ताजमहल तक यमुना का पानी, 3 शहरों में हाहाकार!: मथुरा में नदी ने बदला रास्ता तो नोएडा की 100 झुग्गियां डूबीं? वहीं हथिनीकुंड और ओखला बैराज से...
ताजमहल तक यमुना का पानी, 3 शहरों में हाहाकार!

आगरा/मथुरा/नोएडा : यमुना नदी इन दिनों कहर बरपा रही है। हथिनीकुंड और ओखला बैराज से छोड़ा गया पानी अब यूपी के तीन बड़े शहरों पर आफत बनकर टूटा है। कहीं नदी ने अपना रास्ता बदल लिया है, कहीं लोग अपना घर-बार छोड़ने को मजबूर हैं, तो कहीं ताजमहल तक पानी पहुंच गया है।

मथुरा में नदी ने छोड़ा पुराना रास्ता, 5 गांव पानी में समाए :

आपको बता दें कि मथुरा में यमुना नदी ने इस बार अपना पुराना रास्ता ही बदल दिया। अब यह करीब 2 किलोमीटर दूर बह रही है। नदी का कटान इतना तेज हुआ कि शेरगढ़ रोड के तीन हिस्से पानी में समा गए। हालात ऐसे हैं कि लोग अपनी बाइक और कार ट्रैक्टर व बुग्गी पर रखकर ले जाते दिखे। जयसिंहपुरा और यमुना खादर इलाके के 200 से ज्यादा परिवार पलायन कर चुके हैं। कई गांव पूरी तरह खाली पड़े हैं।
एक स्थानीय शिक्षक विनायक यादव कहते हैं कि : “बाढ़ का पानी हमारे स्कूल तक घुस आया है। बच्चों की छुट्टियां कर दी गईं, लेकिन स्टाफ को डॉक्यूमेंट बचाने के लिए रोज आना पड़ रहा है।”
इतना ही नहीं, नौहझील के प्रसिद्ध राधारानी मंदिर तक जाने वाला पूरा रास्ता जलमग्न है। श्रद्धालु पानी के बीच से होकर मंदिर तक पहुंचने को मजबूर हैं।

नोएडा में 100 झुग्गियां डूबीं, लोगों ने किया पलायन :

गौरतलब है कि नोएडा सेक्टर-168 और आसपास के गांवों में बाढ़ का पानी तेजी से फैला है। यहां करीब 100 झुग्गियां पूरी तरह डूब चुकी हैं।
लोगों का कहना है कि उन्हें प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली। एक महिला ने बताया कि “रात के 1 बजे पानी आया। इतना भी समय नहीं मिला कि घर से राशन और सामान निकाल सकें। सब बह गया।”
ग्रेटर नोएडा के लतीफपुर गांव में तो 1000 बीघा से ज्यादा फसलें पानी में समा गईं। धान, ज्वार और बाजरे की पूरी बर्बादी हो चुकी है।

आगरा में ताजमहल तक पहुंचा पानी, घाट डूबे :

विदित है कि आगरा की स्थिति सबसे खतरनाक है। यमुना का पानी ताजमहल की दीवारों तक पहुंच गया है। दशहरा घाट, हाथी घाट और बल्केश्वर घाट पूरी तरह डूब चुके हैं।
काली भैरव मंदिर का प्लेटफॉर्म और रेलिंग तक पानी में गायब हो गई है। पूजा-पाठ रोकना पड़ा है। CISF को ताजमहल के पीछे अपनी चौकी भी हटानी पड़ी।

किसानों का भारी नुकसान :

गौरतलब है कि आगरा और मथुरा के कछार के खेतों में बाजरा, तिल और धान की फसलें डूब गई हैं। किसान अब अपने जानवरों के लिए चारे तक को तरस रहे हैं।

खतरे की घंटी :

विदित है कि यमुना का चेतावनी स्तर 495 फीट है, लेकिन फिलहाल यह 495.3 फीट पर बह रही है। अगर और पानी छोड़ा गया, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। हथिनीकुंड बैराज से 39045 क्यूसेक पानी औऱ ओखला बैराज से 89233 क्यूसेक पानी छूटने से खतरा बना हुआ है।

मथुरा में लोग घर छोड़कर भाग रहे हैं, नोएडा में गरीब परिवार मदद के इंतजार में हैं, आगरा में ताजमहल के पीछे का इतिहास पानी में डूबा है। यमुना का यह उफान यूपी के लिए इस वक्त सबसे बड़ा संकट बन गया है।

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