कई राज्यों में बैन के बाद उत्तर भारत में मचे हड़कंप के बीच, अब UP में भी कोल्ड्रिफ कफ सिरप बैन!: मेडिकल स्टोरों में छापेमारी, हर सिरप की होगी जाँच...जानें क्यूँ बन जाता यह सिरप बच्चों के लिए जहर?
कई राज्यों में बैन के बाद उत्तर भारत में मचे हड़कंप के बीच, अब UP में भी कोल्ड्रिफ कफ सिरप बैन!

लखनऊ/भोपाल : मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत के बाद अब उत्तर प्रदेश समेत पूरे उत्तर भारत में हड़कंप मच गया है। औषधि विभाग ने इस सिरप की बिक्री और स्टॉक पर तत्काल रोक लगाने का आदेश जारी किया है। साथ ही, मेडिकल स्टोरों को चेतावनी दी गई है कि यदि यह सिरप बिकता हुआ पाया गया तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि राजस्थान और मध्यप्रदेश में बच्चों की मौत के बाद जांच में खुलासा हुआ कि कोल्ड्रिफ सिरप (Coldref Cough Syrup) में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) नाम का जहरीला रसायन मिला हुआ है। यह वही केमिकल है जो पेंट, ब्रेक ऑयल और हाइड्रोलिक फ्लूड में इस्तेमाल किया जाता है। यही वजह है कि इस सिरप को पीने वाले बच्चों की किडनी फेल हो गई और मौतें हुईं। औषधि विभाग के अनुसार, Coldref Syrup (Batch No. SR-13, May 2025) को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह सिरप श्रीसन फार्मास्युटिकल्स, बेंगलुरु की कंपनी द्वारा बनाया गया था।

उत्तर प्रदेश में अलर्ट – स्टॉक की जानकारी मांगी गई :

गौरतलब है कि आगरा, लखनऊ, वाराणसी समेत सभी जिलों में औषधि विभाग ने मेडिकल स्टोरों से सिरप के स्टॉक की जानकारी मांगी है। सहायक आयुक्त (औषधि) अतुल उपाध्याय ने बताया कि - “अगर किसी स्टोर पर Coldref syrup पाया गया तो तुरंत विभाग को सूचित करें। इसे नष्ट करने या फेंकने की गलती न करें। बिक्री करते हुए पकड़े जाने पर लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।”
औषधि विभाग ने सभी औषधि निरीक्षकों को आदेश दिया है कि सोमवार से प्रदेशभर में अभियान चलाकर सभी ब्रांड के कफ सिरप के नमूने लिए जाएं और उन्हें लखनऊ की प्रयोगशाला भेजा जाए।

हर कफ सिरप की अब होगी जांच :

विदित है कि UP में अब केवल Coldref ही नहीं, बल्कि सभी कंपनियों के कफ सिरप की जांच होगी। सरकार ने आदेश दिया है कि सभी सिरप और उनमें प्रयुक्त Propylene Glycol या Glycerin का भी सैंपल लेकर टेस्ट किया जाए।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज़ कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPMSCL) को भी पत्र भेजकर कहा है कि अगर राज्य में कहीं यह सिरप सप्लाई हुआ हो या स्टॉक में हो, तो उसका वितरण तत्काल रोका जाए।

क्यों बन जाता है ये सिरप बच्चों के लिए ‘जहर’?

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र पिपले (भोपाल) के अनुसार “कफ सिरप में इस्तेमाल होने वाला सॉल्वेंट मीठा और फ्लेवरयुक्त होता है, ताकि बच्चे उसे पी सकें। लेकिन कई कंपनियां सस्ता इंडस्ट्रियल केमिकल डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मिला देती हैं, जो पेंट और ब्रेक ऑयल में उपयोग होता है। यही रसायन किडनी को नुकसान पहुंचाता है और बच्चों की जान ले लेता है।”
WHO के अनुसार, किसी भी दवा में DEG की मात्रा 0.1% से अधिक नहीं होनी चाहिए। इससे ज्यादा मात्रा जहरीली मानी जाती है।

पिछले 3 सालों में 300 से ज्यादा बच्चों की मौत :

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में इंडोनेशिया, गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और भारत में दूषित कफ सिरप पीने से 300 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। इन सभी मामलों में DEG या EG जैसे जहरीले केमिकल की पुष्टि हुई थी।

विशेषज्ञों की चेतावनी :

आपको बता दें कि विशेषज्ञों ने चेतावनी देते हुए कहा कि -

● दो साल से छोटे बच्चों को किसी भी प्रकार का कफ सिरप न दें।
● बड़े बच्चों को केवल डॉक्टर की सलाह पर ही सिरप दें।
● यदि सिरप पीने के बाद बच्चे को उल्टी, बेहोशी, या पेशाब बंद होने जैसी समस्या दिखे तो तुरंत अस्पताल ले जाएं।

सरकार ने दी सख्त चेतावनी :

राज्य सरकार ने साफ कहा है कि “Coldref या इसी तरह के किसी भी संदिग्ध कफ सिरप की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध है। मेडिकल स्टोरों को तुरंत स्टॉक की जानकारी देनी होगी, वरना लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।”

सस्ती दवा के लालच में बच्चों की जान से खिलवाड़ अब सरकार के रडार पर है। औषधि विभाग की टीमें सक्रिय हैं और आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में कफ सिरप की सघन जांच होने जा रही है।

अन्य खबरे