अहमदाबाद को मिली 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी!: फेडरेशन ने दी मंजूरी, वहीं 2036 ओलंपिक, जानें 20 साल बाद भारत ने...
अहमदाबाद को मिली 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी!

नई दिल्ली/अहमदाबाद : भारत ने आखिरकार वह कर दिखाया, जिसका सपना दशकों से देखा जा रहा था। 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी अब अहमदाबाद को मिलने जा रही है, और यह फैसला न सिर्फ देश के लिए गर्व का क्षण है बल्कि भारत के 2036 ओलंपिक मिशन की दिशा में पहला निर्णायक कदम भी है।
कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स फेडरेशन (CGF) की कार्यकारी समिति ने भारत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, और इसका औपचारिक ऐलान 26 नवंबर 2025 को किया जाएगा।

भारत की जीत; एक सदी बाद नया इतिहास :

आपको बता दें कि 1930 में कनाडा के हैमिल्टन से शुरू हुए कॉमनवेल्थ गेम्स की 100वीं वर्षगांठ पर भारत मेजबान बनने जा रहा है। यानी 2030 में जब पूरी दुनिया खेलों के इस महाकुंभ को देखेगी, तब उसका केंद्र होगा; अहमदाबाद, भारत की धड़कन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य।

8 महीने की कड़ी दौड़; जब दुनिया में दो ही नाम बचे :

गौरतलब है कि 31 मार्च 2025 को बोली की अंतिम तारीख थी। दुनिया भर से केवल दो देश, भारत (अहमदाबाद) और नाइजीरिया (अबुजा) ने दावेदारी की। दोनों में मुकाबला कांटे का था, लेकिन भारत की तैयारी, इंफ्रास्ट्रक्चर और दीर्घकालिक दृष्टि ने सबको पछाड़ दिया।

जनवरी 2025: जब शुरू हुआ भारत का मिशन -

विदित है कि कहानी की शुरुआत जनवरी 2025 से हुई। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों ने गांधीनगर में CGF के वाइस प्रेसिडेंट क्रिस जेनकिंस से मुलाकात की। यहां अहमदाबाद को बतौर “संभावित होस्ट सिटी” पेश किया गया। तभी तय हुआ कि भारत कॉमनवेल्थ से ओलंपिक तक का सफर तय करेगा।

भारत की रणनीति: व्यवस्थित, दूरदर्शी और दमदार -

आपको बता दें कि मार्च से अगस्त 2025 के बीच भारत ने हर कदम सोच-समझकर बढ़ाया। 21 मार्च को भारत सरकार ने “लेटर ऑफ इंटेंट” दाखिल किया। जून में भारतीय प्रतिनिधिमंडल लंदन जाकर CGF मुख्यालय में विस्तृत प्रस्तुति दी।
भारत की योजना में थी –
● अत्याधुनिक स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर
● पूरी तरह तैयार खेल गांव (Games Village)
● आधुनिक सुरक्षा सिस्टम
● और आयोजन के बाद शहर के विकास की लॉन्ग टर्म विज़न
इस रणनीति ने कॉमनवेल्थ फेडरेशन को प्रभावित किया।

अहमदाबाद ने दिखाई ताकत :

13 अगस्त 2025 को IOA की विशेष आम बैठक में अहमदाबाद को सर्वसम्मति से चुना गया। फिर केंद्र सरकार ने भी हरी झंडी दी। सितंबर में आईओए अध्यक्ष पी.टी. उषा, गुजरात खेल मंत्री हर्ष सांघवी, और सीईओ रघुराम अय्यर ने CGF के समक्ष अंतिम प्रस्तुति दी। अहमदाबाद के मॉडर्न स्टेडियम नेटवर्क, ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी और हेरिटेज-टूरिज्म मॉडल ने सबका दिल जीत लिया।
और फिर... भारत का नाम तय हो गया!

क्यों अहमदाबाद है खास :

आइये जानते हैं वो कारण जो इस आयोजन की मेजबानी के लिए अहमदाबाद को ख़ास बनाते हैं।
● सरदार पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और मोटेरा स्टेडियम जैसी सुविधाएं
● मेट्रो, रिंग रोड और ग्रीन सिटी प्रोजेक्ट से तैयार स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर
● अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट और हजारों होटलों की क्षमता
● साथ ही, गुजरात की प्रशासनिक दक्षता और राजनीतिक स्थिरता ने इसे सबसे मजबूत दावेदार बनाया।

2036 ओलंपिक: अब असली मंज़िल -

विदित है कि कॉमनवेल्थ गेम्स जीतने के बाद भारत की निगाहें अब 2036 ओलंपिक पर हैं। यह आयोजन भारत की क्षमता और विज़न का ट्रेलर साबित होगा। केंद्र सरकार पहले ही “भारत ओलंपिक रोडमैप 2036” पर काम शुरू कर चुकी है। अगर सबकुछ तय योजना के अनुसार हुआ, तो आने वाले दशक में भारत वैश्विक खेल नेतृत्व की नई राजधानी बन सकता है।

स्पोर्ट्स एनालिस्टों के मुताबिक, यह सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सॉफ्ट पावर का प्रदर्शन है।
अहमदाबाद की यह जीत भारत को खेल-राजनीति के केंद्र में लाएगी।
2030 कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन न सिर्फ भारत की उपलब्धि है, बल्कि पूरी एशिया की प्रतिष्ठा का प्रतीक होगा। इससे भारत न केवल आर्थिक और सांस्कृतिक मोर्चे पर बल्कि खेल कूटनीति (Sports Diplomacy) के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयां छुएगा।

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