उत्तराखंड में अब हर गाड़ी से वसूला जाएगा ग्रीन सेस!: ANPR कैमरों से बाहरी वाहनों पर कसेगा शिकंजा, फास्टैग से कटेगा पैसा...जानें क्या है ANPR और कितना लगेगा ग्रीन सेस
उत्तराखंड में अब हर गाड़ी से वसूला जाएगा ग्रीन सेस!

 देहरादून : उत्तराखंड की सरहदें अब हाईटेक हो चुकी हैं! जो वाहन चालक अब तक जुगाड़ से या चालाकी से ग्रीन सेस से बचकर उत्तराखंड में घुस जाया करते थे, उनकी अब खैर नहीं। परिवहन विभाग ने पूरे राज्य की सीमाओं को ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरों के हाईटेक जाल में कस दिया है। अब एक कैमरे से बच भी गए, तो दूसरा पकड़ लेगा  और ग्रीन सेस सीधा आपके फास्टैग से कट जाएगा।

कैसे काम करेगा नया सिस्टम? :

गौरतलब है कि उत्तराखंड के हर सीमाई चेकपोस्ट और अंदर तक कई जगहों पर ANPR कैमरे लगाए गए हैं। ऐसे में जैसे ही कोई बाहरी राज्य का वाहन उत्तराखंड में घुसेगा कैमरा नंबर प्लेट को पढ़कर उसे तुरंत सिस्टम में पहचान लेगा। इसके बाद गाड़ी मालिक के फास्टैग खाते से ग्रीन सेस की रकम अपने आप कट जाएगी। अगर किसी तकनीकी वजह से पहला कैमरा छूट गया, तो आगे लगे दूसरे कैमरे से कटौती पक्की होगी।

24 घंटे की वैधता का नियम :

आपको बता दें कि एक बार ग्रीन सेस कट गया तो उसकी वैधता 24 घंटे तक रहेगी।  यदि वाहन 24 घंटे के भीतर फिर उत्तराखंड की सीमा में एंट्री करता है, तो दोबारा सेस नहीं कटेगा। लेकिन 24 घंटे के बाद दोबारा एंट्री पर फिर सेस वसूला जाएगा। इससे बचने के सारे रास्ते बंद हो गए हैं।परिवहन विभाग के संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने साफ कहा है कि : "अब कोई वाहन ग्रीन सेस से नहीं बच पाएगा। पूरे राज्य में ANPR कैमरों का नेटवर्क तैयार है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से करार हो चुका है और पोर्टल से तालमेल भी हो रहा है।"

जानें कितना देना होगा ग्रीन सेस?

जानकारी के अनुसार वाहन का प्रकार     और ग्रीन सेस (₹) निम्लिखित रूप से कटेंगे।

◆भारी वाहन (3 एक्सल)     - ₹450
◆भारी वाहन (4-6 एक्सल) -     ₹600
◆7 एक्सल या उससे अधिक -    ₹700
◆मध्यम/भारी माल वाहन - (7.5-18.5 टन)    ₹250
◆हल्के माल वाहन - (3-7.5 टन)    ₹120
◆डिलीवरी वैन - (3 टन तक)    ₹80
◆भारी निर्माण उपकरण वाहन    - ₹250
◆बस (12 सीट से अधिक)    - ₹140
◆मोटर कैब/मैक्सी कैब/पैसेंजर कार     - ₹80

पर्यटन सीजन में तगड़ी वसूली का अनुमान :

गौरतलब है कि हर साल उत्तराखंड में लाखों बाहरी वाहन प्रवेश करते हैं, खासतौर पर चारधाम यात्रा और हिल स्टेशन पर्यटन सीजन में। ऐसे में ग्रीन सेस से सरकार को करोड़ों रुपये की कमाई होने का अनुमान है। साथ ही, इससे राज्य में प्रदूषण और ट्रैफिक का दबाव कम करने में मदद मिलेगी।

क्यों लगाया गया ग्रीन सेस? :

विदित है कि बाहरी राज्यों से उत्तराखंड में घुसने वाले भारी वाहनों और कारों से राज्य में प्रदूषण बढ़ता है। रोड में ट्रैफिक लोड बढ़ने से सड़कों के रखरखाव पर भारी खर्च आता है। इसी खर्च की भरपाई के लिए ग्रीन सेस लगाया गया है।

उत्तराखंड सरकार के इस कदम से बॉर्डर से बचकर अंदर के रास्ते घुसने की कोशिश भी नाकाम होगी। अंदरूनी मार्गों पर भी ANPR कैमरे लगाए गए हैं।  कैमरा आपको कहीं न कहीं पकड़ ही लेगा। इस तर उत्तराखंड में ग्रीन सेस की चोरी अब इतिहास बन जाएगी।

अन्य खबरे