उत्तर-प्रदेश : उत्तर प्रदेश सरकार ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अगर आपने भी बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़े हैं और चालान की रकम जमा नहीं की है, तो अब आपकी गाड़ी और ड्राइविंग लाइसेंस दोनों पर कार्रवाई हो सकती है। इसका पहला वार सीधा 3 लाख गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन रद्द करने और 60 हजार ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड करने के लिए चिन्हित कर लिया गया है।
जानें क्या है मामला?
आपको बता दें कि राज्य में ऐसे लाखों वाहन और ड्राइवर हैं, जिन्होंने 5 या उससे अधिक बार चालान कटवाया है लेकिन जुर्माना नहीं भरा। इसके चलते सरकार को करीब 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अब सरकार ने ऐसे वाहनों और ड्राइवरों की पहचान शुरू कर दी है और उनकी आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) और डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस) रद्द या सस्पेंड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अब तक की कार्रवाई :
गौरतलब है कि 3,01,410 गाड़ियों को चिन्हित किया गया है, जिनकी RC रद्द की जाएगी। साथ 58,893 लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किए जाने का प्लान बनाया जा चुका है।जिनमें से अब तक 1,006 लाइसेंस और 3,964 RC को रद्द किया जा चुका है।
किन्हें होगी परेशानी?
विदित है कि जिन वाहनों के 5 या उससे ज्यादा चालान कटे हैं और जुर्माना जमा नहीं हुआ है, उनकी RC को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। इससे वे वाहन अब सड़क पर कानूनी तौर पर नहीं चल सकेंगे। इसी तरह जिन लोगों ने बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़े हैं, उनके ड्राइविंग लाइसेंस को भी रद्द किया जाएगा।
किन जिलों में सबसे ज्यादा हादसे हुए?
आपको बता दें कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन सबसे ज्यादा कानपुर, प्रयागराज और लखनऊ जैसे शहरों में देखा गया है।
जिला हादसे मौतें घायल
लखनऊ 1630 576 1165
कानपुर 1448 560 1132
गोरखपुर 1276 435 865
प्रयागराज 1246 547 832
आगरा 1223 586 984
आपको बता दें कि इन जिलों में विशेष निगरानी और सख्त अभियान चलाया जा रहा है।
सरकारी गाड़ियां क्यों बच जाती हैं?
विदित है कि सरकारी गाड़ियों का चालान ई-चालान सिस्टम से नहीं कटता, क्योंकि उनकी नंबर सीरीज़ (जैसे BG या EG) को सिस्टम में चालान से बाहर रखा गया है। इसलिए कई सरकारी वाहन ट्रैफिक नियमों का खुलेआम उल्लंघन करते हैं लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
चालान से कितनी वसूली :
गौरतलब है कि उत्तर-प्रदेश का परिवहन विभाग हर साल लाखों चालान काटता है और करोड़ों रुपये वसूलता है।
नीचे देखें आंकड़े {वसूली (₹ करोड़)} -
साल कुल चालान वसूली
2021 8.5 लाख ₹599.16 करोड़
2022 9.97 लाख ₹556.61 करोड़
2023 12 लाख ₹581.19 करोड़
2024 17.7 लाख ₹501.64 करोड़
2025 (जून तक) 8.78 लाख ₹252.59 करोड़
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह रकम सीधे राज्य सरकार के खजाने (ट्रेजरी) में जाती है और बुनियादी सुविधाओं पर खर्च होती है।
कौन-कौन से नियम तोड़ने पर कितना जुर्माना?
बिना हेलमेट: ₹1,000
सिग्नल तोड़ना: ₹1,000 से ₹5,000
ओवरस्पीडिंग: बाइक ₹1,000, कार ₹2,000, भारी वाहन ₹4,000
बिना लाइसेंस ड्राइव करना: ₹5,000
नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करना: ₹500-1,000
क्या कहा ट्रैफिक पुलिस ने?
गौरतलब है कि एडीजी ट्रैफिक के. सत्यनारायण के अनुसार: "लोग अक्सर कोर्ट में जाकर जुर्माना कम करा लेते हैं, इसलिए चालान नहीं भरते। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। ट्रैफिक नियमों का बार-बार उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
अगर आपने अब तक अपने चालान नहीं भरे हैं या ट्रैफिक नियमों को हल्के में लिया है, तो अब सतर्क हो जाइए। आपकी गाड़ी और लाइसेंस दोनों जब्त हो सकते हैं। सरकार की ये मुहिम सिर्फ जुर्माना वसूलने की नहीं है, बल्कि सड़क पर जान बचाने और अनुशासन लाने की बड़ी कोशिश है। नियमों का पालन करें, सुरक्षित रहें।