दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव; ABVP ने तीन पदों पर फहराया परचम!: आर्यन मान DUSU अध्यक्ष, NSUI के राहुल झांसल बने उपाध्यक्ष, वहीं सचिव...जानें राजनीतिक मायने
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव; ABVP ने तीन पदों पर फहराया परचम!

नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव 2025-26 के नतीजे आ चुके हैं। शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा और हाई-वोल्टेज माहौल के बीच मतगणना पूरी हुई और नतीजों ने एक बार फिर राजनीति की जमीन हिला दी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने ज़बरदस्त प्रदर्शन करते हुए तीन अहम पदों अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस समर्थित NSUI केवल उपाध्यक्ष पद पर ही सिमट गई।

नतीजों की सबसे बड़ी तस्वीर :

● अध्यक्ष: आर्यन मान (ABVP) – 28,841 वोट
● उपाध्यक्ष: राहुल झांसला (NSUI) – 29,339 वोट
● सचिव: कुणाल चौधरी (ABVP) – 23,779 वोट
● संयुक्त सचिव: दीपिका झा (ABVP) – 21,825 वोट

ABVP का यह प्रदर्शन न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना है, बल्कि DU कैंपस में छात्रों की भविष्य की राजनीति की दिशा भी तय करता दिख रहा है।

कौन हैं नए अध्यक्ष आर्यन मान?

आपको बता दें कि हरियाणा के बहादुरगढ़ के रहने वाले आर्यन मान ने DU की राजनीति में पहले ही बड़ा नाम बना लिया था। हंसराज कॉलेज से ग्रेजुएट और वर्तमान में लाइब्रेरी साइंस के छात्र, आर्यन मान खेलों में भी सक्रिय रहे हैं और फुटबॉल के अच्छे खिलाड़ी हैं। फीस वृद्धि, बुनियादी ढांचे की कमी और छात्रों की समस्याओं को लेकर हुए आंदोलनों में उनकी भूमिका अहम रही। उनकी जीत ABVP के लिए मजबूत संदेश मानी जा रही है।

NSUI का सहारा – राहुल झांसला :

विदित है कि हालांकि तीन पद गंवाने के बावजूद NSUI ने उपाध्यक्ष पद पर कब्ज़ा जमाकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। राहुल झांसला, 24 वर्षीय बौद्ध अध्ययन के छात्र, छात्रों की मूलभूत समस्याओं जैसे स्वच्छ पेयजल, छात्रावासों की व्यवस्था, खेल सुविधाएं और महिला विकास प्रकोष्ठ की मांगों को लेकर लगातार सक्रिय रहे। पूर्वांचल और राजस्थान के छात्र समुदाय ने उन्हें जबरदस्त समर्थन दिया।

सचिव और संयुक्त सचिव पर ABVP का कब्ज़ा :

● कुणाल चौधरी (सचिव) – दिल्ली के रहने वाले, पीजीडीएवी कॉलेज से निकले नेता। कॉलेज चुनाव से लेकर कैंपस पॉलिटिक्स में उनकी जुझारू छवि पहले से ही चर्चा में रही।
● दीपिका झा (संयुक्त सचिव) – बिहार मूल की छात्रा, लक्ष्मीबाई कॉलेज से स्नातक। समाज सेवा और ABVP प्रकल्प "स्टूडेंट्स फॉर सेवा" से जुड़कर छात्र राजनीति में पहचान बनाई।

वोटिंग और माहौल :

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार कुल 39.45% मतदान हुआ था जो कि पिछले साल से 4.25% ज्यादा था। 1.55 लाख मतदाताओं में से 52,635 छात्रों ने वोट डाले। वहीं 52 केंद्रों और 195 बूथों पर मतदान हुआ। चुनाव शांति से हुए, हालांकि नॉर्थ कैंपस के बाहर कुछ कॉलेजों में हल्का हंगामा भी देखने को मिला।

पिछले वर्षों का मतदान प्रतिशत :

● 2024: 35.2%
● 2023: 42%
● 2019: 39.9%
● 2018: 44.5%

इस बार का मतदान आंकड़ा पिछले साल से ऊंचा, लेकिन 2018-19 के स्तर तक नहीं पहुंच पाया।

क्या है इसके राजनीतिक मायने :

गौरतलब है कि ABVP की यह जीत न सिर्फ DU कैंपस की सियासत बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी संकेत देती है। दिल्ली विश्वविद्यालय हमेशा से राष्ट्रीय राजनीति का संकेतक माना जाता रहा है। जिसका असर आगामी विधानसभा/लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है। इस बार भाजपा समर्थित ABVP की वापसी ने आने वाले समय में छात्र राजनीति की दिशा तय कर दी है। वहीं कांग्रेस समर्थित NSUI का एकमात्र सीट पर सिमटना कांग्रेस के लिए चिंता का सबब है।

साफ है कि DUSU चुनाव 2025 में ABVP ने बड़ा धमाका किया है, जबकि NSUI अपनी साख बचाने में ही कामयाब रही। अब देखना होगा कि नए चुने गए पदाधिकारी छात्रों की उम्मीदों पर कितने खरे उतरते हैं।

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