सबसे जरूरी कदम है।
2. Salt & Sugar (नमक और चीनी): ज़्यादा नमक और मीठा खाना आपके दिल पर बुरा असर डालता है। इन्हें जितना हो सके कम करें।
3.स्लीप और स्ट्रेस (Sleep & Stress): नींद पूरी करना और तनाव को नियंत्रित रखना हृदय को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। रोजाना 6-8 घंटे की अच्छी नींद स्ट्रेस को कम करती है और दिल को मजबूती देती है।
4.सिटिंग (Sitting): लंबे समय तक एक ही जगह बैठे रहना हानिकारक हो सकता है। नियमित रूप से चलना-फिरना और एक्सरसाइज करना चाहिए। ऑफिस में काम करते समय हर आधे घंटे में थोड़ा टहल लें।
5.सीनियर्स (Seniors): अगर आपके माता-पिता या दादा-दादी को दिल की बीमारी रही है तो आप भी रिस्क ज़ोन में हैं। इसलिए टाइम-टाइम पर चेकअप करवाएं और दिल का खास ख्याल रखें।
नोट: संबंधित लेख पाठक की जानकारी तथा जागरूकता को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। NCR पत्रिका लेख में प्रदत्त जानकारी अथवा सूचना को लेकर किसी प्रकार का न तो दावा करता है और न ही कोई प्रचार प्रसार या जिम्मेदारी लेता है। इसलिए उपरोक्त लेख में बताई गई बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श लेकर ही कोई फैसला करें।