हेल्थ और फिटनेस: गर्मियों का कहर अब सिर्फ लू तक सीमित नहीं रहा। देशभर में बढ़ते तापमान के साथ एक और अदृश्य खतरा मंडरा रहा है वह है डिहाइड्रेशन का यानी शरीर में पानी की खतरनाक कमी।
खतरनाक है पानी की अनदेखी:
गौरतलब है कि तेज़ धूप, उच्च तापमान और पसीना ये तीनों मिलकर शरीर से जरूरी फ्लुइड्स और इलेक्ट्रोलाइट्स बहा देते हैं। पानी की थोड़ी सी भी कमी आपके शरीर की जैविक सिस्टम को बिगाड़ सकती है। इसके नतीजतन थकान, सिरदर्द, चक्कर, कमज़ोरी हो सकती है। डिहाइड्रेशन सिर्फ प्यास लगने तक नहीं सीमित है यह साथ ही शरीर के भीतर बिगड़ते बैलेंस की चेतावनी है।
हर अंग में है पानी फिर क्यों होता है इसकी कमी :
आपको बता दें कि ब्रेन और लिवर में 70 से 80 प्रतिशत तक पानी होता है वहीं हड्डियों और दांतों में सिर्फ 20 से 30 प्रतिशत पानी होता है। लेकिन जब शरीर से पानी तेजी से निकलता है और उसकी पूर्ति नहीं होती, तब शरीर खुद को डीहाइड्रेड करने लगता है, जिससे शरीर में पानी की कमी होने लगती है।
क्या है डिहाइड्रेशन के लक्षण :
गौरतलब है कि डीहाइड्रेशन के लक्षण में लगातार प्यास लगना, गहरा पीला यूरिन, मुंह सूखना,थकान, चिड़चिड़ापन,आंखों का धंस जाना,स्किन सूखना,कम बीपी और बेहोशी जैसे लक्षण शामिल हैं। इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो समझिए शरीर को तुरन्त पानी की जरूरत है।
उम्र के हिसाब से कितना पानी जरूरी? :
डॉक्टर के अनुसार हर उम्र के व्यक्ति में पानी की जरूरत अलग-अलग होती है।
●नवजात शिशु - 0.7–0.8 लीटर (दूध सहित)
●बच्चे (1–8 वर्ष) - 1–1.5 लीटर
●किशोर - 2–2.5 लीटर
●पुरुष - (18+ वर्ष) 3.7 लीटर
●महिलाएं - (18+ वर्ष) 2.7 लीटर
●गर्भवती महिलाएं - 3 लीटर
●बुजुर्ग (60+) - 2.0–2.5 लीटर (ध्यानपूर्वक)
ध्यान दें कि गर्मी, व्यायाम, बुखार या दस्त होने पर इस मात्रा को और बढ़ा सकते हैं।
कब पहुंचें डॉक्टर के पास? :
●लगातार उल्टी या दस्त होने पर।
●पेशाब बंद हो जाना
●नाड़ी और सांस तेज हो जाना
●बच्चा बहुत रो रहा हो लेकिन आंसू न निकलें
●बुजुर्गों में बार-बार बेहोशी या भ्रम
ऐसे लक्षण दिखते ही देर न करें तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें।
डिहाइड्रेशन से बचाव के 5 उपाय :
1. प्यास लगने का इंतज़ार न करें—घूंट-घूंट करके पानी पिएं
2. खीरा, तरबूज, बेल, संतरा, पत्तेदार सब्जियां खाएं
3. छाछ, सत्तू, नारियल पानी जैसे प्राकृतिक ड्रिंक्स लें
4. बहुत गर्म जगहों में काम न करें, छांव में रहें।
5. शारीरिक श्रम करने से पहले और बाद में पानी ज़रूर लें
पानी पीने का क्या है वैज्ञानिक तरीका :
आपको बता दें कि झटके से नहीं, धीरे-धीरे घूंट लेकर पानी पिएं। इससे लार के जरूरी एंज़ाइम पेट तक पहुंचते हैं, जो पाचन में मदद करते हैं। सुबह खाली पेट पानी पीना अमृत समान है।
गर्मी की खतरनाक बीमारी डिहाइड्रेशन कई बार लक्षण दिए बिना जान तक ले सकती है। इसलिये गर्मी में पानी को नजरअंदाज ना करें क्योंकि शरीर के लिए सबसे जरूरी चीज पानी ही है