देहरादून : उत्तराखंड में जमीन से जुड़ी सबसे बड़ी परेशानी; दाखिल-खारिज की दौड़भाग अब इतिहास बनने जा रही है।
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि 1 जनवरी से प्रदेश में नया हाई-टेक भूलेख पोर्टल शुरू होगा, जिसके जरिए जमीन के दाखिल-खारिज से जुड़े हर अपडेट की सूचना लोगों को सीधे व्हाट्सएप और SMS पर मिलेगी। मतलब अब पटवारी, कानूनगो के चक्कर नहीं, न अफसरों की टेबल के आगे लाइन सब कुछ आपके मोबाइल पर रियल-टाइम में होगा।
मुख्य सचिव का बड़ा आदेश; अब जमीन के हर बदलाव की सूचना तुरंत जनता तक पहुंचे :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ हाई-लेवल मीटिंग कर भू-अभिलेखों के तेजी से डिजिटलाइजेशन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि “दाखिल-खारिज का स्टेटस बदलते ही जनता को तुरंत व्हाट्सएप और एसएमएस अलर्ट भेजे जाएंगे। नक्शे (सजरे) में भी रियल-टाइम अपडेट दिखाई देगा।” जमीन-जायदाद का ऐसा सिस्टम उत्तराखंड में पहली बार लागू होगा।
क्या-क्या मिलेगा नए भूलेख पोर्टल में?
गौरतलब है कि नए भूलेख पोर्टल में निम्नलिखित फायदें होंगें
●दाखिल-खारिज की लाइव ट्रैकिंग
●जैसे ही जमीन ट्रांसफर फाइल आगे बढ़ेगी; आपके फोन पर नोटिफिकेशन आ जायेगा।
●व्हाट्सएप और SMS पर तुरंत अलर्ट
●किसी भी स्टेप में बदलाव होने पर आटो अपडेट हो जाएगा।
●डिजिटल नक्शा (सजरा) से जैसे ही दाखिल-खारिज मंजूर होगा, नक्शे में रियल टाइम बदलाव हो जाएगा।
●भूमि अभिलेखों की प्रति ऑनलाइन उपलब्ध
अब न तहसील ऑफिस, न दलाल की जरूरत होगी। अब हर प्रति सीधे पोर्टल से डाउनलोड की जा सकेगी।
राजस्व अदालतों में भी क्रांति; ‘ई-कोर्ट सिस्टम’ 26 जनवरी 2026 तक लागू
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुख्य सचिव ने आदेश दिया कि -
RCMS पोर्टल (Revenue Court Management System) से पूरी तरह ई-कोर्ट व्यवस्था लागू होगी जिससे सभी मामलों का ऑनलाइन ट्रैकिंग हो सकेगी एवं पटवारी-कानूनगो के सत्यापन की समय सीमा भी तय की जाएगी। इससे जमीन विवादों का निपटारा अब तेज, पारदर्शी और ट्रैक करने लायक होगा।
आईटीडीए को भी सख्त निर्देश; “सिस्टम फेल नहीं होना चाहिए”
आपको यह भी बता दें कि मुख्य सचिव ने चेतावनी दी कि सर्वर मजबूत किया जाए ताकि तकनीकी सिस्टम फेल न हो। हर कर्मचारी को ट्रेनिंग दी जाए जिससे जनता को उपयोग में कोई दिक्कत न आए।
बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद:
गौरतलब है कि बैठक में निम्नलिखित अधिकारी भी मौजूद रहे।
●सचिव डॉ. एस.एन. पांडेय
●राजस्व आयुक्त रंजना राजगुरू
●जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल
●एनआईसी व आईटीडीए के वरिष्ठ अधिकारी
1 जनवरी से उत्तराखंड में जमीन से जुड़े कामों का पूरा सिस्टम स्मार्ट, डिजिटल और पारदर्शी हो जाएगा।
अब न फाइल गायब होगी, न कागज दबेंगे, न जानकारी छिपेगी। जमीन का हर अपडेट सीधे फोन पर होगा। यही डिजिटल उत्तराखंड 2026 की सबसे बड़ी छलांग साबित होगी।