लखनऊ/प्रयागराज/वाराणसी : उत्तर प्रदेश इन दिनों आसमान से बरसते कहर की चपेट में है। लगातार बारिश ने नदियों को उफान पर ला दिया है और बाढ़ जैसे हालात बना दिए हैं। राज्य के 45 ज़िले बारिश से बेहाल हैं, 17 ज़िले पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 402 गांव जलमग्न हो गए हैं। लखनऊ में 50 घंटे से बारिश हो रही है, सड़कें नदियां बन चुकी हैं और सीवर का पानी लोगों के घरों में घुस गया है। हालात इतने भयावह हैं कि 22 ज़िलों में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है।
प्रयागराज-वाराणसी में डूबे घर, सड़कों पर नावें :
आपको बता दें कि प्रयागराज और वाराणसी में गंगा-यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। प्रयागराज में गंगा-यमुना करीब 2 मीटर ऊपर हैं, जबकि वाराणसी में गंगा हर घंटे 1 सेमी बढ़ रही हैं। यहां एक लाख से ज्यादा घरों में पानी घुस गया है, श्मशान घाट डूब चुके हैं और कई इलाकों में लोग नावों से घरों तक पहुंचने को मजबूर हैं।
एनडीआरएफ-SDRF की टीम ऐक्टिव, 11 सरकार के मंत्री ग्राउंड पर :
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत-बचाव के लिए ‘टीम-11’ मंत्रियों की गठित की है, जिन्हें सीधे ग्राउंड जीरो पर भेजा गया है। प्रभावित जिलों में 493 नावों और मोटरबोट्स के ज़रिए राहत पहुंचाई जा रही है। अब तक 47,906 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया, इसके साथ ही 2,759 मवेशियों को शिफ्ट किया गया। 343 मकान पूरी तरह से ढह गए। 905 बाढ़ शरणालयों में 11,248 लोग रह रहे हैं।
बंद नहीं हो रही बारिश – 44 जिलों में अलर्ट, 4 में रेड अलर्ट :
विदित है कि मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 36 घंटे तक उत्तर प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहेगी। 24 घंटे में अनुमान से 95% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ और पछुआ हवाओं की वजह से बनी परिस्थितियों के कारण यह हालात बने हैं।
स्मार्ट सिटी में डूबता सिस्टम, अखिलेश यादव का तंज :
आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, “स्मार्ट सिटी में हजारों करोड़ डूब गए, जनता को मिला सिर्फ जलभराव और बदहाल सड़कें।” उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार में हर योजना में कमीशनखोरी हावी है, और प्रयागराज जैसे शहरों में हजारों करोड़ खर्च के बावजूद लोग नावों के सहारे जीने को मजबूर हैं।
बाढ़ प्रभावित जिले – कहां-कहां बुरा हाल? :
गौरतलब है कि राज्य के 17 बाढ़ प्रभावित जिलों में आगरा, बांदा, वाराणसी, मीरजापुर, औरैया, चित्रकूट, प्रयागराज, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा, गाजीपुर, कानपुर नगर और बलिया जैसे जिले शामिल हैं।
खाने से लेकर दवाओं तक का इंतजाम :
विदित है कि सरकार ने 76,632 लंच पैकेट, 6,536 फूड पैकेट, 1.29 लाख क्लोरीन टैबलेट, 37,089 ओआरएस पैकेट, 29 लंगर कैंप बनाये हैं जिसमें बेसिक जरूरतों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। इसके साथ ही सरकार ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राहत सामग्री वितरित की है।
लखनऊ में हालात चिंताजनक :
विदित है कि इस समय सीवर फेल है, गलियां लबालब 50 घंटे से रुक-रुक कर मूसलधार बारिश हो रही है, मड़ियांव में सड़क धंसी, उसमें ठेला समा गया। कई घरों में पानी आ गया है, लोग बेघर हो गए हैं।
सीएम योगी की सख्त निगरानी :
विदित है कि मुख्यमंत्री स्वयं हर जिले की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। सभी डीएम और अफसरों को राहत कार्यों में कोई ढिलाई न बरतने का निर्देश दिया गया है। बाढ़ से जूझते प्रदेश के लिए सरकार ने युद्धस्तर पर मोर्चा खोल दिया है।