हरियाणा : प्रदेश में बिजली की बड़ी खपत वाले औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर नया आर्थिक बोझ पड़ा है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) ने उन उपभोक्ताओं पर ₹1.21 प्रति यूनिट (KWh) एडिशनल सरचार्ज लगाने का निर्णय लिया है, जो डिस्कॉम की सप्लाई छोड़कर ओपन एक्सेस सिस्टम के जरिए बिजली खरीदते हैं। यह आदेश 6 अगस्त 2025 से प्रभावी माना जाएगा। वही तारीख जिस दिन HERC (हरियाणा विद्युत नियामक आयोग) ने सरचार्ज संशोधित किया था।
किन पर लागू, किन पर नहीं?
आपकी जानकारी के लिए बता देब कि यह नया सरचार्ज सभी उपभोक्ताओं पर लागू नहीं होगा।
यह केवल उन थोक (Bulk) कंज्यूमर्स पर लागू है जो:
●बड़े उद्योग
●शॉपिंग मॉल और कॉर्पोरेट बिल्डिंग
●मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल
●बड़े सिंचाई/पंपिंग स्टेशन
●डेयरी व फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स
जैसे भारी बिजली उपयोगकर्ता हैं और जो डिस्कॉम के बजाय निजी उत्पादकों/ट्रेडर्स से बिजली खरीदते हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, ऐसे उपभोक्ता यह अतिरिक्त लागत अपने ग्राहकों/रेटेल यूजर्स पर भी डाल सकते हैं, जिससे कई सेक्टरों में महंगाई का असर दिख सकता है।
क्यों लगाया गया एडिशनल सरचार्ज?
HERC के नियमों के मुताबिक, ओपन एक्सेस लेने वाले उपभोक्ता डिस्कॉम की तय की गई PPAs (पावर परचेस एग्रीमेंट) की लागत में हिस्सा नहीं देते, जबकि नेटवर्क का उपयोग करते हुए भी कंपनियों पर फिक्स्ड कॉस्ट का बोझ बना रहता है। इसी वजह से दोनों वितरण निगम (UHBVN/DHBVN) लंबे समय से सरचार्ज लागू करने की मांग कर रहे थे।
ओपन एक्सेस सिस्टम क्या है?
गौरतलब है कि ओपन एक्सेस एक ऐसा ढांचा है जिसमें कम से कम 1 मेगावाट लोड वाले उपभोक्ता बिजली सीधे किसी पावर प्लांट या बिजली ट्रेडर से खरीद सकते हैं। यह उपभोक्ता को सस्ता विकल्प चुनने, नवीकरणीय ऊर्जा खरीदने और सप्लायर बदलने की आज़ादी देता है।
लेकिन इसके लिए उपभोक्ता को राज्य के ट्रांसमिशन नेटवर्क का उपयोग करना पड़ता है और बदले में वीलिंग चार्ज, क्रॉस-सब्सिडी सरचार्ज और अब यह एडिशनल सरचार्ज देना होगा।
6 अगस्त से क्यों लागू?
HERC ने 6 अगस्त 2025 को नया आदेश जारी किया था। DHBVN ने उसी तारीख से सरचार्ज लागू करने का निर्णय लिया यह सरचार्ज आगे भी जारी रहेगा, जब तक सरकार नया संशोधन न करे। सरकार की ओर से इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
किन सेक्टरों पर सबसे अधिक असर पड़ेगा?
●ऑटोमोबाइल और पार्ट्स इंडस्ट्री
●टेक्सटाइल उद्योग
●स्टील और फाउंड्री यूनिट्स
●बड़े अस्पताल
●कॉम्प्लेक्स/मॉल्स
●कोल्ड स्टोरेज/फूड प्रोसेसिंग
●बड़े कृषि पंपिंग स्टेशन
इन सभी संस्थानों की बिजली खपत सबसे अधिक होती है, और ओपन एक्सेस के माध्यम से वे कम लागत वाली बिजली खरीदते रहे हैं। अब नई दर से इनकी लागत बढ़ जाएगी।
क्या घरेलू बिजली भी महंगी होगी?
ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार “यह सरचार्ज आम घरेलू या छोटे व्यावसायिक उपभोक्ताओं पर लागू नहीं है। लेकिन बड़े कारोबारी ग्राहक यह बोझ अपने उत्पादों/सेवाओं में जोड़कर वसूल सकते हैं।” यानि महंगाई का अप्रत्यक्ष असर लोगों तक पहुँच सकता है।
हरियाणा में ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं के लिए यह फैसला बड़ा झटका है। उद्योग जगत इसे “लागत बढ़ाने वाला कदम” बता रहा है, जबकि डिस्कॉम का कहना है कि यह सरचार्ज पावर सिस्टम में संतुलन और लागत वसूली के लिए आवश्यक है। आने वाले समय में सरकार इसका पुनर्विचार करेगी या नहीं यह देखना होगा।