आगरा : आगरा ताजमहल की एक ‘दवा सप्लायर’ से लेकर ड्रग माफिया बनने की हैरतअंगेज़ कहानी ने हर किसी को चौंका दिया है। हिमांशु अग्रवाल, जो 15 साल पहले महज़ कुछ हज़ार रुपये के लिए गली-गली दौड़ने वाला एक छोटा सप्लायर था, आज 450 करोड़ के टर्नओवर वाला ड्रग माफिया बन गया। उसकी दवाएं सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि नेपाल और बांग्लादेश तक जा रही थीं। STF ने उसे रंगे हाथों पकड़ा, वो भी तब जब वह 3 बैग में भरे 1 करोड़ रुपए की रिश्वत देकर मामला दबाने आया।
कैसे बना छोटा सप्लायर से ड्रग माफिया?
आपको बता दें कि हिमांशु का सफर बेहद चौंकाने वाला है। शुरुआत चचेरे भाई बबलू के साथ की, जिसने कोडीन वाले बैन कफ सिरप का धंधा शुरू कर दिया। देखते-देखते हिमांशु भी इस कारोबार में कूद पड़ा और यूपी, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश तक सप्लाई शुरू कर दी। मोती कटरा में दुकान और गोदाम लिया, फिर कमलानगर में आलीशान कोठी बना डाली। वहीं 2019 में कर्मयोगी इनक्लेव के पॉश इलाके में 3 करोड़ के घर में शिफ्ट हुआ, बड़ी–बड़ी गाड़ियों का काफिला चलने लगा।
2022 में पहली बार चढ़ा रडार पर :
गौरतलब है कि इनकम टैक्स ने 2022 में हवाला रैकेट पकड़ा। उसमें हिमांशु का नाम सामने आया, नोटिस भी गया। लेकिन मामला वहीं दब गया। उसके बाद हिमांशु का नेटवर्क और बड़ा होता गया।
3 फर्म, करोड़ों का कारोबार :
आपको बता दें कि हिमांशु ने अपने कारोबार को छुपाने के लिए तीन फर्म बनाई -
●हे मां मेडिको
●बंसल मेडिकल एजेंसी
●केएनके फार्मा प्राइवेट लिमिटेड (रिश्तेदार अमिता अग्रवाल के नाम पर)
यहीं से असली खेल चलता रहा। दवाएं चेन्नई और पुडुचेरी से आतीं, री-लेबल होतीं और फिर नेपाल–बांग्लादेश तक भेज दी जातीं।
STF का शिकंजा और रिश्वत की पेशकश :
गौरतलब है कि 22 अगस्त को ड्रग विभाग और STF की टीम ने आगरा के दवा बाजार में छापा मारा। हे मां मेडिकल और बंसल मेडिकल के गोदाम से 3.23 करोड़ की नकली दवाएं बरामद हुईं। दवाओं में ग्लेनमार्क, सन फार्मा, जाइडस, सनोफी और यूएसबी जैसी बड़ी कंपनियों की नकली दवाएं शामिल थीं। इन दवाओं में कई लाइफ सेविंग ड्रग्स भी मिलीं, जिन पर फर्जी क्यूआर कोड लगाए गए थे। इसके बाद हिमांशु ने पहले एसोसिएशन के जरिए सेटिंग की कोशिश की। जब बात नहीं बनी तो खुद STF इंस्पेक्टर को वॉट्सऐप कॉल कर 1 करोड़ की डील ऑफर कर दी। वो तीन बैग में 500-500 के नोट लेकर पहुंचा। नोट इतने गीले थे कि गिनती मशीन पर नहीं चल पाए। शक है कि इन्हें जमीन में दबाकर रखा गया था। STF ने मौके पर ही हिमांशु को 1 करोड़ की रिश्वत के साथ धर दबोचा।
पड़ोसियों को नहीं था अंदाज़ा :
आपकी जानकारी को बता दें कि आगरा के पॉश एरिया कर्मयोगी इनक्लेव में रहने वाले हिमांशु का घर करीब 3 करोड़ का है। पड़ोसियों का कहना है कि “हमें तो बस पता था कि दवाओं का कारोबार करता है। कभी सोचा भी नहीं था कि ड्रग माफिया है।”
हिमांशु की गिरफ्तारी से आगरा ही नहीं, पूरे देश के दवा कारोबार में हड़कंप है। अब STF की जांच से खुलासा होगा कि उसका नेटवर्क कितना गहरा था और किन-किन बड़े नामों तक उसकी पहुंच थी।