उत्तराखंड; सर्किल रेट में भारी बढ़ोतरी, अब जमीन खरीदना हुआ ओर महंगा!: घर_दुकान खरीदनें वाले लोगों को तगड़ा झटका...जानें क्या होता हैं सर्किल रेट और कितनी बढ़ी दरें?
उत्तराखंड; सर्किल रेट में भारी बढ़ोतरी, अब जमीन खरीदना हुआ ओर महंगा!

देहरादून : प्रदेश में अब संपत्ति खरीदना पहले जैसा सस्ता नहीं रहा।
सरकार ने रविवार से पूरे प्रदेश में नए सर्किल रेट लागू कर दिए हैं, जिनमें इस बार 9 से लेकर 22 प्रतिशत तक की भारी बढ़ोतरी की गई है। यानी अब जमीन खरीदने से लेकर फ्लैट, दुकान या घर की रजिस्ट्री तक; हर कदम पर लोगों को पहले से ज्यादा पैसा चुकाना होगा। यह बढ़ोतरी दो साल बाद की गई है। सरकार ने तर्क दिया है कि तेजी से बढ़ती रियल एस्टेट गतिविधियों और जमीनों की ऊंची बाजार कीमतों को देखते हुए सर्किल रेट में संशोधन जरूरी था।

कहां-कहां बढ़े दाम?
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार के आदेश के अनुसार - देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, हल्द्वानी और नैनीताल जैसे तेजी से शहरीकरण वाले जिलों में सबसे ज्यादा (20–22%) वृद्धि की गई है। वहीं ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में औसतन 9–12% तक की बढ़ोतरी लागू की गई है। देहरादून जिला प्रशासन ने 5 अक्टूबर से नए सर्किल रेट लागू करने की घोषणा की है।

क्या होता है सर्किल रेट?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सर्किल रेट किसी भी इलाके में सरकार द्वारा तय की गई न्यूनतम दर होती है, जिस पर कोई संपत्ति खरीदी-बेची जा सकती है। यानी यह दर तय करती है कि रजिस्ट्री के समय सरकार को कितनी स्टांप ड्यूटी और टैक्स मिलेगा। यदि बाजार भाव सर्किल रेट से ज्यादा है, तो खरीदार को उसी हिसाब से ज्यादा रकम चुकानी पड़ती है।

क्यों बढ़ाए गए रेट?
सरकार के मुताबिक “प्रदेश के कई इलाकों में तेजी से नई कॉलोनियां, टाउनशिप और कमर्शियल प्रोजेक्ट खड़े हो रहे हैं। मौजूदा सर्किल रेट वास्तविक बाजार दरों से काफी नीचे थे, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था। इसलिए दरों को बाजार के अनुरूप लाना जरूरी था।”
वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने भी पुष्टि करते हुए कहा कि “सर्किल रेट में संशोधन से पारदर्शिता बढ़ेगी और सरकार का रेवेन्यू भी बढ़ेगा।”

आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा?
आपको बता दें कि सर्किल रेट बढ़ने से सबसे बड़ा झटका आम खरीदारों को लगा है। अब किसी भी फ्लैट, प्लॉट या दुकान की खरीद पर पहले से ज्यादा रजिस्ट्री शुल्क, स्टांप ड्यूटी और टैक्स देना पड़ेगा। रियल एस्टेट विशेषज्ञों के मुताबिक इस वृद्धि से औसतन संपत्ति की कीमतें 10–15 प्रतिशत तक महंगी हो जाएंगी। इससे नई बुकिंग पर असर पड़ सकता है, खासकर मध्यम वर्ग पर इसका सीधा बोझ पड़ेगा।

सरकार को क्या फायदा होगा?
विदित है कि जहां जनता को जेब ढीली करनी पड़ेगी, वहीं सरकार के लिए यह निर्णय एक राजस्व बूस्टर साबित होगा। हर संपत्ति की रजिस्ट्री पर मिलने वाला स्टांप शुल्क अब अधिक होगा, जिससे सरकारी खजाने में सैकड़ों करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होने का अनुमान है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह फैसला राजकोषीय घाटा कम करने में मदद करेगा, लेकिन इससे रियल एस्टेट मार्केट में सुस्ती भी आ सकती है।

दो साल की देरी के बाद लागू हुआ फैसला :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2023 में आखिरी बार सर्किल रेट में संशोधन किया गया था। इस बार जिलों से रिपोर्ट मंगाने के बाद शासन को कई त्रुटियां मिलीं, जिसके चलते प्रस्ताव वापस किए गए थे। संशोधन और समीक्षा के कई चरणों के बाद आखिरकार अक्टूबर 2025 में नया रेट लागू किया गया है।

अब घर या दुकान खरीदने वालों को जेब से अधिक रकम देनी होगी।
सरकार को राजस्व में बड़ा फायदा होगा। रियल एस्टेट मार्केट में थोड़ी मंदी आ सकती है। और आम आदमी को अब जमीन के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ेगा।

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