बॉलीवुड : बॉलीवुड की ‘क्वीन’ और अब भाजपा सांसद कंगना रनोट ने एक बार फिर अपने बेबाक बयान से सुर्खियां बटोरी हैं। इस बार उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप और डेटिंग ऐप्स पर ऐसा हमला बोला है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया।
"लिव-इन रिलेशनशिप महिलाओं के लिए सही नहीं"
आपको बता दें कि कंगना ने कहा कि शादी का महत्व भारतीय समाज में बेहद गहरा है। शादी पति और पत्नी के बीच वफादारी का एक वादा है। लेकिन आजकल तेजी से बढ़ रहे लिव-इन रिलेशनशिप कल्चर पर उन्होंने चिंता जताई। उन्होंने साफ शब्दों में कहा: “लिव-इन रिलेशनशिप महिलाओं के लिए ठीक नहीं है। अगर कल कोई लड़की प्रेग्नेंट हो जाए तो उसका ख्याल कौन रखेगा? अबॉर्शन कौन कराएगा? महिलाएं इन रिश्तों में सबसे ज्यादा नुकसान उठाती हैं।” कंगना ने आगे कहा कि पुरुष और महिलाएं रिश्तों को लेकर अलग सोच रखते हैं। “पुरुष अपने रिलेशन को हिस्सों में बांट सकते हैं, लेकिन महिलाएं ऐसा नहीं कर पातीं। शादी के बाद भी पुरुष वैसे ही रहते हैं जैसे पहले थे, भले ही उन्होंने लिव-इन क्यों न किया हो।”
डेटिंग ऐप्स को बताया गटर!
गौरतलब है कि इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि क्या वो कभी डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल करेंगी, तो कंगना ने तीखा जवाब दिया। वे बोली कि : “मुझे कभी डेटिंग ऐप्स पर जाने की इच्छा नहीं हुई। ये समाज के असली गटर हैं। वहां ज्यादातर असफल लोग ही मिलते हैं। जिनकी जिंदगी में कोई दिशा नहीं होती, वही वहां जाते हैं।”
डेटिंग ऐप्स पर सिर्फ लूज़र :
आपको बता दें कि कंगना ने यहां तक कह दिया कि : “आपको मेरी तरह के लोग डेटिंग ऐप्स पर कभी नहीं मिलेंगे। वहां सिर्फ लूजर हैं। अगर आप ऑफिस, दोस्तों या परिवार से किसी अच्छे इंसान से नहीं मिल पाए और डेटिंग ऐप पर पहुंच गए, तो सोचिए आप किस तरह के इंसान हैं।”
डेटिंग कल्चर को बताया "नीच काम"
विदित है कि कंगना ने आजकल के डेटिंग कल्चर पर भी प्रहार किया। उन्होंने कहा: “आजकल डेटिंग का मतलब है—हर रात बाहर जाकर किसी को ढूंढना। ये बहुत ही नीच और गंदा काम है। जरूरतें सबकी होती हैं, लेकिन उन्हें पूरा करने का तरीका साफ-सुथरा होना चाहिए, गंदा नहीं।”
कंगना का अंदाज़ वही; सीधा और धारदार
गौरतलब है कि कंगना रनोट के बयान अक्सर चर्चा में रहते हैं। इस बार उन्होंने महिलाओं, रिश्तों और मॉडर्न डेटिंग कल्चर पर जो राय रखी है, उसने एक नई बहस छेड़ दी है। अब सवाल यह है कि क्या कंगना की ये बात युवा पीढ़ी को सोचने पर मजबूर करेगी या एक और विवाद का कारण बनेगी?
कंगना रनौट के बयानों ने एक बार फिर "पारंपरिक बनाम आधुनिक रिश्तों" पर बहस छेड़ दी है। जहां एक तरफ शादी को सुरक्षित विकल्प बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर युवा "चॉइस और फ्रीडम" की बात कर रहे हैं। सवाल यह है कि क्या समाज की नैतिकता एक ही तरह के रिश्तों पर थोपी जा सकती है?